चिकित्सालय में तीन ही चिकित्सक लिखते हैं सही दवाएं: डॉ.सोनी
संचालनालय, कलेक्टर व सीएमओ
के निर्देश मायने नहीं रखते डॉ.सत्यनारायण सोनी के लिए
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। ‘जिला चिकित्सालय
में पदस्थ तीन विशेषज्ञ ही सही दवाएं लिखते हैं, बाकी चिकित्सकों की लिखी दवाओं पर भरोसा नही किया जा सकता है।
पेंशनर्स को दवाएं अगर चाहिए तो इन्हीं तीन मेडीकल स्पेशलिस्ट को दिखाएं और इनसे
दवाएं लिखवाएं। अगर ये चिकित्सक ओपीडी में नहीं मिलते हैं तो इनके मिलने तक
पेंशनर्स इंतजार करें नहीं तो दूसरे या तीसरे दिन या रोज आकर इनका इंतजार करें, फिर दवाएं लिखवाएं।‘
उक्ताशय की बात जिला चिकित्सालय सिवनी के चर्चित सिविल सर्जन
डॉ.सत्यनारायण सोनी द्वारा आज आरएमओ डॉ.पुरूषोत्तम सूर्या, डॉ.टीकाराम बांद्रे और डॉ.दीपक अग्निहोत्री की उपस्थिति में
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कही गयीं। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया
द्वारा जब उनसे यह पूछा गया कि पेंशनर्स को दवाएं अस्पताल से मिलने की क्या
व्यवस्था है? तो उन्होंने कहा कि अस्पताल से
पेंशनर्स को दवाएं मिल रही हैं और अगर अस्पताल में नहीं हैं तो उन्हें खरीदकर दी
जा रही हैं।
विशेषज्ञ हैं अधिकृत
डॉ.सत्यनारायण सोनी ने कहा कि उनके द्वारा पेंशनर्स को दवाएं लिखने के लिए
भेषज विशेषज्ञों को अधिकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि चिकित्सालय में
डॉ.ए.के.तिवारी, डॉ.एस.के.नेमा और डॉ.टीकाराम बांद्रे
विशेषज्ञ के रूप में पदस्थ हैं। उन्होंने कहा कि पेंशनर्स को अगर दवाएं चाहिए या
अस्पताल द्वारा बाजार से खरीदकर दवाएं दें तो इसके लिए पेंशनर्स को सिर्फ और सिर्फ
विशेषज्ञों से दवाएं लिखवाना जरूरी है। अगर विशेषज्ञ दवाएं नहीं लिखते हैं, तो उन्हें बाजार से दवा खरीदकर कतई नहीं दी जाएगी।
विशेषज्ञ के अलावा भरोसा नहीं
जब डॉ.सत्यनारायण सोनी से यह पूछा गया कि उनकी इस बात का यह आशय निकाला
जाए कि सिविल सर्जन को विशेषज्ञ के अलावा अन्य चिकित्सकों पर भरोसा नहीं है, और बाकी के चिकित्सक गलत दवाएं लिख रहे हैं? इस पर डॉ.सत्यनारायण सोनी ने कहा कि हो सकता है बाकी के
चिकित्सक गलत दवाएं लिख रहे हों। जब डॉ.सत्यनारायण सोनी की इस बात पर डॉ.बांद्रे, डॉ.सूर्या और डॉ.अग्निहोत्री से पूछा गया कि क्या वे गलत
दवाएं लिखते हैं तो तीनों महज मुस्कुरा दिए।
नहीं मिलते विशेषज्ञ
डॉ.सत्यनारायण सोनी के संज्ञान में यह बात लाई गई कि ओपीडी में बने
विशेषज्ञ कक्ष जिसमें सिर्फ डॉ.ए.के.तिवारी के नाम की ही ‘नेम प्लेट‘ लगी है, में कोई विशेषज्ञ ही नहीं मिलता तो मरीज आखिर कहां जाए? इस पर उन्होंने छूटते ही कहा कि एक विशेषज्ञ अवकाश पर हैं, दूसरे राउंड पर होंगे तथा तीसरे डॉ.टीकाराम बांद्रे उनके
सामने ही पुलिस के लिए कुछ जांच कर रहे हैं। डॉ.सत्यनारायण सोनी ने कहा कि
डॉ.बांद्रे दो दिन पुराना काम निपटा रहे हैं, इस कदर कमी है
चिकित्सकों की प्रियदर्शनी के नाम से सुशोभित जिला चिकित्सालय में!
ओपीडी के बाद करवाएं अन्य काम!
जब डॉ.सत्यनारायण सोनी से यह कहा गया कि अगर इस तरह के काम संपादित ही
करवाना है तो बेहतर होगा कि ओपीडी के समय सुबह आठ से एक बजे के बाद इन कामों को
संपादित करवाया जाए ताकि कम से कम पेंशनर्स को तो विशेषज्ञ की लिखी सही दवाएं मिल
सकें। इस पर वे मुस्कुराते ही रहे।
रात भर की ड्यूटी अब देना है बयान
मौके पर उपस्थित डॉ.दीपक अग्निहोत्री से सीएस डॉ.सत्यनारायण सोनी कुछ
वाद-विवाद कर रहे थे। बात मोबाईल के स्विच ऑफ होने की हो रही थी। जब डॉ.दीपक
अग्निहोत्री से पूछा गया कि वे ओपीडी के समय डॉ.सत्यनारायण सोनी के ‘दरबार‘ में क्या कर रहे
हैं तो उन्होंने बताया कि उनकी नाईट ड्यूटी थी। वे रात भर ड्यिूटी कर सुबह घर गए
थे, और फिर पेंशनर्स को दवाएं न लिखने की शिकायत पर संवदेनशील जिला
कलेक्टर द्वारा दिए गए आदेशों के उपरांत होने वाली जांच में बयान देने के लिए आए
हैं। ज्ञातव्य है कि डॉ.दीपक अग्निहोत्री द्वारा वरिष्ठ पेंशनर डी.बी.नायर को दवा
नहीं लिखने का कारण सिविल सर्जन डॉ.सत्यनारायण सोनी द्वारा मौखिक तौर पर दिए
निर्देश बताया गया था। इसकी शिकायत डी.बी.नायर द्वारा जिला कलेक्टर से की गई थी।
जिला कलेक्टर द्वारा इसकी जांच आहूत करवा दी है।
दवा काउंटर है खाली!
जब सिविल सर्जन डॉ.सत्यनारायण सोनी से यह पूछा गया कि दीनदयाल दवा वितरण
कक्ष में बने पेंशनर्स के प्रथक काउंटर में कोई कर्मचारी नहीं रहता है? तो उन्होंने कहा कि पेंशनर्स भी तो घिसट घिसट कर आते हैं, अब कोई कर्मचारी आखिर कब तक उनकी रास्ता देखेगा। बाजू के
सामान्य काउंटर में दवा मिलती है वहीं से ले ली जाए।
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