मंगलवार, 12 जुलाई 2011

सबसे मंहगी रसोई गैस है मामा के घर!

सबसे मंहगी रसोई गैस है मामा के घर!

एमपी में रसोई गैस मंहगी, पर कांग्रेस खामोश!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के सारे बच्चों के मामा राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के राजकाज में रसाई गैस के दाम देश में सबसे अधिक होने के बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष और आदिवासी बच्चों के मामा कांतिलाल भूरिया के नेतृत्व में कांग्रेस खामोशी के साथ जनता को लुटते देख रही है। भाजपा के नेतृत्व वाली गुजरात, उत्तराखण्ड और छत्तीसगढ़ में रसाई गैस की दरें 410 रूपए से कम हैं किन्तु शिवराज के राज में इनकी 452 रूपए का मिल रहा है एक सिलेंडर!

भाजपा शासित राज्यों में मध्य प्रदेश में 452, झारखण्ड में 425 रूपए पचास पैसे, पंजाब में 420, हिमाचल में 411 रूपए 15 पैसे, कर्नाटक में 411 रूपए दस पैसे, गुजरात में 409 रूपए पच्चीस पैसे, बिहार में 407, छत्तीसगढ़ में 403 रूपए चार आने तो उत्तराखण्ड में 394 रूपए तीस पैसे की दर से सिलेंडर मिल रहे हैं।

वहीं अगर कांग्रेस शासित राज्यों में देखा जाए तो हरियाणा में सर्वाधिक 419 रूपए 48 पैसे तो असम में 403 रूपए, महाराष्ट्र में 398 रूपए 45 पैसे, राजस्थान में 398 रूपए पांच पैसे, दिल्ली में 395 रूपए तीस पैसे, आंध्र प्रदेश में 394 रूपए तीस पैसे प्रति सिलेंडर की दर है। ममता बनर्जी के राज में पश्चिम बंगाल और मायावती के राज में उत्तर प्रदेश में गैस की कीमत 401 रूपए है।

मध्य प्रदेश में रसोई गैस के मंहगे होने का कारण इस पर करों का लदा होना है। यहां रसाई गैस पर 6.47 प्रतिशत की दर से 24 रूपए पचास पैसे प्रवेश कर तो पांच फीसदी की दर से 20 रूपए 16 पैसे वैट लिया जा रहा है। मजे की बात यह है कि उक्त दोनों ही टेक्स मदिरा पर आहूत नहीं हो रहे हैं।

2003 के बाद सत्ता से गायब होने वाली कांग्रेस भी भाजपा की गरीब विरोधी नीतियों पर मौन साधे हुए है। इसके पूर्व सूबे के कांग्रेस संगठन के निजाम सुभाष यादव और सुरेश पचैरी के कार्यकाल में कांग्रेस पूरी तरह निष्क्रीय ही बैठी रही। वर्तमान अध्यक्ष कांति लाल भूरिया ने भी शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन अभी तक नहीं बनाया है। यही कारण है कि प्रदेश के निवासियों को देश में सबसे मंहगी रसाई गैस खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

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