सोमवार, 28 मई 2012

कंट्रोल ब्लास्टिंग नहीं हो रही झाबुआ पावर में!


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  90

कंट्रोल ब्लास्टिंग नहीं हो रही झाबुआ पावर में!

ब्लास्ट के टुकड़े गिर चुके हैं मिश्रा के कार्यालय पर

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के छटवीं सूची में अधिसूचित आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकास खण्ड के ग्राम बरेला में स्थापित किए जाने वाले 1260 मेगावाट के कोल आधारित पावर प्लांट में कंट्रोल ब्लास्टिंग का अभाव साफ तौर पर देखा जा रहा है। असुरक्षित ब्लास्टिंग में जिला प्रशासन, खनिज विभाग और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद ही मानी जा रही है।
संयंत्र प्रबंधन के सूत्रों का दावा है कि यहां निर्माण कार्य के दौरान होने वाले ब्लास्ट में दस मीटर की सीमा तय की गई है। कई मर्तबा तो ब्लास्ट इतने जबर्दस्त होते हैं कि मानकों को धता बताते हुए टुकड़े और पत्थर काफी दूर तक उड़ते नजर आते हैं।  बताया जात है कि अनेक बार ब्लास्ट के दौरान उड़ने वाले पत्थर संयंत्र में स्थित महाप्रबंधक के अस्थाई कार्यालय पर भी जाकर गिरे हैं।
सूत्रों के अनुसार ब्लास्ट का ठेका घंसौर के एक नेता नुमा ठेकेदार को दिया गया है। इसके साथ ही साथ घंसौर के एक अन्य ठेकेदार से ब्लास्ट का काम नहीं बनता है। इन ठेकेदारों द्वारा डिमोस्ट्रेशन भी नहीं दिया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो एक मर्तबा संयंत्र के तत्कालीन महाप्रबंधक द्वारा ठेकेदार से कहा गया कि वे 15 मीटर दूर खड़े हैं तब ब्लास्ट किया जाए। ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में उक्त ठेकेदार द्वारा संयंत्र के महाप्रबंधक मिश्रा की बात को अनसुना कर दिया गया था।
बताया जाता है कि एक स्थानीय नेता नुमा ठेकेदार के पास यहां सत्तर करोड़ रूपए से अधिक के निर्माण, ब्लास्ंिटग आदि के काम हैं, जिसके चलते स्थानीय स्तर पर होने वाली अनियमितताओं पर प्रशासन के साथ ही साथ पीसीबी के अधिकारी भी मौन साधे बैठे हैं।

(क्रमशः जारी)

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