पीएमटी फर्जीवाड़े में 6 संदिग्ध
हिरासत में
(विजय सिंह राजपूत)
इंदौर (साई)। मध्य प्रदेश के मेडिकल
डिग्री कॉलजों में ऐडमिशन के लिए आयोजित प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) में फर्जीवाड़े
में शामिल होने के आरोप में पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 3
विद्यार्थियों और उनके पिताओं को मंगलवार को हिरासत में ले लिया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अमित
कनासे और उसके पिता सत्यम कनासे, रवींद्र खर्ते और
उसके पिता मदन खर्ते तथा रिंकी जौहरी और उसके पिता रामप्रकाश जौहरी को पीएमटी
फर्जीवाड़े के मामले में हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। ये सभी संदिग्ध
नजदीकी देवास जिले से ताल्लुक रखते हैं।
सूत्रों ने बताया कि अमित और रिंकी
इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि रवींद्र भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहा है।
एसटीएफ को शक है कि पीएमटी फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले गिरोहों ने इन सरकारी
मेडिकल कॉलेजों में तीनों स्टूडेंट्स के ऐडमिशन कराए थे। इन ऐडमिशन्स के बदले
तीनों स्टूडेंट्स के पिताओं से कथित तौर पर मोटी रकम वसूली गई थी।
सूत्रों ने बताया कि पीएमटी
फर्जीवाड़े में राज्य के व्यावसायिक परीक्षा मंडल के पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ.
पंकज त्रिवेदी और तीन अन्य अफसरों समेत 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया
है। इन चारों अफसरों पर पीएमटी में अलग-अलग तरह से फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोहों से
सांठ-गांठ का आरोप है। ये गिरोह उन उम्मीदवारों को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश
दिलवाते थे, जो अपने अवैध दाखिले के बदले उन्हें
लाखों रुपये चुकाते थे।
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