एचपीसीएल के इशारे
पर हो रहे गलत काम!
(नन्द किशोर / दादू
अखिलेंद्र नाथ सिंह)
भोपाल / सिवनी (साई)।
हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) की शह पर, एनएचएआई के नियम
कायदों को धता बताई जा रही है सिवनी जिले के लखनादौन क्षेत्र में। एचपीसीएल के एक
पेट्रोल पंप का इश्तेहार नियम विरूद्ध तरीके से एनएचएआई की संपत्ति पर हो रहा है, पंप के सामने का
डिवाईडर किसी ‘अज्ञात‘ द्वारा लंबे समय
पहले तोड़ दिया गया है। अधिकारियों के संज्ञान में लाने के बाद भी वे मौन हैं।
उक्ताशय की चर्चाओं
का बाजार अब तेजी से गर्माने लगा है। कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार की नवरत्न
कंपनियों में से एक हिन्दुस्तान पैट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड की माली हालत अंदर
से गड़बड़ाने लगी है। संभवतः यही कारण है कि एचपीसीएल द्वारा संचालित पेट्रोल पंप पर
अब नियमों के प्रतिकूल काम करने की छूट प्रदाय की जाने लगी है।
राजधानी भोपाल में
एचपीसीएल के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कंपनी के
उच्चाधिकारियों के संज्ञान में इस बात को लाया गया था कि लखनादौन में स्थापित एक
पेट्रोल पंप का लाईसेंस एनएचएआई के नियमों को ही बलाए ताक पर रखकर दिया गया है।
नियमानुसार जहां डिवाईडर समाप्त हो रहा हो, जहां सड़क पर मोड़ हो वहां से एक किलोमीटर के
दायरे में कोई भी पेट्रोल पंप संस्थापित नहीं किया जा सकता है।
सूत्रों ने साई
न्यूज को आगे बताया कि लखनादौन में संचालित होने वाला राय पेट्रोलियम द्वारा
एनएचएआई के सूचना पटल के पीछे लगाए गए इश्तेहार के बारे में उच्चाधिकारियों को सब
कुछ पता है किन्तु इस पेट्रोल पंप से होने वाली ‘आय‘ एवं पंप संचालक के
राजनैतिक रसूख के आगे कोई भी अधिकारी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। भले ही
इससे एचपीसीएल की साख को बट्टा लग रहा हो।
यह इकलौता मामला
नहीं है जबकि एचपीसीएल की साख को बट्टा लगाया जा रहा हो। इसके पूर्व भी लखनादौन
में एक अन्य पेट्रोल पंप पर, स्टॉक में निर्धारित से अधिक मात्रा में तेल
मिलने की शिकायत की गई थी। उस वक्त लखनादौन के ही एक प्रभावशाली व्यक्ति के दबाव
में आकर एचपीसीएल द्वारा उक्त पेट्रोल पंप पर ताला मार दिया गया था। बाद में जब
पंप संचालक द्वारा दस्तावेज प्रस्तुत किए गए तो भी एचपीसीएल द्वारा उनकी एक नहीं
मानी गई।
बताया जाता है कि
वहीं दूसरी ओर राय पेट्रोलियम के इस पंप के सामने का सड़क डिवाईडर भी ‘‘अज्ञात‘‘ तरीके से ध्वस्त
किया जा चुका है। टूटे इस रोड डिवाईडर से दूसरी ओर से आने वाले वाहन यहां से डीजल
ओर पेट्रोल डलवाकर एचपीसीएल का खजाना भर रहे हैं। इस टूटे डिवाईडर के बारे में भी
एनएचएआई के सिवनी में पदस्थ कारिंदे महीनों से पता नहीं किस ‘दबाव‘ में ‘मौन‘ धारण किए हुए हैं।
एक तरफ तो एनएचएआई
के अधिकारी रात के स्याह अंधेरे में खवासा जाकर वहां पचधार के पुल की दरार देखकर
आवागमन रोकने का फरमान जारी कर देते हैं, पर ना तो सिवनी में पदस्थ दिलीप पुरी और ना
ही नरसिंहपुर के महेंद्र वाणी को महीनों से ध्वस्त पड़ा यह डिवाईडर दिखाई पड़ रहा
है। रही बात परियोजना निदेशक श्री सिंघई की तो वे तो अपने आप को किसी मंत्री से कम
नहीं समझते हैं।
जिले में चल रही
चर्चाओं के अनुसार एचपीसीएल और एनएचएआई दोनों ही की जुगलबंदी के चलते अवैध तरीके
से डीजल पेट्रोल बेचने के लिए प्रमोशन काम चल रहा है। इससे एनएचएआई तो ठीक है पर
एचपीसीएल की साख पर बुरी तरह बट्टा लग रहा है।
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