केदारनाथ में आज से
होगी पूजा आरंभ
(सुमित माहेश्वरी)
नई दिल्ली (साई)।
पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज के निज सचिव, एवं चारधाम विकास
परिषद् उत्तराखंड सरकार के उपाध्यक्ष ब्रहमचारी सुबुद्धानंद कल 11सितंबर से प्रारम्भ
हो रही केदारनाथ जी की विधिवत पूजा अर्चना मे शामिल होने के लिये आज दिल्ली से
रवाना हो गये।
इसके पूर्व बीती
रात एक न्यूज चेनल से बातचीत करते हुये पूज्य शंकराचार्य ने स्पष्ट किया कि भगवान
शंकर ऐसे देवता हैं,
जिनका अभिषेक के द्वारा अर्चन होता है। भोलेनाथ क्षण में
प्रसन्न होकर वरदान देते हैं। अतः हम चाहते हैं कि भावपूर्ण पूजा अर्चना से भगवान प्रसन्न होकर न केवल केदारनाथ
क्षेत्र उत्तराखंड बल्कि समूचे देश को उनका वरदान रूपी आशिर्वाद दें।
उन्होने जोर देकर
कहा कि जो स्वार्थी लोग मूर्ती हटाने की बात कर रहे थे और अब धमकियों पर उतर आये
हैं, उनसे
विचलित हुये बगैर पूजा प्रारम्भ होनी चाहिये। उत्तराखन्ड के महामहिम राज्यपाल तथा
मुख्यमंत्री 8 सितंबर को
दिल्ली में उनसे मिले थे ओर इस विषय में उनका आशिर्वाद सभी के साथ है।
जगतगुरू शंकराचार्य
ने दृढ़ता पूर्वक कहा कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति आ जाये केदारनाथ की पूजा
प्रारम्भ किये जाने में ‘विलम्ब‘ नही होना चाहिये, क्योकि यह 6 माह का वक्त
श्रद्धालुओं का है,
जिसमें अब कुछ ही समय शेष है। फिर 6 माह देवताओं की
पूजा के लिये वैसे भी परम्परानुसार केदारनाथ जी के पट बन्द हो जाते है।
कल सर्व सिद्धी
अमृत योग ११ सितम्बर से प्रारम्भ हो रही पूजा के बाद एक बार फिर केदारनाथ जी में
गूंजेगे बम -बम भोले के स्वर। हालाकि आम श्रद्धालुओ का वहां प्रवेश अभी
प्रतिबन्धित रहेगा किंतु उनकी भावनायें पुजारियों के माध्यम से भगवान शंकर तक पुहंचना प्रारम्भ हो जायेगी। केदार जी की
पूजा के साथ प्रलय के दौरान मन्दिर को बचाने वाली उस दिव्य शिला की भी पूजा
प्रारम्भ होगी।
सुबुद्धानंद महाराज
के अनुसार उत्तराखंड स्थित केदारनाथ के मंदिर को जिस दिव्य शिला ने बचाया वह पूज्य
है और उसे यथास्थान संरक्षित किया गया है। कल ११ सितम्बर से मंदिर में प्रारम्भ हो
रही पूजा दिवस से ही दिव्य शिला पूजन भी प्रारम्भ किया जाएगा, जो अनवरत जारी
रहेगा।
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