चुनाव में नोटा विकल्प का मतदाताओं
पर मामूली प्रभाव
(सोनाली खरे)
नई दिल्ली (साई)। चुनाव सुधार के
संदर्भ में ऐतिहासिक पहल माने जाने वाले इनमें से कोई नहीं (नोटा) विकल्प का
गुरुवार को दिल्ली में हुए लोकसभा चुनाव के मतदान में काफी कम लोगों ने उपयोग किया।
दिल्ली में जहां भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणिय मुकाबला है और
यहां काफी मतदाता उम्मीदवारों से असंतुष्ट बताये जाते हैं, लेकिन इन सब बातों के बावजूद वे नोटा का उपयोग करते नहीं दिख
रहे हैं। इनमें से काफी लोगों का मानना है कि यह वोट की बर्बादी है।
इस बारे में पूछे जाने पर लक्ष्मीनगर
में एक महिला मतदाता ने कहा कि इससे अच्छा यह होगा कि हम वोट डालने की बजाए घर में
ही रहे। हम कतार में खड़े होकर नोटा का बटन दबाने नहीं आए हैं। यह बेकार है। चांदनी
चौक के 24 वर्षीय रिषी ने कहा कि मैं देश की राजनीतिक प्रणाली से निराश हूं। मैं
पहली बार वोट डाल रहा हूं लेकिन मैं नहीं समझता कि नोटा से कोई अंतर आयेगा।
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