शुक्रवार, 17 जनवरी 2014

राजेश नरेश के वर्चस्व की जंग में चूरा होता भाजपा का बाड़ा!


राजेश नरेश के वर्चस्व की जंग में चूरा होता भाजपा का बाड़ा!

पार्टी हित के बजाए गणेश परिक्रमा हावी होती दिख रही सिवनी भाजपा में

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। भारतीय जनता पार्टी की जिला इकाई के अध्यक्ष नरेश दिवाकर और नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी के बीच वर्चस्व की अघोषित जंग में जिला भाजपा पिसती नजर आ रही है। नरेश दिवाकर दस साल विधायक रहने के साथ ही साथ महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे हैं तो दूसरी ओर राजेश त्रिवेदी संगठनात्मक राजनीति करके 2009 के अंत में नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद हेतु चुनकर आए हैं।
कहा जा रहा है कि इस लिहाज से राजेश त्रिवेदी अभी नरेश दिवाकर से काफी कनिष्ठ हैं। भाजपा के एक पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि सिवनी में जिला भाजपा अब व्यक्तिगत जंग का अखाड़ा बनकर रह गई है। किसी को भी पार्टी के हित से लेना देना नहीं रह गया है। पार्टी में अब उसकी ही पूछ परख है जो नेताओं की गणेश परिक्रमा कर रहा है।

लंबे समय से चल रहा चूहा बिल्ली का खेल!
भाजपा के एक अन्य पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि जिला भाजपा में चूहा बिल्ली का खेल लंबे समय से सतत जारी है। वस्तुतः यह वर्चस्व की जंग का मामला है। पार्टी हितों को दरकिनार कर एक दूसरे पर वार करने का कोई भी मौका पदाधिकारियों द्वारा नहीं चूका जा रहा है। जब भी जिस पदाधिकारी को जिसके भी विरूद्ध कोई मसला मिलता है वह उसे उछालकर दूर से आग तापता नजर आता है।

नीता नरेश हटाओ के पोस्टर्स की रही धूम
भारतीय जनता पार्टी को वैसे तो काडर बेस्ड अनुशासित पार्टी माना जाता है, किन्तु सिवनी में जो हो रहा है उसे देखकर शायद ही कोई कहेगा कि यह उसी काडर बेस्ड भाजपा की जिला इकाई है। विधानसभा चुनावों के पूर्व जब टिकिट हेतु रायशुमारी की जा रही थी, उस समय भी नीता नरेश हटाओ, भाजपा बचाओ के गगन भेदी नारों ने आसमान गुंजायमान कर दिया था। चुनाव के चलते भी इसी इबारत के पोस्टर्स भी शहर भर में चस्पा किए गए। वस्तुतः भाजपा में हर बात को पार्टी मंच पर ही रखने का रिवाज रहा है, पर यहां ऐसा नहीं हुआ।

लीज मामले को पार्टी फोरम में था निपटाना!
एक अन्य पदाधिकारी ने दबी जुबान से कहा कि राजेश त्रिवेदी और नरेश दिवाकर के बीच वर्चस्व की जंग लंबे समय से चली आ रही है। संगठन के डंडे के डर से उन्होंने भी नाम उजागर न करने की शर्त पर ही साई न्यूज से चर्चा के दौरान कहा कि इसके पहले गंज की लीज के मामले में भी भाजपा जिलाध्यक्ष नरेश दिवाकर सीधे नगर पालिका की मुखालफत करने जिला कलेक्टर से मिलने चले गए थे। उन्होंने कहा कि यह मामला भाजपा के ही नगर पालिका अध्यक्ष का था अतः नैतिकता के आधार पर इस मामले को पार्टी कार्यालय के अंदर ही सुलटा लिया जाना चाहिए था, किन्तु ऐसा न कर पालिका अध्यक्ष को नीचा दिखाने की गरज से पार्टी मंच से इतर कलेक्टर से मिलकर मामले को तूल दिया गया।

राजेश का हुआ निलंबन
विधानसभा चुनाव के उपरांत जब भाजपा प्रत्याशी नरेश दिवाकर दूसरे स्थान पर रहे तब उसके बाद भाजपा के प्रदेश कार्यालय की ओर से नगर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी को निलंबित कर दिया गया। उनका निलंबन समाप्त हुआ या नहीं यह बात अभी भी रहस्य ही है। वैसे वे नगर पालिका के चुने हुए अध्यक्ष हैं अतः उनके खिलाफ कार्यवाही का उनके पद पर शायद ही कोई असर हो। राजेश त्रिवेदी को किन शिकायतों के आधार पर निलंबित किया गया है इस बारे में भी भाजपा मौन ही साधे हुए है।

हो रही भाजपा की छवि धूमिल
सिवनी में भारतीय जनता पार्टी के अंदर ही अंदर चल रही वर्चस्व की गलाकाट स्पर्धा में पार्टी की छवि पर प्रतिकूल असर हुए बिना नहीं है। पार्टी का निचला कार्यकर्ता अब उहापोह की स्थिति में है, कि अगर अनुशासन हीनता की जाती है तो उस पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। इस तरह के आचरण से निचले स्तर के कार्यकर्ता द्वारा आने वाले समय में उसकी बातें न मानी जाने या स्वार्थपूर्ति न होने पर अनुशासनहीनता करने की कोशिश अगर की जाती है तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

पार्टी मंच पर निपटना था पार्षदों का विरोध
वहीं कहा जा रहा है कि 15 जनवरी को नगर पालिका परिषद की साधारण सभा में भाजपा के पार्षदों के विरोध को पार्टी मंच पर ही 13 या 14 जनवरी को ही निपटा लिया जाना चाहिए था। गौरतलब होगा कि समााचार एजेंसी ऑफ इंडिया और दैनिक हिन्द गजट द्वारा चार साल बाद विकास हेतु एक राय बन रही पार्षदों कीएवं मिले मौका मारो चौका की तर्ज पर एक हो रहे पालिका के पार्षदशीर्षक से समाचारों के प्रसारण एवं प्रकाशन में पालिका की साधारण सभा के बारे में सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी को प्रकाशित एवं प्रसारित किया गया था। देखा जाए तो 15 जनवरी के पहले ही भाजपा संगठन को इस मामले को पार्टी कार्यालय में ही पार्षदों और नगर पालिका अध्यक्ष को बुलवाकर बैठक कर सहमति बनवा ली जाती तो न तो पालिका में भाजपा को नीचा देखना पड़ता और न ही भाजपा की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव ही पड़ता।

अप्रैल मई में हो सकते हैं लोकसभा चुनाव
नब्बे के दशक के उपरांत सिवनी को भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है। आने वाले समय में अप्रैल या मई माह में लोकसभा चुनाव भी हैं। भाजपा के अंदर मची इस अंर्तकलह के छींटे आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के दामन पर अगर पड़ जाएं तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। आश्चर्य तो इस बात पर है कि इतना सब कुछ होने के उपरांत भी भाजपा के संगठन मंत्रियों द्वारा लगातार चुप्पी ही अख्तियार रखी जा रही है।

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