गुरुवार, 1 अगस्त 2013

स्थिति बेकाबू हो सकती है डेंगू, मलेरिया की!

स्थिति बेकाबू हो सकती है डेंगू, मलेरिया की!

समय रहते निकम्मी नगर पालिका ने उठाए होते कदम तो आज नागरिक नहीं होते हलाकान

(दादू अखिलेंद्र नाथ सिंह)

सिवनी (साई)। सिवनी शहर में मलेरिया और डेंगू की स्थिति को बेकाबू होने में समय नहीं लगेगा। अभी डेंगू के चार मरीजों की पुष्टि प्रशासन ने की है तो एक मलेरिया के मरीज की मौत की खबर आ गई है। निकम्मी नगर पालिका प्रशासन के अड़ियल रवैए के चलते शहर पूरी तरह महामारी की जद में आ चुका है। साफ सफाई के अभाव में मच्छरों के प्रजनन के लिए बेहद अनुकूल वातावरण तैयार होता जा रहा है।

कहां थी फागिंग मशीन!
नगर पालिका परिषद के पास दो फागिंग मशीन हैं। ये दोनों ही मशीनें शोभा की सुपारी बनी हुई हैं। पार्षद तो इन मशीनों को सफेद हाथी ही आंकते हैं। इसका कारण यह है कि साल में गर्मी के मौसम में बमुश्किल पंद्रह से बीस दिन तक ये फागिंग मशीन बिना दवाई के धुआं उड़ाती दिख जाती है, वह भी व्हीव्हीआईपी एरियाज में। बाकी पूरा शहर मच्छरों से हलाकान ही रहता है। साल भर यह मशीन पालिका के स्टोर की शोभा बढ़ाती है।
मजे की बात तो यह है कि इस मशीन की खुराक के लिए साल भर का तेल और दवा की स्वीकृति पालिका के बजट में की जाती है। आश्चर्य तो इस बात पर है कि कांग्रेस के पार्षदों के वार्ड में यह मशीन नहीं घूमती पर जब इसके लिए राशि के आहरण का बजट प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाता है तो कांग्रेस के पार्षद भी मेजें थपथपाकर उसे पारित करवा देते हैं। कुल मिलाकर सभी की सहमति से नगर पालिका परिषद् में पैसों का बंदरबांट किया जाता है।

मलेरिया ने ली एक की जान
मुस्लिम धर्मावालंबियों के मुकद्दस रमजान माह और हिन्दुओं के पवित्र श्रावण मास में भी नगर पालिका प्रशासन द्वारा शहर की सुध नहीं ली गई है। समूचा शहर गंदगी से बजबजा रहा है। जगह जगह पानी जमा है जो मच्छरों के प्रजनन के लिए बेहद मुफीद माहौल को तैयार कर रहा है। शहर का कोई इलाका ऐसा नहीं होगा जहां मच्छरों की फौज लोगों को हलाकान ना कर रही हो। प्राप्त जानकारी के अनुसार छोटी मस्जिद चौक निवासी मुन्ना भाईजान के बीस साल के साहेबजादे बंटी को बुखार आया। बताया जाता है कि बंटी का मलेरिया पाजेटिव निकला। इलाज के दौरान ही बंटी का निधन हो गया।

विधायक पति हैं मलेरिया अधिकारी!
सिवनी में मशहूर काटूर्निस्ट रिप्लेका मानो ना मानोसीरियल जिसमें अजब गजब सच्ची चीजों का बखान होता था, एकदम सही बैठता है। जिला मलेरिया अधिकारी की कमान जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉ.एच.पी.पटेरिया के हाथों में है। अपनी लगभग समूची सरकारी सेवा एकमात्र सिवनी जिले में ही पूरी करने वाले डॉ.पटेरिया पूर्व सांसद एवं सिवनी विधायक श्रीमति नीता पटेरिया के पति हैं।
श्रीमति पटेरिया द्वारा जनसेवा का दंभ सदा ही भरा जाता रहा है, उनके बारे में उनके परिचित और समर्थक यह कहते नहीं थकते कि वे संवेदनशील हैं। अब सवाल यह है कि अगर डॉ.पटेरिया के रहते सिवनी में मलेरिया से एक मौत हो जाए, और डेंगू जैसे खतरनाक रोग के चार मरीज मिलें तब क्या बतौर भाजपा विधायक श्रीमति नीता पटेरिया द्वारा अपने ही पति डॉ.पटेरिया और भाजपा के नगर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी के खिलाफ कठोर कार्यवाही का पत्र मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को लिखकर कार्यवाही कराने का साहस किया जा सकेगा?

डेंगू का मच्छर नहीं पहचानता सीमा!
वहीं, दूसरी ओर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.वाय.एस.ठाकुर भी इसके लिए जिम्मेदार माने जा सकते हैं। डॉ.ठाकुर की पत्नि श्रीमति शशि ठाकुर लखनादौन की विधायक हैं। डॉ.ठाकुर के हस्ताक्षरों से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि विवेकानन्द वार्ड में डेंगू के दो मरीज मिले हैं। डेंगू प्रभावित वार्ड में टेमीफॉस नामक दवा, पानी के भराव वाले क्षेत्र में डाली जा रही है, ताकि मच्छरों के लार्वा को नष्ट किया जा सके। डॉ.ठाकुर शायद यह भूल रहे हैं कि मच्छर इंसान नहीं है कि वह भारत पाकिस्तान सीमा को पार नहीं करेंगे। मच्छर तो स्वच्छंद है और उसे किस वार्ड की सीमा क्या है, इस बारे में भान नहीं होता है।

का वर्षा जब कृषि सुखानी
बहुत पुरानी कहावत है का वर्षा जब कृषि सुखानीअर्थात जब खेती ही सूख चुकी है तब बारिश होने का क्या फायदा! इसी तरह नगर पालिका प्रशासन द्वारा अब तक मच्छरों से निपटने के उपाय नहीं किए गए अब जब हालात् बेकाबू होने को हैं तब फागिंग मशीन और दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। जिला कलेक्टर भरत यादव से अपेक्षा है कि डेंगू और मलेरिया के लिए नगर पालिका प्रशासन की जिम्मेदारी तय करते हुए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करें।

कलेक्टर लें बैठक, दें कड़े निर्देश
जिला कलेक्टर भरत यादव के हुक्मों की तामील में सरकारी नुमाईंदे कितने संजीदा है यह बात शनैः शनैः उभरकर सामने आती जा रही है। इसलिए जिला कलेक्टर भरत यादव को चाहिए कि वे तुरंत स्वास्थ्य विभाग, पालिका प्रशासन की एक बैठक लेकर शहर की साफ सफाई, आवारा मवेशियों और जानवरों विशेषकर सुअर और कुत्तों की धरपकड़ के अभियान, बरसात के पानी के एकत्रीकरण को रोकने आदि के अभियान हेतु कड़े निर्देश जारी करें।

तय करना होगा समय सीमा
जिला कलेक्टर भरत यादव के निर्देशों की हुक्मउदूली की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। जिला कलेक्टर को चाहिए कि वे इस तरह के संगीन मामलों में अपने निर्देशों को निश्चित समय सीमा (टाईम फ्रेम) तय करें। समय सीमा बीतने पर हुक्म उदूली करने वाले कारिंदे के खिलाफ कठोर कार्यवाही कर नजीर पेश करें ताकि प्रशासन का भय कर्मचारी, अधिकारियों में बन सके।

जिम्मेदारी से ना भागें सियासी दल

शहर में विपदा आन पड़ी है और सियासी दलों के प्रवक्ता शांत हैं। केंद्र और प्रदेश की सियासी हलचलों पर तबियत से गोले दागने वाले भाजपा और कांग्रेस के प्रवक्ता यह भूल जाते हैं कि भोपाल और दिल्ली में उन्ही के दलों के प्रवक्ता नियुक्त हैं जिनके कामों में हस्ताक्षेप जिला प्रवक्ताओं को नहीं करना चाहिए। शहर की इस नाजुक और गंभीर हालत में कांग्रेस और भाजपा सहित समस्त सियासी दलों से यही अपेक्षा है कि वे चुने हुए जनप्रतिनिधियों से रिश्तेदारी निभाना छोड़कर जनता के प्रति अपना दायित्व निभाएं ना कि जिम्मेदारियों से भागें।

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