मंगलवार, 10 जनवरी 2012

ममता के बाद पंवार ने दिखाई कांग्रेस को आंख


बजट तक शायद चलें मनमोहन    70

ममता के बाद पंवार ने दिखाई कांग्रेस को आंख

मन पर मनमुटाव बढ़ा



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो सुश्री ममता बनर्जी के तल्ख तेवरों के बाद अब महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस ने भी कांग्रेस को आंखें दिखाना आरंभ कर दिया है। देश में कांग्रेस के खिलाफ व्यापक स्तर पर जमीनी संदेश जाने के बाद अब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के घटक दल कांग्रेस से पीछा छुड़ाने की जुगत में लग गए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण वजीरे आजम डॉ।मनमोहन सिंह की सरकार पर ढीली पड़ती पकड़ को ही माना जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली त्रणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर सीधे वार करना आरंभ कर दिया है। इसके बाद अब राकांपा ने भी महाराष्ट्र में एकला चलो की नीति को अपना लिया है। असहज कांग्रेस अभी भी तय नहीं कर पा रही है कि वह इससे निपटने कौन सी रणनीति अपनाए।
शरद पंवार के करीबी सूत्रों का कहना है कि मुंबई महानगर पालिका चुनाव में राकांपा से गठबंधन की आस छोड़कर कांग्रेस चुनाव में अकेले ही उतरने का मन बना चुकी है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर गलत संदेश से बचने के लिए अभी वह आखिरी कोशिश कर रही है। महाराष्ट्र के निकाय चुनावों में कांग्रेस-राकांपा ने शिवसेना-भाजपा गठबंधन को करारी शिकस्त दी है, इस संदेश को और मजबूत करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व राकांपा से गठबंधन का पक्षधर था।
कांग्रेस के आला दर्जे के सूत्रों का मानना है कि अगर दोनों दल मिलकर लड़े तो बीएमसी पर शिवसेना-भाजपा का कब्जा खत्म हो जाएगा। ऐसे में अन्ना हजारे के अभियान की रही-सही हवा भी निकल जाएगी और पूरे देश में सकारात्मक संदेश जाएगा, जिसका फायदा उसे विधानसभा चुनावों में भी मिलेगा। अण्णा के गढ़ में ही कांग्रेस अगर परचम लहराती है तो यह टीम अण्णा के लिए काफी नकारात्मक संदेश का संवाहक हो जाएगा।
उधर, राकांपा को 40 से ज्यादा सीटें न देने पर अड़ी मुंबई कांग्रेस को थोड़ा उदार होने के लिए दिल्ली से संदेश भी गया, लेकिन राकांपा की 65 सीटों की जिद के सामने अब बड़े नेता भी झुकने के लिए तैयार नहीं हैं। ममता के बाद अब राकांपा के इस रवैए से कांग्रेस का आलाकमान सकते में है।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (श्रीमति सोनिया गांधी का सरकारी आवास) के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि डॉ।मनमोहन सिंह के विरोधियों ने कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी को बताया है कि घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक बन चुके वजीरे आजम डॉ।मनमोहन सिंह की सरकार पर ढीली पकड़ का ही नतीजा है कि संप्रग के घटक दल अब कांग्रेस की कालर पकड़कर झझकोर रहे हैं।

(क्रमशः जारी)

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