शिवराज ने की देशमुख से भेंट
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने आज यहां केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री विलासराव देशमुख से भेंट की। इस अवसर पर ग्रामीण विकास राज्य मंत्री सुश्री अगाथा संगमा भी उपस्थिति थीं। मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के 1000 से कम आबादी वाले गांवों को ग्रामीण सड़क से जोड़ने के लिए नीतिगत निर्णय लेने का आग्रह किया। श्री चैहान ने बताया कि आदिवासी अंचलों में 1000 की आबादी से कम वाले गांव हैं इन्हें जोड़ने के लिए मापदंडों को शिथिल किया जाए। प्रदेश के अभी 24000 गांवों को ग्रामीण सड़कों से जोड़ा जाना है। मध्यप्रदेश को विगत डेढ़ साल में एक भी नई सड़कें स्वीकृत नहीं की गयी हैं।
श्री चैहान ने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए इंजीनियर और शासकीय अमला उपलब्ध है किन्तु अमला सड़क निर्माण के अभाव में कोई काम नहीं कर पा रहे हंै। श्री देशमुख ने मुख्यमंत्री श्री चैहान को आश्वस्त किया कि राज्य के पिछड़ेपन को देखते हुए ग्रामीण सड़क निर्माण के कार्य स्वीकृत किये जायंगे। श्री देशमुख ने आश्वस्त किया कि प्रदेश में लगभग 900 करोड़ रूपये के निर्माण कार्यों के लिए स्वीकृति दी जायंगी। इनमें एडीबी के अंतर्गत ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए 600 करोड़ रूपये और अन्य परियोजनाओं के अंतर्गत लगभग 300 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की जायेगी। श्री देशमुख ने प्रदेश में प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत लक्ष्य से अधिक सड़क निर्माण के लिए श्री चैहान को बधाई दी। श्री देशमुख ने प्रदेश में अन्य ग्रामीण विकास के कार्यों में गुणवत्ता की भी सराहना की।
मुख्यमंत्री श्री चैहान ने श्री देशमुख का ध्यान आकर्षित किया कि प्रदेश में 37 लाख ग्रामीण आवासहीन परिवार हैं जबकि प्रदेश को केवल 37 हजार इंदिरा आवास स्वीकृत किये गये हैं। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत भी ग्रामीण आवासहीन परिवारों को 70 हजार रूपये की सहायता देकर मकान बनाये जा रहे हैं। प्रदेश में ग्रामीण आवासहीन परिवारों के मापदंड में सुधार किया जाए जिससे प्रदेश के गरीब परिवारों को अधिक संख्या में आवास उपलब्ध कराये जा सकें। योजना आयोग ने भी मापदंड में सुधार करने का आश्वासन दिया था। श्री देशमुख ने आवास निर्माण की योजना में अपने स्तर पर अच्छा काम करने के लिए मध्यप्रदेश की सराहना की।
श्री चैहान ने मनरेगा के अंतर्गत होने वाले निर्माण कार्यों को स्थायी रखने के लिए मजदूरी और सामग्री में 60-40 प्रतिशत के अनुपात के बजाय सामग्री और मजदूरी 50-50 प्रतिशत के अनुपात में राशि व्यय करने का नीतिगत निर्णय लिया जाए इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी सम्पत्तियों का निर्माण हो सकेगा। श्री देशमुख ने इस संबंध में नीतिगत निर्णय लेने का आश्वासन दिया।
श्री चैहान ने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत मजदूरी का भुगतान लेने के लिए श्रमिकों को 25 से 30 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। मजदूरी के भुगतान के लिए एक हजार की आबादी पर बैंक अथवा पोस्ट आॅफिस खोला जाए जिससे मजदूरों को पारिश्रमिक का आसानी से भुगतान मिल सके। श्री देशमुख ने श्रमिकों को आसानी से भुगतान मिल सके इस संबंध में व्यवस्था कराने का आश्वासन दिया।
श्री चैहान ने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए इंजीनियर और शासकीय अमला उपलब्ध है किन्तु अमला सड़क निर्माण के अभाव में कोई काम नहीं कर पा रहे हंै। श्री देशमुख ने मुख्यमंत्री श्री चैहान को आश्वस्त किया कि राज्य के पिछड़ेपन को देखते हुए ग्रामीण सड़क निर्माण के कार्य स्वीकृत किये जायंगे। श्री देशमुख ने आश्वस्त किया कि प्रदेश में लगभग 900 करोड़ रूपये के निर्माण कार्यों के लिए स्वीकृति दी जायंगी। इनमें एडीबी के अंतर्गत ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए 600 करोड़ रूपये और अन्य परियोजनाओं के अंतर्गत लगभग 300 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की जायेगी। श्री देशमुख ने प्रदेश में प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत लक्ष्य से अधिक सड़क निर्माण के लिए श्री चैहान को बधाई दी। श्री देशमुख ने प्रदेश में अन्य ग्रामीण विकास के कार्यों में गुणवत्ता की भी सराहना की।
मुख्यमंत्री श्री चैहान ने श्री देशमुख का ध्यान आकर्षित किया कि प्रदेश में 37 लाख ग्रामीण आवासहीन परिवार हैं जबकि प्रदेश को केवल 37 हजार इंदिरा आवास स्वीकृत किये गये हैं। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत भी ग्रामीण आवासहीन परिवारों को 70 हजार रूपये की सहायता देकर मकान बनाये जा रहे हैं। प्रदेश में ग्रामीण आवासहीन परिवारों के मापदंड में सुधार किया जाए जिससे प्रदेश के गरीब परिवारों को अधिक संख्या में आवास उपलब्ध कराये जा सकें। योजना आयोग ने भी मापदंड में सुधार करने का आश्वासन दिया था। श्री देशमुख ने आवास निर्माण की योजना में अपने स्तर पर अच्छा काम करने के लिए मध्यप्रदेश की सराहना की।
श्री चैहान ने मनरेगा के अंतर्गत होने वाले निर्माण कार्यों को स्थायी रखने के लिए मजदूरी और सामग्री में 60-40 प्रतिशत के अनुपात के बजाय सामग्री और मजदूरी 50-50 प्रतिशत के अनुपात में राशि व्यय करने का नीतिगत निर्णय लिया जाए इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी सम्पत्तियों का निर्माण हो सकेगा। श्री देशमुख ने इस संबंध में नीतिगत निर्णय लेने का आश्वासन दिया।
श्री चैहान ने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत मजदूरी का भुगतान लेने के लिए श्रमिकों को 25 से 30 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। मजदूरी के भुगतान के लिए एक हजार की आबादी पर बैंक अथवा पोस्ट आॅफिस खोला जाए जिससे मजदूरों को पारिश्रमिक का आसानी से भुगतान मिल सके। श्री देशमुख ने श्रमिकों को आसानी से भुगतान मिल सके इस संबंध में व्यवस्था कराने का आश्वासन दिया।
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