18 लाख के काम की निविदा जरूरी नहीं!
जो पूछना है
अध्यक्ष से पूछें,
हम कुछ भी नहीं बता सकते: सीएमओ चौधरी
(दादू अखिलेंद्र नाथ सिंह)
सिवनी (साई)। ‘लखन कुंवर की नगरी
में नगर परिषद् के हौसले इतने बुलंद हैं कि दूसरे की जमीन को अपना समझकर उस पर
सब्जी मण्डी का निर्माण करवा दिया गया वह भी 18 लाख रूपए की राशि
से, और इसके
लिए निविदा जारी करना भी उचित नहीं समझा है, नगर पंचायत लखनादौन ने।
जी हां, यह चर्चा है समूचे
जिले में। जब इस संबंध में 18 लाख रूपए की राशि की लागत से नवनिर्मित
सब्जी मण्डी के बारे में, इसकी निविदा कब जारी हुई, किन समाचार पत्रों
में इसका प्रकाशन हुआ, किन तिथियों में प्रकाशन हुआ, समाचार पत्र भारत
सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक कार्यालय में पंजीकृत हैं या नहीं, कब निविदा जारी की
गई, आदि
प्रश्नों के सबंध में नगर परिषद् के मुख्य नगर पालिका अधिकारी राधेश्याम चौधरी का
सुर आज बदला हुआ है।
अध्यक्ष से करें
चर्चा!
कल तक हर जानकारी
देने वाले लखन कुंवर की नगरी के मुख्य नगर पालिका अधिकारी राधेश्याम चौधरी (9424380458) से जब
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ने कथित तौर पर कृषि उपज मण्डी की जमीन पर नगर परिषद्
द्वारा बलात् रूप से दबंगई के साथ सब्जी मण्डी के निर्माण की निविदा के बारे में
जानकारी चाही गई तो उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि वे किसी भी तरह की जानकारी
नहीं दे सकते हैं। जो भी जानकारी लेना है वह अध्यक्ष से ली जाए! अध्यक्ष का मोबाईल
नंबर पूछने के पहले ही उन्होंने मोबाईल काट दिया।
क्या मीडिया को
नहीं है जानकारी देने का प्रावधान!
कल तक मीडिया से
फ्रेंडली व्यवहार रखने वाले लखनादौन नगर पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी
राधेश्याम चौधरी ने आखिर अचानक ही सुर क्यों बदल लिए, यह बात भी लोगों को
खटक ही रही है। कहा जा रहा है कि वैसे तो आम जनता में भद्र, ग्रहणी और सज्जन
महिला की छवि वाली नगर परिषद् की अध्यक्ष श्रीमती सुधा राय की दबंगई के चलते अब
मुख्य नगर पालिका अधिकारी राधेश्याम चौधरी भी खौफजदा हो गए हैं। संभवतः यही कारण
है कि उन्होंने अब मीडिया को जानकारी देने केे बजाए जो भी जानकारी लेना है अध्यक्ष
से लें का ‘टेप‘ बजाना आरंभ कर दिया
है।
नहीं हुआ विधिवत
टेंडर
वहीं, नगर परिषद् लखनादौन
के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मूलतः कृषि उपज मण्डी की जमीन
को बलात् ही कब्जा कर इसे सब्जी मण्डी में तब्दील करने की गरज से, नगर परिषद् लखनादौन
द्वारा आनन फानन ही 18 लाख रूपए का टेंडर निकाल कर अपने चहेते ठेकेदार को यह काम दे
दिया गया है। इसकी निविदा किसी को भी, किसी समाचार पत्र में देखने को नहीं मिली
है।
सूचना के अधिकार
में निकलेगी जानकारी!
वहीं, कुछ आरटीआई
एक्टिविस्ट अब इस जानकारी को सूचना के अधिकार के तहत निकालने की तैयारी में लग गए
हैं कि आखिर यह गड़बड़झाला हुआ तो हुआ कैसे।
कांग्रेस भाजपा
पार्षदों पर शक की सुई!
यह काम अगर नियम
विरूद्ध कराया गया तो इस काम को अंजाम देते समय कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों की
भूमिका पर भी शक की सुई घूम रही है। माना जा रहा है कि सभी पार्षद 53 ग्रेड की सीमेंट
के मानिंद ही पूरी तरह सैट होते जा रहे हैं।
देखने लायक है नगर
परिषद् की दबंगई
अगर आप चित्रों को
देखें तो उसमें अंकित तिथियों में पाठकों को साफ दिखाई दे जाएगा कि अनुविभागीय
दण्डाधिकारी कार्यालय लखनादौन के स्थगन के उपरांत भी यहां लखनादौन नगर परिषद् के
अध्यक्ष और भद्र तथा कुलीन ग्रहणी की छवि वाली श्रीमती सुधा राय की कथित तौर पर
दबंगई के चलते काम जारी रहा। कहा जा रहा है कि समूचे लखनादौन शहर को यह दिखाई देता
रहा, पर न जाने
क्यों इस पर स्थगन देने वाली अनुविभागीय दण्डाधिकारी लखनादौन लता पाठक की नजर नहीं
पड़ पाई।
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