ठौर नहीं मिल पा रहा हरीश खरे को!
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)। कल तक देश के वज़ीरे आज़म के नाक का बाल बने रहे हरीश खरे आज आशियाने के लिए दर दर भटकने पर मजबूर हैं। स्वाभिान से लवरेज़ हरीश खरे अपनी प्रतिष्ठा को अक्ष्क्षुण रखने की खातिर अब जमीन तलाश रहे हैं। कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी से मिलने का सपना मन में लिए हरीश खरे अब कांग्रेस में सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (सोनिया गांधी का सरकारी आवास) में घुसने के लिए सीढ़ी तलाश रहे हैं।
10, जनपथ के उच्च पदस्थ सूत्रों का दावा है कि पीएमओ से बाहर किए गए हरीश खरे ने सोनिया गांधी के पारिवारिक मित्र और पत्रकारी सुमन दुबे से मदद की गुहार लगाई है। दरअसल, सुमन दुबे और हरीश खरे की इस बैठक को सुमन दुबे के समधी ने आयोजित किया। सुमन दुबे के पुत्र का विवाह इकानामिक टाईम्स के एक वरिष्ठ पत्रकार की भतीजी के साथ हुआ है।
इस बैठक के बाद जो बातें छन छन कर बाहर आ रही हैं, उनके अनुसार हरीश खरे की तमन्ना है कि वे एक मर्तबा सोनिया गांधी से मिलकर अपना दर्द हल्का करना चाह रहे हैं। उधर, हरीश खरे के अघोषित तौर पर धुर विरोधी पुलक चटर्जी ने इस बात की घेराबंदी कर रखी है, कि हरीश खरे सोनिया गांधी से न मिल पाएं।
पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि पुलक चटर्जी के संज्ञान में जबसे यह बात आई है कि सुमन दुबे और हरीश खरे के बीच एक सिटिंग हो चुक है, तबसे उनका रक्तचाप भी कुछ बढ़ सा गया है। सूत्रों ने कहा कि अब चटर्जी इस प्रयास में हैं कि सुमन दुबे को इस बात के लिए राजी कर लिया जाए कि वे हरीश खरे को 10, जनपथ से दूर ही रखें।
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