बुधवार, 23 मई 2012

संप्रग के तीन साल पूरे: जश्न में सरकार


संप्रग के तीन साल पूरे: जश्न में सरकार

(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)। प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा है कि देश की राजकोषीय स्थिति के सावधानी से प्रबंधन और उद्योगों में घरेलू तथा विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए कड़े उपाय करने की जरूरत है। यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे होने के मौके पर नई दिल्ली में प्रधानमंत्री निवास पर आयोजित समारोह में डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि उनकी सरकार को भुगतान संतुलन के दबावों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार ने कहा है कि वह राजस्व के इस्तेमाल और खर्च के बारे में कड़े फैसले लेगी। डॉक्टर मनमोहन सिंह ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पर्यावरण के मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल किये जाने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए भण्डारण क्षमता बढ़ानी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार के शासनकाल में गरीबी तेजी से कम हुई है।
सरकार का दावा है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में गरीबी पहले की तुलना में दोगुनी तेजी से घटी है। कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल हुई है। दसवीं पंचवर्षीय योजना अवधि में दो दशमलव तीन प्रतिशत कृषि विकास दर के मुकाबले ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में तीन दशमलव तीन प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटी और बहुत छोटी जोत वाले दो करोड़ ७५ लाख किसानों को दो लाख करोड़ रूपये ऋण के रूप में दिये गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि यू पी ए सरकार के कार्यकाल में सतत उच्च वृद्धि दर के कारण ही हम समावेशी और एक समान विकास कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिकूल अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक वातावरण के बावजूद वर्ष २०११-१२ में भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग सात प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है, जो कि विश्व स्तर पर सबसे ऊंची वृद्धि दरों में से एक है।
यूपीए प्रमुख और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन कोरे वायदों से नहीं बल्कि अगले दो वर्षों में अपने काम के आधार पर फिर से चुनकर सत्ता में आएगा। उन्होंने कहा कि यूपीए के सत्ता संभालने के बाद से देश में लगातार विकास हो रहा है और सामाजिक तथा ग्रामीण विकास की परियोजनाओं के लिए धन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने सभी राज्यों को इतनी आर्थिक सहायता दी है कि जो इससे पहले कभी नहीं मिली। इस विकास को बनाये रखना है जिससे हम लगातार उन बड़े लक्ष्य को हासिल कर सकें।

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