आईएम आतंकियों पर एनआईए-दिल्ली पुलिस
में खींचतान
(एडविन अमान)
नई दिल्ली (साई)। दिल्ली की एक अदालत
में इंडियन मुजाहिद्दीन के शीर्ष आतंकवादियों तहसीन अखतर और जिया उर रहमान उर्फ
वकास की हिरासत को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी और दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा में
खींचतान देखी गयी।
विशेष शाखा ने हथियार बनाने के गैर
कानूनी कारखाने के मामले में अख्तर उर्फ मोनू, वकास एवं आईएम के अन्य तीन संदिग्ध आतंकवादियों को 15 दिन की
पुलिस हिरासत में देने का अनुरोध किया। लेकिन एनआईए ने इसका विरोध करते हुए कहा कि
उन्हें अख्तर और वकास की हिरासत 2013 के हैदराबाद के दिलसुखनगर विस्फोट मामले में
चाहिए।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दया प्रकाश
के समक्ष जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई एनआईए ने अदालत से कहा कि एक संघीय केन्द्रीय
एजेंसी होने के नाते उन्हें यह अधिकार है कि वह विस्फोट मामले में वांछित दोनों
आरोपियों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार करे। बहरहाल विशेष शाखा ने एनआईए के अनुरोध
का विरोध करते हुए कहा कि जांच एजेंसी किसी मामले की जांच करने के स्थानीय पुलिस
के अधिकार को कम नहीं कर सकती।
विशेष शाखा के वकील राजीव मोहन ने
कहा कि आप एनआईए कानून के नाम पर स्थानीय पुलिस के अधिकार कम नहीं कर सकत़े, एनआईए केवल अपने मामले की गंभीरता देख रही है लेकिन वे हमारे
मामले की गंभीरता को नहीं देख रहे। बहरहाल, एनआईए के वकील
अहमद खान ने कहा कि एनआईए कानून जरूरत पड़ने पर किसी अन्य कानून के स्थान पर लागू
हो सकता है और यह एक विशेष कानून है। उन्होंने कहा कि विशेष शाखा का यह दायित्व है
कि वह आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद एनआई को सूचित करे।
अख्तर एवं वकास की ओर से पेश हुए
वकील एम एस खान ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल पिछले दस दिनों से विशेष शाखा की
हिरासत में है लेकिन पुलिस यह नहीं बता रही है कि इस दौरान क्या किया गया।
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