0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .
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बिना प्रभार दिए
गायब हैं संयंत्र प्रबंधन मिश्रा
मिश्रा आऊट, दास इन!
क्यों हटाए गए संयंत्र प्रबंधन मिश्रा!
(शिवेश नामदेव)
सिवनी (साई)।
देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान
मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के छटवीं सूची में अधिसूचित
आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकास खण्ड के ग्राम बरेला में स्थापित किए जाने वाले 1260 मेगावाट के कोल आधारित पावर प्लांट
में संयंत्र प्रबंधन श्री मिश्रा को बलात बदलकर उनके स्थान पर विश्वजीत दास को संयंत्र
का नया प्रबंधन नियुक्त किया गया है।
संयंत्र के सूत्रों
का कहना है कि बिना किसी यशोचित कारण के स्थानांतरण से कुपित संयंत्र प्रबंधन श्री
मिश्रा बिना चार्ज दिए ही दिल्ली कूच कर गए हैं। सूत्रों ने कहा कि श्री मिश्रा ने
संयंत्र प्रबंधन को लिखित में आवेदन देकर इस तबादले का विरोध करते हुए निर्णय लेने
को कहा है।
सूत्रों ने आगे
बताया कि वर्षों तक सरकारी सेवा में रहे श्री मिश्रा के कार्यकाल में घंसौंर में संयंत्र
या संयंत्र प्रबंधन के खिलाफ आवाजें नहीं उठा करती थीं। श्री मिश्रा ने स्थानीय कांग्रेस
और भाजपा के नेताओं सहित आदिवासी हाकिमों को निर्माण, ब्लास्टिंग जैसे करोड़ों के काम देकर
उन्हें उपकृत किया था, यही कारण था कि आदिवासियों के सीने पर पैर रखकर गौतम थापर द्वारा इस संयंत्र
की बुनियाद रखी जा सकी थी।
चर्चा तो यहां
तक है कि निर्माण कार्य में अनियमितताएं, घपले घोटालों की शिकायतें विशेषकर मीडिया को संयंत्र प्रबंधन द्वारा दी जाने
वाली चौथ को डकारने की शिकायत के चलते संयंत्र प्रबंधन श्री मिश्रा को लंबे अवकाश पर
भेजा गया है। इन बातों में कितनी सच्चाई है यह तो वे ही जाने किन्तु मिश्रा और दास
की वर्चस्व की लडाई में अब संयंत्र का काम परवान चढ़ना मुश्किल ही प्रतीत हो रहा है।
संयंत्र के सूत्रों
ने बताया कि नए संयंत्र प्रबंधन श्री दास के बारे में यह चर्चा आम हो गई है कि उड़ीसा
निवासी दास पहले छोटे पावर प्लांट में काम कर चुके हैं। 1260 मेगावाट के पावर प्लांट का काम
संभालना श्री दास के बस की बात नहीं है। श्री दास के बारे में यह भी कहा जा रहा है
कि वे अनुभव हीन हैं। कहा जा रहा है कि इस तरह की अफवाहें दिल्ली में बैठे पूर्व संयंत्र
प्रबंधन के करीबी ही उड़ा रहे हैं।
मिश्रा के करीबी
सूत्रों ने कहा कि अपने तबादले से नाराज श्री मिश्रा अचानक ही दिल्ली रवाना हो गए।
उन्होंने संयंत्र प्रबंधन को अवकाश का आवेदन देकर इस मामले को ‘सेटिल‘ करने को कहा है। उधर, संयंत्र प्रबंधन के सूत्रों का कहना
है कि मिश्रा अवकाश पर गए नहीं भेजे गए हैं।
(क्रमशः जारी)
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