उत्तर प्रदेश चुनाव की तैयारियां आरंभ
(दीपांकर श्रीवास्तव)
लखनऊ (साई)। देश को सबसे अधिक प्रधानमंत्री देने वाले उत्तर प्रदेश सूबे में चुनावी तैयारियां आरंभ हो गई हैं। उत्तर प्रदेश में इस बार विधानसभा चुनाव निर्वाचन क्षेत्रों के नए सीमांकन के बाद हो रहा है। विधानसभा के कुल ४०३ निर्वाचन क्षेत्रों में से १६३ नए हैं। विभिन्न दलों के उम्मीदवारों को विभिन्न हलकों में चालीस प्रतिशत से अधिक नए मतदाताओं का सामना करना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश के लगभग हर जिले में परिवर्तन हुए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन दो जनवरी को किया जायेगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने बताया है कि प्रदेश में चलाये गये विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के परिणाम स्वरूप मतदाताओं की कुल संख्या बारह करोड़ अट्ठावन लाख हो गयी है। उन्होंने बताया है कि अंठानबे प्रतिशत से अधिक मतदाताओं के फोटो पहचान पत्र तैयार कर लिये गये हैं और इनका वितरण अभियान चलाकर किया जायेगा।
उन्होंने बताया है कि पहली बार मतदाता बन रहे अट्ठारह और उन्नीस वर्ष के युवा मतदाताओं की संख्या बावन लाख से अधिक है। श्री सिन्हा ने बताया कि कई स्थानों पर मतदाताओं की संख्या बढ़ जाने के कारण सहायक मतदेय स्थल बनाये जायेंगे। इससे प्रस्तावित मतदेय स्थलों की संख्या एक लाख अट्ठाईस हजार एक सौ बारह से ज्यादा हो जायेगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया है कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का प्रयोग किया जायेगा और शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान के लिए केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती की जायेगी।
जौनपुर से ‘साई संवाददाता‘ ने बताया कि जौनपुर जिले में आदर्श आचार संहिता का अनुपालन कराने के क्रम में सार्वजनिक स्थानों पर लगे होर्डिंग हटाये जा रहें हैं। चुनाव घोषणा होते ही जिला प्रशासन मुस्तैद हो गया है। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि सभी सेक्टर मजिस्टेªट और जोनल मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया गया है कि वे अपने अपने क्षेत्रों में यह सुनिश्चित करायें कि आदर्श आचार संहिता का शत-प्रतिशत अनुपालन हो रहा है।
दिल्ली एनसीआर से गाजियाबाद के ‘साई संवाददाताः ने बताया कि में सभी मतदेय स्थलों पर मतदाताओं की संख्या और मतदान केन्द्रों पर रैम्प उपलब्ध कराने और पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये हैं। उपजिलानिर्वाचन अधिकारी ने सभी बूथ लेवल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने अपने क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों का नजरी नक्शा बनाकर प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रत्याशी के लिए नये खातों के माध्यम से सोलह लाख की व्यय सीमा निर्धारित की गई है, और सभी प्रत्याशियों को प्रत्येक तीसरे दिन अपने खर्चे का ब्यौरा प्रस्तुत करना होगा।
उत्तर प्रदेश में परिसीमन की प्रक्रिया से कई विधानसभा क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। यह चुनाव परिसीमन के बाद पहला चुनाव है। कुल चार सौ तीन विधानसभा क्षेत्रों में परिसीमन के बाद एक सौ तिरसठ नये क्षेत्र सामने आये हैं। जिससे लगभग चालीस प्रतिशत विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों को नये मतदाताओं का सामना करना पड़ेगा। परिसीमन के कारण सुरक्षित विधानसभा क्षेत्रों के स्वरूप और संख्या पर भी असर पड़ा है। दो हजार सात तक सुरक्षित विधानसभा क्षेत्रों की संख्या नवासी थी। जबकि अब इनकी संख्या पच्चासी रह गयी है, और इनमें भी अट्ठाईस क्षेत्र नये हैं।
उधर, समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव पूर्व किसी भी तरह के गठबन्धन से इन्कार किया है। समाजवादी पार्टी ने कहा है कि प्रदेश के लोग मायावती सरकार के कथित कुशासन से ऊबे हुए है और परिवर्तन चाहते है। भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि वह भ्रष्टाचार और अपराध के मुद्दों को चुनाव के दौरान गम्भीरता से उठायेगी। भाजपा ने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को कुशासन, भ्रष्टाचार और गैर विकास का पर्याय कहा है।
प्रदेश में चुनाव की तिथियो घोषणा के साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों ने जनसम्पर्क और जनसभाओं के आयोजन सम्बन्धी गतिविधियॉ तेज कर दी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी राज्य के विभिन्न जिलों का पॉच दिवसीय दौरा शुरू कर रहें हैं। इस दौरान वह सीतापुर, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, शाहजहॉपुर, बरेली और सहारनपुर जिलों में विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जनसभा को सम्बोधित करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने वरिष्ठ नेताओं राजनाथ सिंह, मुख्तार अब्बास नकवी, उमाभारती और प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही के दौरों के कार्यक्रम घोषित किये है। उधर समाजवादी पार्टी ने विभिन्न जिलों के तेरह विधानसभा क्षेत्रों में अपने पूर्व घोषित उम्मीदवारों को बदल दिया है। इनमें बरौली, आवंला, कायमगंज, बिन्दकी, कोरवं, बलरामपुर, मेंहदावल, चिल्लूपार, लम्भुआ, कानपुर कैण्ट, टाण्डा, बदलापुर और चकिया विधानसभा क्षेत्र शामिल है।
निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारियां चाक चौबंद करना आरंभ कर दिया है। निर्वाचन आयोग पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में समुचित संख्या में प्रेक्षक तैनात करेगा। आयोग की विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रेक्षक चुनाव प्रक्रिया के हर चरण पर कड़ी नजर रखेंगे। इन प्रेक्षकों के नामों, जिलो।,निर्वाचन क्षेत्रों तथा उनके टेलीफोन नंबरों का स्थानीय समाचार पत्रों में अच्छी तरह प्रचार किया जाएगा ताकि आम जनता कोई भी शिकायत करने के लिए उनसे तुरंत संपर्क कर सके।
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