बिना संस्थापना प्रमाण पत्र के चल रही पाण्डे क्लासेस
कोतवाली पुलिस ने नहीं दर्ज की मुसाफिरी!
(महेश रावलानी)
सिवनी (साई)। शहर के पॉश इलाके बारापत्थर में संचालित होने वाली पाण्डे
क्लासेस नगर पालिका सिवनी और गुमाश्ता विभाग की अनुमति के बिना ही धड़ल्ले से
संचालित हो रही है। पाण्डे क्लासेस में नगर निगम भोपाल द्वारा शर्तों के अधीन वर्ष
2006 में दिए गए प्रमाण पत्र हो ही अपनी दीवार पर चस्पा कर लोगों
को भ्रमित करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बारापत्थर में ब्रम्हकुमारीज आश्रम के समीप
संचालित होने वाली पाण्डे क्लासेस की दीवार पर एक प्रमाण पत्र चस्पा है। इस प्रमाण
पत्र में राज कुमार पाण्डे के पुत्र अनुराग पाण्डे को पाण्डे क्लासेस, दुकान नंबर सी - 47, परिजात काम्लेक्स, बिट्टन मार्केट, भोपाल में कोचिंग
क्लास चलाने के लिए लाईसेंस नंबर 88/155 जारी
किया गया है।
समाचार एजेंसी ऑॅफ इंडिया के भोपाल ब्यूरो से राजेश शर्मा ने बताया कि नगर
निगम भोपाल में जमा पाण्डे क्लासेस के आवेदन नंबर 94 दिनांक 13 जून 2006 के तहत यह लाईसेंस पांच सौ रूपए फीस लेकर नगर निगम भोपाल
द्वारा अखाद्य एवं अन्य सामग्री व्यापार संबंधी नगर पालिका निगम की धारा 356 एवं 427 के तहत दिया गया
है। यह लाईसेंस 01 अप्रेल 2005 से 31 मार्च 2006 तक के लिए वैध था।
इस लाईसेंस को सिवनी में संचालित पाण्डे क्लासेस की दीवारों पर चस्पा
करवाने का औचित्य समझ से परे ही है। इसी के साथ एक अन्य लाईसेंस भी एक अन्य दीवार
पर चस्पा है। दोनों ही लाईसेंस में ‘अहस्तांरणीय‘ स्पष्ट शब्दों में लिखा गया है। ये दोनों ही लाईसेंस भोपाल के
लिए वैध हैं।
जानकारों का कहना है कि सिवनी में लंबे समय से संचालित पाण्डे क्लासेस को
सिवनी में गुमाश्ता विभाग और नगर पालिका परिषद से संस्थापना प्रमाण पत्र लेना
अनिवार्य था। वहीं कोतवाली पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी संदेह के बादल ही मंडरा
रहे हैं,
क्योंकि पुलिस महानिरीक्षक संजय झा, जिला कलेक्टर भरत यादव एवं जिला पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ला
ने स्पष्ट तौर पर बाहर से आकर व्यवसाय करने वालों की मुसाफिरी दर्ज करवाने की बात
कही गई थी,
किन्तु पाण्डे क्लासेस के संचालकों द्वारा
इन नियमों को धता बताते हुए धड़ल्ले से अपना व्यवसाय संचालित किया जा रहा है।
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