शिव के हिसाब न देने से खफा हैं मनमोहन
केंद्र पोषित योजनाओं का ब्योरा न मिलने से नाराज है केंद्र
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। एक तरफ तो शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा कांग्रेसनीत केंद्र सरकार पर सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए जाते हैं वहीं केंद्र द्वारा दी जाने वाली इमदाद के बारे में राज्य सरकार पूरी तरह खामोश हो जाती है। केंद्र को अपनी राशि के खर्च का ब्योरा न मिल पाने से हिसाब मिलाना ही मुश्किल हो रहा है। केंद्र सरकार ने अब कड़े कदम उठाते हुए आवंटन की किश्तों को रोकने का फैसला ले लिया है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि विभाग ने मध्य प्रदेश को नेशनल सरल ड्रिंकिंग वाटर प्रोग्राम (एनआरडीपीडब्लू) के तहत दी जाने वाली राशि पर रोक लगा दी है। मंत्रालय का आरोप है कि शिवराज सरकार ने इस योजना के अंतर्गत केंद्र द्वारा दी गई इमदाद का व्यय प्रतिवेदन केंद्र सरकार को प्रेषित नहीं किया है। सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य को एनआरडीपीडब्लू की राशि रोकने का कारण भी राज्य को बता दिया है।
कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार अपनी इमदाद की पाई पाई की रिपोर्ट चाह रही है। केंद्र सरकार को यह भी बताया जा रहा है कि राज्य सरकार द्वारा केंद्र से प्राप्त सहायता को मूल मद में व्यय करने के बजाए उसका उपयोग अन्य मदों में किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फिजूल खर्ची और नई योजनाओं के लिए फंड जुटाने में अपने आप को असहज महसूस किया जा रहा है। यही कारण है कि सरकार को केंद्र से मिलने वाली राशि का उपयोग वह अन्य मदों में धडल्ले से कर रही है।
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