भाजपा के माथे पर कालिख!
(शरद खरे)
सत्तारूढ़ भाजपा की पेशानी अब कीचड़ से सनी दिख रही है। कहीं संगठन के खिलाफ
नारे लग रहे हैं तो कहीं, अपनी ही सरकार के
खिलाफ चुने हुए प्रतिनिधि हड़ताल पर बैठे हैं। कहीं भाजपा के मण्डल अध्यक्ष को
अधमरा कर दिया जाता है तो कहीं भाजपा के नगर मण्डल अध्यक्ष को दो घंटे तक थाने में
निरूद्ध कर रखा जाता है। कुल मिलाकर भाजपा के राज में सिवनी में सब कुछ ठीक ठाक
नहीं चल रहा है।
भाजपा के नगर मण्डल अध्यक्ष लखनादौन को कोतवाली लखनादौन में दो घंटे
बिठाकर रखा गया। बाद में नगर पंचायत लखनादौन के मुख्य नगर पालिका अधिकारी
राधेश्याम चौधरी द्वारा भाजपा के प्रस्तावित कार्यालय में बाधा उतपन्न करवाई जाती
है। लखनादौन में आधी रात तक सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों को धता बताकर कानफाडू
डीजे के शोर में बार बालाएं नाचती हैं। लखनादौन में मुख्य मार्ग के निर्माण में
ठेकेदार की मदद की जाती है। कृषि उपज मण्डी की जमीन पर बलात् कब्जा कर नगर पंचायत
द्वाराा सब्जी मण्डी का निर्माण किया जाता है, वह भी माननीय न्यायालय के स्थगन के उपरांत। राष्ट्रीय
राजमार्ग पर नाली निर्माण की अनुमति के बाद वहां कालम खड़े किए जाते हैं। भाजपा कुछ
मामलों में अपनी शिकायत दर्ज कराकर पावती लेकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेती
है। लखनादौन में निर्दलीय के नेतृत्व में नगर पंचायत काम कर रही है। लखनादौन के
हालात देखकर लगता है मानो यह भारत गणराज्य का अंग ही नहीं रह गया है। लखनादौन में
नगर पंचायत में भाजपा के पार्षद हैं, पर बैठकों में ये
पार्षद अपना विरोध दर्ज नहीं कराते हैं।
इसी तरह मुंगवानी के भाजपा मण्डल अध्यक्ष अपनी ही सरकार के खिलाफ अमरण
अनशन पर बैठे। मुंगवानी भाजपा मण्डल अध्यक्ष सतेंद्र सिंह ठाकुर का आरोप है कि
चंदोरी खुर्द यानी बांकी सहकारी समिति के प्रबंधक द्वारा लगभग पांच करोड़ का गोलमाल
किया गया है। इस घोटाले में भाजपा की निरीहता तो देखिए, बार बार जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी उनकी
शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं होने पर वे अनशन पर बैठने की तैयारी में लग गए। अपनी
ही सरकार के सामने सीना ठोंककर खड़े हुए सतेंद्र सिंह ठाकुर। उन्होंने किसी की नहीं
सुनी। जब तक उन्हें लिखित में आश्वासन नहीं मिला वे वहां से नहीं डिगे।
वहीं छपारा में मण्डल अध्यक्ष धर्मंेंद्र सिंह ठाकुर पर प्राणघातक हमला
हुआ। धर्मंेंद्र ठाकुर ने इसे राजनैतिक हमला बताया और पूर्व युवा मोर्चा अध्यक्ष
नवनीत सिंह ठाकुर को इसके लिए दोषी बताया। वहीं नवनीत सिंह ठाकुर का बयान आया कि
वे बीच बचाव के लिए गए थे। भाजपा के ही लोगों का कहना है कि अगर नवनीत सिंह ठाकुर
वक्त पर नहीं पहुंचते तो अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता था। कहा जा रहा है कि
नवनीत सिंह ठाकुर को फंसाने के बजाए धर्मंेंद्र सिंह ठाकुर को उनका अहसान मानना
चाहिए कि नवनीत के कारण ही वे बच पाए।
छपारा में चल रही चर्चाओं के अनुसार भाजपा मण्डल अध्यक्ष का काम कुछ
आपत्तिजनक ही रहा है। उनके बारे में कहा जाता है कि एक मर्तबा बस स्टैंड पर ही
उन्होंने तत्कालीन नगर निरीक्षक की, वर्दी में ही
कालर पकड़ ली थी। इस पर नाराज पुलिस कर्मियों ने उनकी खासी मरम्मत की थी। कहा जाता
है कि ठेकों में अवैध वसूली के संगीन आरोप भी हैं धर्मेंद्र सिंह ठाकुर पर। इतना
ही नहीं छपारा में चल रही चर्चाओं को अगर सच माना जाए तो वहां बैनगंगा तट पर बना
पीडब्लूडी का रेस्ट हाउस भी रात को मयखाने में तब्दील हो जाया करता है और देर रात
तक वहां महफिलें सजती हैं। इन महफिलों में भी भाजपा के नेताओं का शुमार होता है।
कहा जा रहा है कि धर्मंेंद्र सिंह ठाकुर का असली विवाद लेनदेन का है। उनके
बारे में चर्चा है कि वे हर काम में कमीशन की मांग किया करते रहे हैं। उनके ऊपर
हुए हमले के बाद उनके पक्ष में सहानुभूति कम ही दिख रही है जिससे साफ हो रहा है कि
वे कहीं न कहीं गलत रास्ते पर थे। वे सही थे या गलत यह तो वे ही जानें किन्तु
भाजपा के मण्डल अध्यक्ष का प्रभार सौंपने के पहले क्या भाजपा द्वारा उनके बारे में
पूरी तफ्तीश नहीं की गयी थी। जिसने भी उन्हें अध्यक्ष बनाने की सिफारिश की थी, क्या जिला भाजपा संगठन उस पर कार्यवाही करने का माद्दा
दिखाएगा?
29 सितम्बर को प्रदेश के मुखिया का सिवनी आगमन होने जा रहा है। प्रदेश के
मुखिया के सामने हो सकता है सिवनी में भाजपा की चरमराती स्थिति का बखान हो। भाजपा
के अंदर एक संस्कृति पनपती दिख रही है, जो एक दूसरे पर
लांछन लगाने की है। वैसे तो हर दल में एक दूसरे पर लांछन लगाये जाने की परंपरा नई
नहीं है। किन्तु भाजपा काडर बेस्ड पार्टी हैै, और भाजपा को अनुशासित दल माना जाता रहा है।
सिवनी में आम आदमी कराह रहा है। ऐसा नहीं है कि भाजपा संगठन को इन सारी
बातों की माहिती न हो। भाजपा संगठन सब कुछ, देख सुन रहा है।
रोज डेंगू के मरीजों की खबरें मिल रही हैं, पर भाजपा का
संगठन स्वास्थ्य विभाग की मश्कें इसलिए नहीं कस पा रहा होगा क्योंकि भाजपा के दो
विधायकों के पतियों के हाथ में स्वास्थ्य विभाग की कमान जो ठहरी। भाजपा को जब कमल
का चिन्ह आवंटित हुआ था उस वक्त भाजपाई ही कहा करते थे कि देश को कांग्रेस ने कीचड़
में तब्दील कर दिया है और कीचड़ में ही कमल खिला करते है। सिवनी में यह उक्ति
चरितार्थ तो होती दिख रही है किन्तु सिवनी में भाजपा के कमल द्वारा ही कीचड़ मचाया
जा रहा है,
जो चिंता का विषय है। भाजपा संगठन को संभलना
होगा, जिला वासियों की समस्याओं के लिए सिर्फ पत्र लिखकर अपनी नस्ती
मोटी करने से कोई लाभ नहीं, क्योंकि समस्याएं
जस की तस ही हैं। जरूरत है पत्र लिखने के बजाए कदम उठाने की, वरना आने वाले चुनावों में जनता का मूड अगर बदला तो . . .।
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