लापरवाह चिकित्सक ने नहीं किया पीएम
चिकित्सक की अनदेखी से दूसरे दिन हुआ अंतिम संस्कार
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। जिला मुख्यालय में दो परिवारों के लिए होली का यह त्यौहार
गमगीन ही रहा। एक अज्ञात व्यक्ति का शव बस स्टैंड पर मिला तो छिंदवाड़ा चौक पर एक
अन्य व्यक्ति का शव मिला। दोनों में से एक शव का शव परीक्षण तो चार बजे तक कर दिया
गया, किन्तु दूसरे के शव परीक्षण के लिए पुलिस को पापड़ बेलने पड़े।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अरिहंत बस सर्विस की बस में एक अज्ञात व्यक्ति
का शव मिला। 18 मार्च को अरिहंत बस नंबर एम.पी. 20 पी 0204 का कंडेक्डर बस
की सफाई करने जैसे ही अंदर घुसा, वैसे ही बस के
भीतर से बदबू आने लगी तब कुछ लोगों ने पीछे जाकर देखा तो वहां एक 40 वर्षीय अज्ञात व्यक्ति की लाश पड़ी हुई थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह बस होली के दिन से बस स्टैण्ड पर खड़ी हुई
थी। इस बस के कर्मचारी जब 18 मार्च की सुबह
के समय बस के अंदर पहुंचे तो पिछली सीट पर उन्हें लाश मिली। बताया जाता है कि
चूंकि बस पूरी तरह बंद थी और सिर्फ बस के पिछले दरवाजे का कांच ही खुला हुआ था, जिससे आशंका व्यक्त की जा रही है कि यहां से कोई व्यक्ति शराब
पीने के उद्देश्य से घुसा होगा जिसकी बाद में मृत्यु हो गई। कोतवाली पुलिस के
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस अज्ञात शव के कफन-दफन के लिए
नगर कोतवाल अमित विलास दाणी ने सहृदयता और तत्परता दिखाते हुए मुकम्मल इंतजामात
करवाए।
वहीं, दूसरी ओर छिंदवाड़ा चौक पर गायत्री
मेडिकल के पास रफीक खान के पुत्र साजिद (28) का शव मिला।
पुलिस ने इस शव को भी शव परीक्षण के लिए चिकित्सालय स्थित पीएम सेंटर भेज दिया।
जिला चिकित्सालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अज्ञात शव का
शव परीक्षण डॉ.वासनिक द्वारा किया गया। जैसे ही वे बाहर निकले वैसे ही कोतवाली
पुलिस के सिपाही द्वारा उन्हें साजिद के शव परीक्षण हेतु कागजात दिखाए गए।
बताया जाता है कि उक्त चिकित्सक द्वारा साजिद के शव का परीक्षण करने के
बजाए वहां से रवानगी डाल दी। चिकित्सालय के सूत्रों ने बताया कि लगभग सवा चार बजे
नगर कोतवाल अमित विलास दाणी स्वयं जिला चिकित्सालय पहुंचे और वहां इमरजेंसी में
तैनात महिला चिकित्सक से शव परीक्षण करवाने का अनुरोध किया।
बताया जाता है कि महिला चिकित्सक द्वारा डॉ.वासनिक को तत्काल फोन लगाया
गया किन्तु डॉ.वासनिक ने उनका फोन नहीं उठाया। इसके उपरांत सिविल सर्जन डॉ.सत्य
नारायण सोनी, नगर निरीक्षक अमित विलास दाणी ने भी
उन्हें फोन लगाया किन्तु उन्होंने फोन उठाने की जहमत नहीं उठाई।
चिकित्सालय के सूत्रों का कहना है कि शव परीक्षण, सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही किया जाता है, और साजिद का शव पीएम सेंटर जब पहुंचा तब सूर्यास्त में लगभग
दो-ढाई घंटे बाकी थी। सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में नगर कोतवाल द्वारा शव
परीक्षण न हो पाने की शिकायत भी लिखित रूप में सिविल सर्जन को कर दी गई है। कहा जा
रहा है कि अगर साजिद का शव परीक्षण उसी वक्त कर दिया जाता तो उनका अंतिम संस्कार
भी उसी दिन संपन्न हो जाता। उल्लेखनीय होगा कि गर्मी के मौसम में वैसे भी शव का
डीकंपोज होना तेजी से आरंभ हो जाता है।
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