बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 53
वर्चस्व की जंग में शिवराज का पड़ला भारी
अंत्योदय मेले में खुद जा रहे शिवराज
भारत निर्माण से दूर हैं मन के गण
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार भले ही अरबों खरबों रूपए देश की भलाई के लिए खर्च कर रही हो पर जब इसके प्रचार प्रसार की बारी आती है केंद्र सरकार के मंत्री वास्तव में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने बौने ही नजर आते हैं। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गांव गांव में अंत्योदय मेले का आयोजन कर केंद्र पोषित योजनाओं को भी परोक्ष तौर पर अपनी उपलब्धि बताने से नहीं चूक रही है, वहीं दूसरी ओर केंद्र के मंत्री केंद्र के महात्वाकांक्षी भारत निर्माण अभियान से अपने आप को दूर ही रखे हुए हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा जनता के लिए चलाई जा रही अनेक महात्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी के प्रचार प्रसार हेतु भारत निर्माण अभियान का आगाज किया था। इस अभियान पर अब तक खरबों रूपए व्यय किए जा चुके हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत चलाए जा रहे इस अभियान में केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी जन जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जाता है।
मध्य प्रदेश में भारत निर्माण अभियान में होने वाले कार्यक्रमों में तत्कालीन आदिवासी विभाग के मंत्री कांति लाल भूरिया ने महज एकाध बार ही शिरकत की है। इसके अलावा तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अरूण यादव, कुंवर अर्जुन सिंह, सुरेश पचौरी आदि ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। आश्चर्यजनक तथ्य तो यह उभरकर सामने आया है कि केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के संसदीय क्षेत्र जिला छिंदवाड़ा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले क्षेत्रों में भारत निर्माण अभियान के कार्यक्रमों का इन्होंने अघोषित तौर पर बहिष्कार किया है। इन मंत्रियों को अपने संसदीय क्षेत्र में केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी वाले भारत निर्माण अभियान में जाने की फुर्सत भी नहीं मिली। इतना ही नहीं कांग्रेस के सांसद और विधायकों को भी इससे कोई ज्यादा सरोकार नजर नहीं आता है।
वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अपने राजनैतिक कौशल का पूरा पूरा दोहन करते हुए केंद्र सरकार की योजनओं के बारे में प्रदेश सरकार के अंत्योदय मेलों में बढ़ चढ़कर जानकारी प्रदाय की जा रही है। चूंकि मुख्यमंत्री खुद इन मेलों में व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होते हैं अतः ग्रामीणों में यह संदेश आसानी से जा रहा है कि ये सारी योजनाएं मध्य प्रदेश की भाजपा की सरकार द्वारा ही चलाई जा रही हैं।
केंद्र में कांग्रेसनीत संप्रग सरकार है। मध्य प्रदेश में आठ साल से सत्ता का स्वाद भूल चुकी कांग्रेस आज भी सत्ता के किस मद में चूर है कि वह अपनी ही केंद्र सरकार की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने में शर्म महसूस कर रही है। कांग्रेस के वर्तमान निजाम कांतिलाल भूरिया अपने आप को दिल्ली और मालवा तक ही केंद्रित किए हुए हैं। दो सिंहों (मनमोहन सिंह और शिवराज सिंह) की जंग में अब शिवराज सिंह ही मजबूती के साथ अपना पड़ला भारी किए नजर आ रहे हैं।
(क्रमशः जारी)
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