0 महाकौशल प्रांत का सपना . . . 10
महाकौशल के सपने को पलीता लगाते बिसेन!
बालाघाट को छत्तीसगढ़ में शामिल करने कर दी मांग!
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। अपने अंदर अकूत प्राकृतिक संपदाओं को समेटने वाले महाकौशल प्रांत के सपने को खण्डित करने के कुत्सित प्रयास आरंभ हो गए हैं। बालाघाट कोटे से मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने महाकौशल अंचल के अभिन्न अंग नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले को वर्तमान के मध्य प्रदेश से प्रथक कर इसे छत्तीगढ़ में शामिल करने की मांग कर डाली है। इसके लिए वे बाकायदा प्रयास में भी लग गए हैं।
मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री गौरी शंकर बिसेन ने छत्तीगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित सहकारिता की राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह में यह कहकर ठहरे हुए पानी में कंकर मारकर हलचल पैदा कर दी कि मध्य प्रदेश के बालाघाट और छत्तीसगढ़ की संस्कृति एक समान है अतः इसे मध्य प्रदेश से प्रथक कर छत्तीगढ़ का हिस्सा बना देना चाहिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए छत्तीगढ़ के निजाम डॉ.रमन सिंह ने भी आग में घी डालते हुए कह दिया कि अगर बालाघाट के लोग राज्य परिवर्तन चाहते हैं तो उनका स्वागत है। केंद्रीय मंत्री चरण दास महंत ने भी बिसेन की मांग का स्वागत कर दिया है।
सियासी गलियारों में इस मामले को विभिन्न दृष्टिकोण से देखा जाने लगा है। लोगोें का मानना है कि एमपी के सहकारिता मंत्री गौरी शंकर बिसेन का यह वक्तव्य वस्तुतः मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ बगावत का बिगुल है। माना जा रहा है कि अपनी कार्यप्रणाली के कारण सदा से ही चर्चा में रहने वाले गौरी शंकर बिसेन को मंत्रीमण्डल विस्तार में लाल बत्ती से महरूम रखने की जुगत लगाई जा रही है।
मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों का कहना है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान पर संगठन का दवाब है कि उन्हें जल्द ही पदमुक्त किया जाए। कभी पटवारी को उठक बैठक लगावाकर कभी आदिवासियों को जातिसूचक शब्द कहकर तो कभी पंडितों का अपमान करने वाले बिसेन मंत्री बनने के बाद से ही चर्चाओं में हैं। बिसेन के इस नए तीर से शिवराज विरोधी अब सक्रिय हो गए हैं। जानकारों का मानना है कि शिवराज की कैबनेट के एक कबीना मंत्री द्वारा इस तरह का वक्तव्य दिए जाने का सीधा अर्थ यही लगाया जाएगा कि शिव के गण ही उनके बजाए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह की रीति नीति से ज्यादा इत्तेफाक रख रहे हैं।
माना जा रहा है कि अगर प्रथक महाकौशल प्रांत का गठन होता है तो उसमें भाजपा के पहली पंक्ति के नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते ही प्रमुख होंगे। सदा से प्रहलाद पटेल का विरोध करने वाले बिसेन द्वारा इस नए राग के पीछे यह भी माना जा रहा है कि किसी भी स्थिति में महाकौशल प्रांत का गठन न हो सके और अगर हो भी तो बिसेन के प्रभाव वाले बालाघाट जिले को महाकौशल में शामिल न किया सके, ताकि वे भी स्वच्छंद होकर अपनी राजनैतिक बिसात बिछा सकें।
(क्रमशः जारी)
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