गैस त्रासदी मामले में सीएम ने लिखा पीएम को पत्र
मृतकों के लिए मांगा दस लाख का मुआवजा
(अंशुल गुप्ता)
भोपाल। मध्य प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान ने गैस त्रासदी के 10 हजार 47 मामलों में मृतक श्रेणी के तहत 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है। मंत्री समूह और केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन मामलों को अनुग्रह राशि दिए जाने के मापदंड में शामिल नहीं माना था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस संबंध में प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह को पत्र लिखा है।
मुख्यमंत्री ने अपने इस पत्र में अपने 24 जून 2010 के पत्र का हवाला देकर गैस पीड़ितों के प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है। पत्र में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया है कि गृह मंत्री पलनिअप्पम चिदंबरम की अध्यक्षता में बने मंत्री समूहों की बैठकों में मप्र सरकार ने गैस त्रासदी के मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपए और गैस पीड़ितों को पांच लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की थी।
केंद्र सरकार ने भोपाल गैस लीक डिजास्टर एक्ट के तहत मुआवजा बांटने के लिए न्यायिक अधिकरण गठित किया था। मंत्री समूह ने 5 लाख 14 हजार 376 गैस पीड़ितों के प्रकरणों में से कुल 48 हजार 694 मामलों में विभिन्न श्रेणियों में अतिरिक्त अनुग्रह राशि बढ़ाकर और पूर्व में दी गई मुआवजा राशि को घटाकर देने की सिफारिश की थी। मुख्यमंत्री ने लिखा कि वास्तव में 10 हजार 47 प्रकरण मृतक श्रेणी में हैं लेकिन मंत्री समूह और केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन मामलों में इनके परिवारों को अनुग्रह राशि देने के मापदंड में शामिल ही नहीं किया। मुख्यमंत्री ने आपत्ति व्यक्ति करते कहा है कि मृत्यु श्रेणी में दावों के वर्गीकरण में मृत व्यक्ति को स्थाई एवं आंशिक निशक्तता की श्रेणी में माना गया इस वर्गीकरण को सीएम ने न्यायसंगत नहीं माना है।
इसके अलावा पांच लाख 21 हजार 332 आंशिक गैस पीड़ितों को मुआवजा देने की अनुशंसा ही नहीं की गई। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि इन बिंदुओं पर पुनरू विचार कर गैस पीड़ितों के साथ न्याय किया जाए। ज्ञात हो कि तीन दिसंबर को गैसकांड की बरसी पर भोपाल में रेल रोको आंदोलन के हिंसक होने के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किया था। इस घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री का प्रधानमंत्री को यह पत्र गैस पीड़ितों की नाराजी दूर करने की कोशिश माना जा रहा है।
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