चुनाव पूर्व ही हिलने लगीं भाजपा संगठन की चूलें!
रजनीश के संरक्षण से डकर रहे हैं छपारा कलॉ के सचिव और शिक्षक पटेल, लखनादौन नगर परिषद् के मामले में मौन है संगठन!
(संजीव प्रताप सिंह)
सिवनी (साई)। लगभग दो दशकों से सिवनी में एक छत्र राज्य करने वाली भाजपा
के लिए आने वाले चुनाव काफी हद तक सरदर्दी वाले साबित हो सकते हैं। भाजपा के चुने
हुए जनसेवकों ने जिस तरह से कार्यकर्ताओं और रियाया की उपेक्षा की है वे बातें अब
खुलकर सामने आने लगी हैं। कल तक भाजपा पर यह आरोप लगता रहा है कि वह कांग्रेस के
क्षत्रप रहे हरवंश सिंह ठाकुर के इशारों पर चलती आई है, वह दाग अभी तक धुल नहीं सका है। भाजपा की ओर से सिवनी में एक
भी मंत्री नहीं है, तीन विधायक और एक
सांसद हैं जो इस दिशा में मौन साधे बैठे हैं ऐसी स्थिति में लोगों की संगठन से ही
आस बनी हुई है।
सिवनी जिले में भाजपा संगठन की ओर से अनुशासनहीनता करने वालों के साथ भी
लचीला रवैया अपनाया जाता रहा है। इसके साथ ही साथ पिछले चार पांच सालों में अनेक
प्रसंग ऐसे भी आए हैं जब भाजपा ने कांग्रेस को घेरने के बजाए देश के प्रधानमंत्री
डॉ.मनमोहन सिंह पर तोहमत लगाई है। भाजपा के नेता और प्रवक्ता यह भूल जाते हैं कि
कांग्रेस को कोसने के लिए प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर पदाधिकारी और प्रवक्ता
मौजूद हैं। सिवनी जिला इकाई का काम जिला स्तर तक ही सीमित रहना चाहिए।
नगर पालिका के मामले में शांत है भाजपा
जिला मुख्यालय में नगर पालिका परिषद् पर भाजपा का कब्जा है। सिवनी के
लोगों को पीने तक को साफ पेयजल मुहैया नहीं है। लोग डायरिया, हैजा, मलेरिया, आंत्रशोध, डेंगू आदि की जद
में हैं। अस्पताल और निजी चिकित्सकों की ओपीडी पूरी तरह ओव्हर लोडेड नजर आ रही है।
शहर में सुअरों का बोलबाला है। यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय के इर्द
गिर्द ही आवारा मवेशी, सुअर और कुत्तों
का डेरा बना रहता है। बावजूद इसके भाजपा संगठन अपने ही दल की सत्ता को शहर के
लोगों को साफ पानी पिलाने पाबंद नहीं कर पा रहा है।
छपारा कलॉ के सचिव पर नहीं करवा पा रही कार्यवाही
वहीं, दूसरी ओर छपारा कलॉ के सचिव लक्ष्मण
सिंह राजपूत के खिलाफ समूची ग्राम पंचायत ने आवेदन देकर उसे हटाने की मांग की है।
बताया जाता है कि लक्ष्मण सिंह राजपूत को बर्रा दरबार का सियासी संरक्षण प्राप्त
है। यह बात भाजपा के छपारा संगठन से शायद ही छिपी हुई हो। बर्रा दरबार का सीधा
संबंध कांग्रेस से है। छपारा जनपद के सीईओ शफी अहमद कुरैशी इसके पहले छिंदवाड़ा में
पदस्थ रह चुके हैं। जब उनकी तैनाती छिंदवाड़ा में थी उस समय छिंदवाड़ा के प्रभारी
मंत्री हरवंश सिंह हुआ करते थे। उस दौरान भाजपा के नेताओं की शिकायत के बाद भी शफी
अहमद कुरैशी का बाल भी बांका नहंी हुआ था। संभवतः अपने पुराने एहसानों का बदला
चुकाने की जुगत में वे छपारा कलॉ के सचिव के खिलाफ कोई कार्यवाही करने से हिचक रहे
हैं। इस संबंध में भी भाजपा संगठन का मौन आश्चर्यजनक है क्योंकि संगठन द्वारा
परोक्ष तौर पर सचिव के खिलाफ कार्यवाही न करवाकर कांग्रेस को ही लाभ पहुंचाया जा
रहा है।
जिले में बिक रही अवैध शराब! संगठन बौना
जिले भर में अवैध शराब चौपाया वाहनों के माध्यम से बिक रही है, पर भाजपा संगठन इस मामले में कोई कदम नहीं उठा पा रहा है।
अवैध शराब के कारोबार में भाजपा सहित अन्य राजनैतिक दलोें के कारिंदों के साथ ही
साथ निर्दलीय रूप से भाजपा को हैरान परेशान करने वाले नेताओं का भी समावेश है।
जिला सतर्कता समिति की बैठक में लखनादौन विधायक के प्रतिनिधि प्रदीप पटेल सहित
अनेक नेता इस बात को रेखांकित कर चुके हैं कि सिवनी में चौपहिया वाहनों के माध्यम
से अवैध शराब का कारोबार चरम पर है। बावजूद इसके भाजपा की ओर से कोई कार्यवाही न
होना आश्चर्य जनक ही माना जा रहा है।
डेंगू के मामले में निष्क्रिय है संगठन
सिवनी और लखनादौन विधायकों के पति सिवनी में स्वास्थ्य विभाग में तैनात
हैं। लखनादौन एमएलए शशि ठाकुर के पति डॉ.वाय.एस.ठाकुर मुख्य चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य अधिकारी तो सिवनी विधायक श्रीमती नीता पटेरिया के पति डॉ.एच.पी.पटेरिया
जिला मलेरिया अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। भाजपा संगठन ने कभी अपने विधायकों से यह
नहीं पूछा है कि आखिर उन्हें जनता ने क्यों चुना है? क्या वजह है कि जिला चिकित्सालय में अराजकता को दूर करने में
विधायक पति नाकाम रहे हैं? क्या कारण है कि
सिवनी में जिला चिकित्सालय में बात बात पर पैसा मांगा जाता है, चिकित्सा कर्मियों द्वारा। डेंगू मलेरिया के मामलों में
बेतहाशा बढ़ोत्तरी हो रही है, पर भाजपा मौन
अख्तियार किए हुए है।
लखनादौन के मामले में भाजपा संगठन मौन!
भाजपा संगठन की सबसे आश्चर्य जनक चुप्पी लखनादौन मामले को लेकर दिख रही
है। लखनादौन में नगर परिषद् में भाजपा ने बुरी तरह मुंह की खाई है। इसके पहले नगर
परिषद् लखनादौन के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान अध्यक्ष दिनेश राय मुनमुन ने भाजपा की
सिवनी विधायक श्रीमती नीता पटेरिया को विधानसभा चुनावों में नाकों चने चबवा दिए
थे। भाजपा संगठन के पास यह माकूल मौका था जब वे अपनी पराजय का बदला ले सकते थे।
लखनादौन मंे बिना एग्रीमेंट के सड़क का निर्माण किया गया था, वह भी शहर के हृदय स्थल में। शहर में कथित तौर पर कृषि उपज
मण्डी की जमीन पर सब्जी मण्डी बना दी गई वह भी न्यायालय के स्थगन के उपरांत। इन
सारे मामलों में भाजपा तब मौन बैठी रही जबकि संगठन के संज्ञान में समूची बातें लाई
गई थीं।
दिनेश पटेल बन गए हैं मीर!
कहा जाता है कि केवलारी के कांग्रेसी क्षत्रप
स्व.हरवंश सिंह के करीबी होने का फायदा उठाने वाले शिक्षक दिनेश पटेल मानवाधिकार
संगठन से जुड़े हुए हैं। बताया जाता है कि उन्होंने इसके लिए विभागीय अनुमति तक
नहीं ली है। वे अपने पद का दुरूपयोग कर लोगों को हलाकान करने से नहीं चूक रहे हैं।
बावजूद इसके भाजपा संगठन द्वारा कांग्रेस के करीबी बताने वाले इस शिक्षक के खिलाफ
कोई कार्यवाही न करना क्या इस बात की ओर इंगित करता है कि भाजपा संगठन की पकड़
प्रशासनिक स्तर पर कमजोर पड़ चुकी है।
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