अंततः छिंदवाड़ा हुआ सिवनी पर सवार
चार माह से लापता थे प्रभारी मंत्री जगन्नाथ सिंह
(शिवेश नामदेव)
सिवनी। लगातार चार माहों से जिले से लापता सिवनी जिले के पालक मंत्री जगन्नाथ सिंह को अंततः सिवनी के प्रभार से मुक्त ही कर दिया गया है। मण्डला और सिवनी जिले के प्रभारी मंत्री जगन्नाथ सिंह अब शहडोल में अपना हुनर दिखाएंगे। वहीं छिंदवाड़ा कोटे से मंत्री नाना भाउ माहोड़ को बालाघाट के साथ ही साथ सिवनी का प्रभार भी दे दिया गया है।
गौरतलब है कि डॉ.ढाल सिंह बिसेन मध्य प्रदेश में त्रिविभागीय मंत्री थे, उनके उपरांत सिवनी जिले को बतौर प्रदेश के मंत्री लाल बत्ती देखना नसीब नहीं हुआ। जिला भाजपा में मची आपसी गुटबंदी के कारण विधायकों की स्थिति भी काफी दयनीय हो चुकी है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चौहान और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा द्वारा सिवनी जिले की उपेक्षा करने में कोई कोर कसर नहीं रख छोड़ी है।
पालक मंत्री की अनुपस्थिति में जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर विधायकों और संगठन की दखल न के बराबर ही रहती है। जिले भर से कार्यकर्ता आकर जिला भाजपा की देहरी पर अपनी फरियाद लाते तो उन्हें महीनों इसके पूरे होने का इंतजार करना पड़ रहा था। मध्य प्रदेश में लागू मौजूदा व्यवस्था में किसी भी काम के लिए नस्ती पर चस्पा नोटशीट पर प्रभारी मंत्री की चिड़िया यानी हस्ताक्षर अवश्यंभावी ही होते हैं।
बताया जाता है कि निर्वतमान प्रभारी मंत्री जगन्नाथ सिंह के सिवनी न आने के कारण विधायकों और संगठन के अनेक कामों की नस्तियां कार्यालयों में ही पड़ी धूल खाती रहीं हैं। जिले में अनेक विभागों के अधिकारी भी पालक मंत्री की अनदेखी के चलते पूरी तरह से निरंकुश ही हो गए थे। भाजपा में चल रही चर्चाओं के अनुसार नाना भाउ को बालाघाट और सिवनी एवं बालाघाट कोटे के मंत्री गौरीशंकर बिसेन को छिंदवाड़ा और मण्डला का प्रभार देकर आग और पानी का भय एक दूसरे पर बनाने का प्रयास ही किया है।
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