बुधवार, 11 जनवरी 2012

ममता से घबराए हैं मनमोहन


बजट तक शायद चलें मनमोहन. . . 71

ममता से घबराए हैं मनमोहन

मध्यावधि की पक्षघर लग रहीं हैं ममता



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के निजाम मनमोहन सिंह और कांग्रेस दोनों ही के लिए ममता बनर्जी बुरी तरह से खतरा बनती जा रहीं हैं। ममता बनर्जी चाह रहीं है कि मध्यावधि चुनाव हो जाए, किन्तु कांग्रेस को मध्यावधि चुनाव में खतरा ही महसूस हो रहा है। ममता बनर्जी की धमकियों से अब मनमोहन सिंह की पेशानी पर कड़ाके की सर्दी में भी पसीने की बूंदे साफ दिखाई पड़ने लगी हैं। ममता ने अगर संप्रग का साथ छोड़ा तो ठीकरा मनमोहन सिंह पर फूटना तय माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि संप्रग सरकार की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं। सूत्रों ने कहा कि ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को अलविदा कहने का मन पूरी तरह बना लिया है। सूत्रों की मानें तो ममता बनर्जी ने कांग्रेस के आला नेताओं को साफ कह दिया है कि पांच राज्यों में होने वाले चुनावों के परिणाम के बाद कांग्रेस को आत्मावलोकन करना चाहिए, कि वह कितने पानी में खड़ी हुई है।
उधर, ममता के करीबी सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी को मशविरा दिया है कि त्रणमूल कांग्रेस के लिए केंद्रीय राजनीति में अपना ग्राफ बनाने के लिए यह समय मुफीद है। सूत्रों का कहना है कि अगर ममता बनर्जी दिल्ली में अपना किला मजबूत करना चाहती हैं तो उन्हें मध्यावधि चुनाव के लिए मार्ग प्रशस्त करना चाहिए और फिर चुनावी महासमर में उतरना उनके लिए श्रेष्यस्कर ही होगा। ममता बनर्जी को आम चुनावों के लिए निर्धारित 2014 तक रूकने के लिए मना कर दिया गया है। ममता चाहें तो कांग्रेस पर मध्यावधि चुनाव के लिए दबाव बनाना आरंभ कर दें।
ममता के करीबी सूत्रों का पश्चिम बंगाल पर एकछत्र राज करने के बाद अब ममता बनर्जी की महात्वाकांक्षाएं भी हिलोरे मारने लगी हैं। ममता अब मायावती की तरह ही केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर अपने हित साधने का प्रयास करना चाह रही हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि जिस तरह राजग सरकार में चंद्राबाबू नायडू ने बाहर से समर्थन दिया था, उसी तर्ज पर ममता बनर्जी भी अपने मंत्रियों को वापस लेकर सरकार से बाहर रहकर ही केंद्र में समर्थन दे सकती हैं।
त्रणमूल क्षत्रप ममता बनर्जी के इस तरह के बर्ताव ने कांग्रेस के आला नेताओं की घिघ्घी बांधकर रख दी है। कांग्रेस के रणनीतिकार अब इस जोड़तोड़ में लग गए हैं कि किस तरह ममता के इस नए तांडव से निपटा जाए। सबसे ज्यादा घबराए तो प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह लग रहे हैं, क्योंकि अगर स्थिति बिगड़ी तो इसका ठीकरा मनमोहन सिंह पर फूटना तय ही माना जा रहा है।

(क्रमशः जारी)

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