रविवार, 25 सितंबर 2011

राजनीति से युवराज का मन उचाट!


राजनीति से युवराज का मन उचाट!

राजपाट संभालने में नहीं दिख रही युवराज की दिलचस्पी

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। कांग्रेस की नजर में पीएम इन वेटिंग राहुल गांधी इन दिनों व्यथित दिख रहे हैं। पिछले कुछ माहों में कांग्रेस के सियासी प्रबंधकों ने राहुल गांधी की ताजपोशी के लिए उपजाऊ माहौल तैयार किया पर राहुल ने उस पर ध्यान नहीं दिया। कहा जा रहा है कि गले तक घपले घोटाले और भ्रष्टाचार में धंसी कांग्रेस की कमान संभालने वे मानसिक तौर पर तैयार नहीं हैं।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि सोनिया गांधी जब अपनी रहस्यमयबीमारी के इलाज हेतु अमेरिका रवाना होने वाली थीं, तब सोनिया की किचिन कैबनेट की एक बैठक हुई जिसमें राहुल गांधी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव किया गया। इसके लिए स्वाधीनता दिवस का दिन चुना गया।

उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने भी सैद्धांतिक तौर पर इसके लिए अपनी सहमति दे दी थी। रोजमर्रा के कामों के लिए बनाई गई समिति में भी राहुल को रखा गया था। साथ ही साथ स्वतंत्रता दिवस पर कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड़ पर राहुल गांधी के झंडावन्दन करते ही उनके कार्यकारी अध्यक्ष बनने की घोषणा होने वाली थी। इस हेतु 15 अगस्त को कांग्रेस मुख्यालय में पहले से ही एसपीजी का जमावाड़ा भी हो गया था।

कांग्रेस के रणनीतिकार तब अचंभित रह गए जब उन्होंने सोनिया की अनुपस्थिति में मुख्यालय में झंडावंदन से इंकार कर दिया। उनके सुझाव पर ही वरिष्ठतम सदस्य मोतीलाल वोरा द्वारा ध्वज फहराया गया। गौरतलब है कि कांग्रेस के युवराज पहले ही कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनने से इंकार कर चुके हैं। इन सारे प्रकरणों के निहितार्थ अब सियासी गलियारों में खोजे जा रहे हैं।

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