गुरुवार, 26 सितंबर 2013

मनमर्जी के मालिक हो गए हैं आयुष अधिकारी डॉ.गर्ग

मनमर्जी के मालिक हो गए हैं आयुष अधिकारी डॉ.गर्ग

(गजेंद्र ठाकुर)

छपारा (साई)। जिला आयुष विभाग के चर्चित विभाग प्रमुख डॉ.एस.डी.गर्ग द्वारा शासन के नियम कायदों को धता बताते हुए मनमर्जी से कार्यों को संपादित किया जा रहा है। अपनी उच्च स्तरीय राजनैतिक पहुंच के चलते डॉ.गर्ग का कोई बाल भी बांका नहीं कर पा रहा है।
विकास खण्ड छपारा के ग्राम केकड़ा में पदस्थ औषधालय सेवक परसराम राजपूत को जिला आयुष अधिकारी डॉ.गर्ग द्वारा 6 अगस्त को आदेश क्रमांक स्था./2013/1211 के तहत शासकीय औषधालय रमली जिला सिवनी में पदस्थ कर दिया गया है। बताया जाता है कि उक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के खिलाफ डॉ.गर्ग द्वारा व्यक्तिगत खुंदक निकालते हुए उसे प्रताड़ित किया जा रहा है।
संवेदनशील जिला कलेक्टर भरत यादव को प्रेषित आवेदन में परसराम राजपूत ने कहा है कि यह आदेश नियमों के प्रतिकूल किया गया है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी परसराम राजपूत का कहना है कि उसने अपने स्वयं के व्यय पर 14 जुलाई 2012 को अपना तबादला सिवनी जिले के घंसौर विकास खण्ड के भिलाई औषधालय से केकड़ा करवाया था।
इसके पीछे उसने दलील दी है कि उसके माता पिता वयोवृद्ध हो चुके हैं। जिनका स्वास्थ्य खराब रहता है और उनका इलाज छपारा एवं सिवनी में चल रहा है। परसराम राजपूत ने जिला कलेक्टर को सौंपे आवेदन में कहा है कि उसका गृह ग्राम बर्रा है और केकड़ा, बर्रा के करीब होने के कारण वह अपने सरकारी दायित्वों के निर्वहन के साथ ही साथ पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन भी बेहतर तरीके से कर पा रहा था।
औषधालय सेवक परसराम राजपूत ने कहा है कि उसके वयोवृद्ध माता पिता जो कि सादक सिवनी (बर्रा) में निवासरत हैं से रमली की दूरी 135 किलोमीटर है, जहां से बार बार आने जाने और अपने माता पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखने में उसे काफी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। इससे उसे अपने शासकीय दायित्वों का बेहतर तरीके से निर्वहन करने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। साथ ही साथ इन परिस्थितियों में वह शारीरिक, आर्थिक मानसिक परेशानियों से अलग जूझेगा।

सरपंच की तल्ख नाराजगी

वहीं ग्राम पंचायत केकड़ा के सरपंच और ग्रामवासियों ने भी संवेदनशील जिला कलेक्टर भरत यादव को लिखे पत्र में कहा है कि केकड़ा के आसपास के गांवों में फैली बीमारियों के उपचार के लिए चिकित्सकों द्वारा केकड़ा को ही मुख्यालय बनाकर चिकित्सकीय कार्य किया जा रहा है। केकड़ा में महज दो ही कर्मचारी हैं जिनमें से एक कर्मचारी की तैनाती केकड़ा से अन्यत्र कर दी गई है, जो अनुचित है।

कोई टिप्पणी नहीं: