बुधवार, 21 मार्च 2012

चौदह पेज का अस्पष्ट कार्यवाही विवरण फिर आया पीसीबी की वेब साईट पर


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  79

चौदह पेज का अस्पष्ट कार्यवाही विवरण फिर आया पीसीबी की वेब साईट पर

लोकसुनवाई में रिकार्ड हुए महज 97 सुझाव/ आपत्ति

अब शुरू होगा थापर का अदृश्य जादू



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। अंततः 22 नवंबर 2011 को मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में डलने वाले गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के दो चरणों में डलने वाले 1200 मेगावाट (अब संभवतः 1260 मेगावाट, 60 मेगावाट क्यों और कब बढ़ा यह स्पष्ट नहीं) के कोल आधारित पावर प्लांट की लोकसुनवाई का कार्यवाही विवरण मध्य प्रदेश सरकार की शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के अधीन काम करने वाले प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने अपनी वेब साईट पर चार माहों बाद डाल ही दिया।
गौरतलब है कि 22 नवंबर 2011 को ग्राम गोरखपुर में संपन्न हुई हंगामाई लोकसुनवाई में अनेकों विसंगतियां प्रकाश में आईं थी। इस संबंध में मध्य प्रदेश के एक लोकसभा सदस्य द्वारा ध्यानाकर्षण लगाने की तैयारी भी पूरी कर ली है। अगर यह मामला संसद में उठता है तो मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल सहित जिला प्रशासन सिवनी पर गाज गिरने की संभावना है। गौतम थापर की थाप पर मुजरा करने वाले सरकारी नुमाईंदों पर आदिवासियों की उपेक्षा और नियम कायदों के खिलाफ काम करने के अनेक आरोप हैं।
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की आधिकारिक वेब साईट पर डले इस चौदह पृष्ठीय कार्यवाही विवरण में इस बार भी अस्पष्ट प्रति ही डाली गई है, जबकि 22 नवंबर को संपन्न लोकसुनवाई में पीसीबी के मुख्य रसायनज्ञ पी.आर.देव और वैज्ञानिक एस.के.खरे के संज्ञान में यह बात लाई गई थी कि 22 अगस्त 2008 के कार्यवाही विवरण को इंटरनेट पर पीसीबी की वेब साईट पर अस्पष्ट डाला गया था जो पठनीय नहीं था। बावजूद इसके 22 नवंबर 2011 को संपन्न लोक सुनवाई का कार्यवाही विवरण भी पूरी तरह अस्पष्ट ही डाला गया है।
पीसीबी के सूत्रों का कहना है कि मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के हाथों बिक चुके प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड को प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर फायदा पहुंचाने की गरज से सरकारी नियम कायदों को गौतम थापर के घर की लौंडी बना दिया है।
दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में केंद्र सरकार की छटवीं अनुसूची में अधिसूचित सिवनी जिले के घंसौर विकासखण्ड के आदिवासियों, जल जंगल और जमीन को परोक्ष तौर पर दौलतमंद गौतम थापर के पास रहन रख दिया गया है और बावजूद इसके केंद्र सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, मध्य प्रदेश सरकार, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, जिला प्रशासन सिवनी सहित भाजपा के सांसद के.डी.देशमुख विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, कमल मस्कोले, एवं क्षेत्रीय विधायक जो स्वयं भी आदिवासी समुदाय से हैं श्रीमति शशि ठाकुर, कांग्रेस के क्षेत्रीय सांसद बसोरी सिंह मसराम एवं सिवनी जिले के हितचिंतक माने जाने वाले केवलारी विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर चुपचाप नियम कायदों का माखौल सरेआम उड़ते देख रहे हैं।

(क्रमशः जारी)

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