डॉ.सोनी के बूते की
बात नहीं अस्पताल में प्रशासन!
(महेश रावलानी)
सिवनी (साई)।
प्रियदर्शनी स्व.श्रीमति इंदिरा गांधी के नाम से सुशोभित जिला चिकित्सालय में जबसे
सिविल सर्जन की कमान डॉ.सत्यनारायण सोनी को सौंपी गई है, तबसे यहां की
व्यवस्थाएं चरमराने लगी हैं। कर्मचारियों में अंदर ही अंदर यह बात तेजी से फैल रही
है कि जिला चिकित्सालय में प्रशासन की बात डॉ.सत्यनारायण सोनी के बूते की नहीं रह
गई है।
जिला चिकित्सालय
में जहां तहां गंदगी का साम्राज्य पसरा हुआ है। अस्पताल के कर्मचारी इस कदर
निरंकुश हो चुके हैं कि उन्हें वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का भी भय नहीं बचा है।
मरीजों के परिजनों से पेरामेडीकल स्टाफ द्वारा सदा ही दुर्वयवहार की शिकायतें मिल
रही हैं।
डॉ.सत्यनारायण सोनी
जिला चिकित्सालय में अस्सी के दशक से पदस्थ हैं। लंबे समय से सिवनी में जमे रहने
का राज भी लोगों की समझ से परे ही नजर आ रहा है। बीते दिनों भोपाल से आया वरिष्ठ
अधिकारियों का दल अवश्य ही जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाएं देखकर संतुष्ट हुआ होगा।
जब निरीक्षण (औचक
नहीं घोषित) चल रहा था तब चिकित्सक बाकायदा एप्रिन में तो बाकी कर्मचारी वर्दियों
में मुस्तैद नजर आ रहे थे। उस समय चिकित्सालय में मरीजों के परिचारकों से अस्पताल
के कर्मचारियों का व्यवहार देखते ही बन रहा था। कर्मचारियों के मुंह से भद्दी गाली
के बजाए फूल झड रहे थे।
जिला चिकित्सालय
में चहुंओर गंदगी पसरी हुई है। गंदगी को एकत्र करने वाले डस्ट बिन जगह जगह ना लगाए
जाकर ब्लड बैंक और चिकित्सकों के कक्षों के बीच के खाली स्थान में पानी और धूप खा
रहे हैं (चित्र देखें)। पर इसकी सुध ना तो डॉ.सत्यनारायण सोनी ही ले रहे हैं और ना
ही किसी अन्य को ही इसकी चिंता है।
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