मंगलवार, 10 जनवरी 2012

कच्ची सड़कों से उड़ रही धूल कर रही बीमार


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  48

कच्ची सड़कों से उड़ रही धूल कर रही बीमार

संयंत्र प्रबंधन को अघोषित छूट दे रहा प्रदूषण नियंत्रण मण्डल



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर जिनका इकबाल राजनैतिक तौर पर काफी हद तक बुलंद है के स्वामित्व वाले अवंथा समूह का सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा केंद्र सरकार की छटवीं अनूसूचि में अधिसूचित मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड घंसौर के ग्राम बरेला में लगने वाले कोल आधारित पावर प्लांट में पर्यावरण और प्रदूषण मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के साथ ही साथ केंद्र सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय संयंत्र प्रबंधन के आगे बेबस ही नजर आ रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार संयंत्र प्रबंधन ने दावा किया था कि वह वायू प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए संयंत्र में ईलेक्ट्रोस्टेटिक प्रिसिपिटेटर बॉयलर का उपयोग करेगा। इसके साथ ही साथ पावर प्लांट में उन्नत डिजाईन के कोयला बर्नर का उपयोग किया जाएगा। इतना ही नहीं बॉयलर भट्टों के साथ ऑवर फायर एयरपोर्ट भी लगाएगा।
निर्माण अवस्था में वाहनों की आवाजाही से उतपन्न और उड़ने वाली धूल को रोकने के लिए प्रबंधन द्वारा सभी आंतरिक सड़कों को पक्का करने का वायदा भी संयंत्र प्रबंधन द्वारा किया गया था। विडम्बना ही कही जाएगी कि संयंत्र प्रबंधन को प्रथम चरण की अनुमति मिलने के उपरांत भी आंतरिक सड़कों को न तो पक्का किया गया है और न ही उनमें मुरम आदि भी डाली गई है।
सबसे अधिक आश्चर्य की बात तो यह है कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा घंसौर के ग्राम बरेला में लगाए जाने वाले इस पावर प्लांट के दूसरे चरण की लोकसुनवाई में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के आला अधिकारी भी कच्चे धूल उड़ाते मार्ग से ग्राम बरेला होकर गोरखपुर पहुंचे पर इस प्रदूषण की ओर उनका ध्यान नहीं गया। सूत्रों की मानें तो बेहद ज्यादा दबावके चक्कर में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा पर्यावरण और प्रदूषण मानकों की सरेआम उड़ाई जाने वाली धज्जियों के बारे में मौन साधे हुए है।
कुल मिलाकर सिवनी जिले की आदिवासी बाहुल्य तहसील घंसौर में पर्यावरण बिगड़े, प्रदूषण फैले, क्षेत्र झुलसे या आदिवासियों के साथ अन्याय हो इस बात से मध्य प्रदेश सरकार के प्रदूषण नियंत्रण मण्डल और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को कुछ लेना देना नहीं है। यह सब देखने सुनने के बाद भी केंद्र सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, मध्य प्रदेश सरकार, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, जिला प्रशासन सिवनी सहित भाजपा के सांसद के डी देशमुख विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, कमल मस्कोले, एवं क्षेत्रीय विधायक जो स्वयं भी आदिवासी समुदाय से हैं श्रीमति शशि ठाकुर, कांग्रेस के क्षेत्रीय सांसद बसोरी सिंह मसराम एवं सिवनी जिले के हितचिंतक माने जाने वाले केवलारी विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर चुपचाप नियम कायदों का माखौल सरेआम उड़ते देख रहे हैं।

(क्रमशः जारी)

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