उमा के सहारे यूपी की वेतरणी पार करना चाहते हैं आड़वाण
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पीएम इन वेटिंग रहे लाल कृष्ण आड़वाणी के मन में अभी भी सात रेसकोर्स रोड़ (भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री का सरकारी आवास) में जाने की अभिलाषाएं जोर मार रही हैं। आड़वाणी अगले आम चुनावों के पहले भारतीय जनता पार्टी को हर सूबे में चाक चोबंद करना चाह रहे हैं, ताकि भाजपा का जनाधार बढ़ाने के साथ ही साथ संसद में भाजपा सदस्यों की संख्या बढ़ाई जा सके। आड़वाणी की अभिलाषा है कि मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को उत्तर प्रदेश में बतौर मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किया जाए ताकि आबादी में देश के सबसे बड़े सूबे और अब तक सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाले राज्य में भाजपा की खोई साख को वापस लाया जा सके।
भाजपा में एल.के.आड़वाणी ही अकेले उमा की वापसी के हिमायती नजर आ रहे हैं। उमा की वापसी की खबरों से भाजपा अनेक धड़ों मंे बंट गई है। आड़वाणी खेमे के अन्य सदस्यों के साथ ही साथ नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, राज्य सभा में विपक्ष के नेता अरूण जेतली, वेंकैया नायडू, अनंत कुमार, राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान, सुरेश सोनी जैसे धुरंधर भी उमा की घर वापसी के घोर विरोधी नजर आ रहे हैं।
आड़वाणी के करीबी सूत्रों का कहना है कि आड़वाणी मानते हैं कि भाजपा से जा चुके कल्याण सिंह की जगह भरने के लिए उमा भारती ही सबसे उपयुक्त हांेगी। माना जा रहा है कि उमा के वापस आकर यूपी की कमान संभालते ही कल्याण पर भी वापसी का दबाव बढ़ सकता है। उधर उमा के भाजपा से मोहभंग की खबरें भी जोर पकड़ने लगी हैं।
आड़वाणी मण्डली का मानना है कि अगर यूपी में भाजपा को पुर्नजीवित करना है तो सूबे में उमा भारती जैसा ओबीसी और हिन्दुत्ववादी चेहरा मैदान में उतारना ही होगा। यूपी में बसपा सुप्रीमो मायावती की तोड़ के तौर पर भाजपा के पास उमा भारती ही सबसे उपयुक्त हैं। वैसे भी उमा भारती द्वारा बावरी मस्जिद विध्वंस में महती भूमिका निभाई थी, जिसके चलते आज भी उत्तर प्रदेश में उनके प्रशंसकों की लंबी फेहरिस्त मौजूद है।
गौरतलब होगा कि एल.के.आड़वाणी के मन में भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री बनने की उत्कंठ इच्छा हिलोरे मार रही है, यही कारण है कि वे तेज तर्रार साध्वी उमा भारती को भाजपा में वापस लाने का ख्वाब देख रहे हैं, साथ ही वे चाहते हैं कि उमा भारती को यूपी के अगले चुनावों के पहले बतौर मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करवा दिया जाए।
यूपी में रास्ता नहीं आसान
भाजपा के उमरदराज नेता एल.के.आड़वाणी भले ही उमा भारती को उत्तर प्रदेश में बतौर मुख्यमंत्री प्रस्तुत कर चुनाव लड़वाना चाह रहे हों, किन्तु भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई में उमा भारती का नाम आते ही भूचाल मचा हुआ है। राज्य के नेता किसी परदेशी नेतृत्व को अपने उपर थोपे जाने के खिलाफ लामबंद होते जा रहे हैं। उमा के पक्ष में तर्क दिया जा रहा है कि वे मायावती के मुकाबले पिछड़े वर्ग की भीड़ को आकर्षित करने में सफल होंगी,, किन्तु उनके विरोधियों का तर्क है कि पिछले दो सालों में उमा भारती के क्रिया कलाप देखकर कहा जा सकता है कि वे चुका हुआ बम ही साबित होने वाली हैं।
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