जनरल के बहाने कांग्रेस के बैर निकालने आमदा राजपूत
हरियाणा से जनसेवक बनने की चाह में आर्मी चीफ!
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)। भारत गणराज्य की सेना के ईमानदार किन्तु विवादित सेनाध्यक्ष जनरल विजय कुमार सिंह के बहाने अब राजपूत क्षत्रप लामबंद होते दिख रहे हैं। आर्मी चीफ के मानस पटल पर भी अब राजनीति का कीड़ा कुलबुलाने लगा है, इसका कारण यह है कि ईमानदार छवि के बाद भी जनसेवकों ने उनके साथ जो बर्ताव किया है वह उन्हें नागवार ही गुजर रहा है। यद्यपि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज के माध्यम से भाजपा उन पर डोरे डालने का प्रयास कर रही है पर अभी साफ नहीं हो पाया है कि जनरल किस दल से किस्मत आजमाएंगे।
आर्मी चीफ विजय कुमार सिंह के करीबी सूत्रों का कहना है कि जनरल के मन में राजनैतिक महात्वाकाक्षांओं ने उबाल मारना आरंभ कर दिया है। पूर्व में राजपूत वजीरे आज़म विश्वनाथ प्रताप सिंह के नक्शे कदम पर चलते हुए जनरल सिंह भी अपने होम स्टेट यानी हरियाणा से चुनाव मैदान में उतरने की योजना बना रहे हैं। सूत्रों ने संकेत दिए कि वे भिवानी से मैदान में उतर सकते हैं। किस दल से उतरेंगे यह बात अभी भविष्य के गर्भ में ही है।
सियासी बियावान में यह बात तेजी से कौंध रही है कि आखिर कौन सी ऐसी शक्तिशाली बेटरी है जिससे जनरल का लट्टू प्रकाश पुंज के मानिंद चमचमा रहा है। कहा जा रहा है कि मामले की संवेदनशीलता और वोट बैंक की राजनीति की परवाह कर भाजपा ने भी इस मामले में अपने पैर वापस खींचकर जनरल से दिखाने के लिए पर्याप्त दूरी बना ली है। बावजूद इसके, हर राजनैतिक दल के राजपूत संसद सदस्य बड़ी ही आशा भरी निगाहों से जनरल विजय कुमार सिंह की ओर ताक रहे हैं।
राजपूत सांसदों में जनरल सिंह के साथ कांग्रेस द्वारा किए गए बर्ताव से रोष और असंतोष भी निर्मित होने लगा है। अनेक संसद सदस्य यह कहते भी सुने गए कि सरकार चाहे कांग्रेस की रही हो या भाजपा की किसी ने भी राजपूतों को पर्याप्त तवज्जो और प्रतिनिधित्व नहीं दिया है। कहा तो यहां तक भी जा रहा है चूंकि आर्मी चीफ खुद राजपूत हैं इसलिए सरकार उन्हें परेशान करने पर आमदा है।
उधर, ईमानदार छवि के धनी जनरल वी.के.सिंह भले ही जन्म तिथि एवं अन्य विवादों में उलझे हों, किन्तु देश भर में लोग भ्रष्ट राजनैतिक तंत्र के बीच उनकी ईमानदारी को ‘सेल्यूट‘ करते नजर आ रहे हैं। हर जगह जनरल वी.के.सिंह की टीआरपी (टेलीवीजन रेटिंग प्वाईंट) में रातों रात जबर्दस्त इजाफा दर्ज किया गया है। राजनैतिक दल मामले की संवेदनशीलता के कारण एक कदम आगे दो कदम पीछे की तर्ज पर कदमताल करते नजर आ रहे हैं, पर जनरल सिंह का दामन हर कोई थामने को आमदा ही नजर आ रहा है।
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