कहीं धूप कहीं
छाया: 18 करोड़
होंगे बारिश के लिए खर्च
(महेश रावलानी)
नई दिल्ली (साई)।
सरकार ने कहा है कि अच्छी बारिश न होने और कृषि पर उसके विपरीत असर की स्थिति से
निपटने के लिए वैकल्पिक योजना बना ली गई
है। ंइसमें किसानों को दलहन और अल्पकालिक फसलों की खेती के लिए अच्छे किस्म के बीज
उपलब्ध कराने जैसे प्रबंध शामिल हैं। हालांकि कृषि सचिव आशीष बहुगुणा का यह भी
कहना था कि देश के अधिकतर भागों में फसलों की स्थिति अच्छी है। वे कल नई दिल्ली
में मॉनसून के देर से आने से प्रभावित राज्यों में फसलों की स्थिति की समीक्षा के
बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
उधर, कर्नाटक में समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने खबर दी है कि बारिश के लिये पूजा पर सरकार करीब 18 करोड़ रुपए खर्च
करेगी। वहीं दिल्घ्ली में बारिश के आसार अभी से बनने लगे हैं। कर्नाटक सरकार भगवान
इंद्र को खुश करने के लिए राज्य के 37 हजार मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना
कराएगी। इस पूजा पर करीब 18.5 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। हालांकि विपक्षी दलों ने
सरकार के इस फैसले की तीखी निंदा की है। पूजा के लिए कर्नाटक में धार्मिक
अनुष्ठानों का बंदोबस्त करने वाले मुजरई विभाग ने राज्य के सभी मंदिरों को सर्कुलर
जारी किया है।
ऐसा पहली बार है जब
किसी राज्य सरकार की ओर से बारिश के लिए मंदिरों में पूजा करवाने के आदेश दिए गए
हैं और पूजा पर आने वाले खर्च की मंजूरी दी गई है। केएस पुजारी ने बताया कि पूजा
के लिए मंदिर के ट्रस्ट की ओर से पैसों का इंतजाम किया जाएगा। यही नहीं राज्य के
चर्च और मस्जिदों से भी बारिश होने के लिए दुआ करने की मांग की गई है। पूजा के
आयोजन को प्रत्येक मंदिर के लिए 5 हजार रुपये मंजूर किए गए हैं। पूजा संभवतः 27 जुलाई और 7 अगस्त के बीच
होंगे।
दिल्ली से समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से आकाश कुमार ने मौसम विभाग के हवाले से बताया कि
दिल्ली आने वाले दिनों में तरबतर हो सकती है। मौसम विभाग का आकलन है कि जल्द ही
दिल्ली में जमकर बारिश हो सकती है। दिल्ली में इस समय न्यूनतम तामपान 28.6 डिग्री सेल्सियस
के आसपास है। भारत मौसम विभाग के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया केा बताया
कि आसमान में आंशिक बादल छाए रहेंगे। दिन में हल्की बारिश और गरज के साथ छीटें
पड़ने की सम्भावना है।
समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया के देश भर के ब्यूरो से मिली जानकारी के अनुसार देशभर में अभी तक सामान्य
से 22 फीसदी कम
बारिश रिकार्ड की गई है। पर चिंता की बात यह है कि देश के 76 फीसदी हिस्से में
बारिश न के बराबर है। सबसे ज्यादा पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी प्रभावित है जहां
अभी तक बारिश के कुछ बूंदे ही दिखाई दी हैं।
छत्त्तीसगढ़ से
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो अभय नायक ने बताया कि शुक्रवार की रात को हुई
मूसलधार बारिश से रायपुर शहर के हालात बेकाबू हो गए। निचली बस्तियां डूब गईं।
ज्यादातर कालोनियां जलमग्न हो गईं। शहर के कई इलाके टापू बन गए। एक रात की बारिश
में शहर जलमग्न हो गया। कहीं कोई व्यवस्था नजर नहीं आई।
हाउसिंग बोर्ड
कालोनियों के मकान हमेशा की तरह सड़क से नीचे होने के कारण डूबान में आ गए। इस सबके
बीच शहरवासी व्यवस्था संभालने वाले जिम्मेदारों के गैर जिम्मेदाराना बयान से दुखी
हैं। हर कोई शहर के इस हाल के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार बता रहा है। दो दिन पहले
तक जिस मार्ग से पूरी सरकार विधानसभा जाती रही, उस मार्ग के नाले
को पीडब्लूडी सालभर में भी नहीं बना पाया। नतीजा बरसाती पानी सड़क के ऊपर से बहने
लगा।
वहीं शहर की कई
कालोनियों का आलम यह था कि सड्डू कालोनी पूरी तरह से जलमग्न हो गई। शहर के बीच से
गुजरने वाली जीई रोड भी नाले में तब्दील हो गई थी। शनिवार की शाम तक सड्डू, अमलीडीह, वीआईपी स्टेट, लोधीपारा, स्टेशन रोड, मिलेनियम प्लाजा, गायत्री नगर, जगन्नाथ नगर, प्रोफेसर कालोनी, धरमनगर, रायपुरा, बजाज कालोनी, न्यू राजेंद्र नगर, वीरभद्र नगर, नेहरू नगर के लोग
घरों में घुस आए पानी से जूझते रहे।
उधर, छग समाचार एजेंसी
ब्यूरो से आंचल झा के अनुसार गरियाबंद में शनिवार को छुहिया नाला में बह जाने से
छुरा बम्हनी निवासी युवक मनीष राजपूत बह गया। बताया गया कि वह देवा ध्रुव, होरी लाल पाटकर
तरीघाट राजिम, जतमई मंदिर
से दर्शन कर बाइक से लौट रहे थे। इसी दौरान नाला पार करते वक्त तीनों बह गए। किसी
तरह देवा व होरीलाल बाहर निकल गए वहीं मनीष का रात आठ बजे तक पता नहीं चल सका।
शुक्रवार रात से
लेकर शनिवार सुबह तक राजधानी और आसपास के इलाके में जबर्दस्त बारिश हुई। शनिवार
सुबह साढ़े आठ बजे तक लालपुर में 141 मिलीमीटर और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी
लाभांडी में 236 मिमी
बारिश रिकार्ड की गई थी। कुछ घंटे के अंदर हुई इस बारिश को मौसम विभाग अति भारी
वर्षा मान रहा है।
साई ब्यूरो को मौसम
विभाग के सूत्रों ने बताया कि बंगाल की खाड़ी और तटीय ओडिशा में एक कम दबाव क्षेत्र
बना हुआ है। इसकी वजह से बादलों का घनत्व रायपुर जिले के ऊपर पिछले 24 घंटों में बहुत
ज्यादा हो गया था। यह सिस्टम अभी भी सक्रिय है।
बारिश से छत्तीगढ़
के अनेक जिले तरबतर हो गए हैं। प्रदेश भर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के
संवाददाताओं द्वारा भेजी जानकारी के अनुसार कांकेर में सुबह आठ बजे से शाम पांच
बजे तक लगातार बारिश होती रही। महासमुंद क्षेत्र में बीती रात तीन बजे से वर्षा
जारी है। नदी-नाले उफान पर है। धमतरी जिले के मगरलोड में नाला उफान पर होने के
कारण रास्ता बंद हो गया है। नवापारा राजिम में कुछ घंटों में 155 मिलीमीटर बारिश
दर्ज की गई। कई राइस मिलों में चावल की बोरियां डूबी गई हैं। जगदलपुर जिले में
लगातार बारिश से बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है।
इधर समाचार एजेंसी
ऑफ इंडिया के मध्य प्रदेश ब्यूरो से सोनल सूर्यवंशी ने बताया कि सूबे में अच्छी
बारिश होने की खबरें हैं। इंदौर से साई संवाददाता विजय सिंह राजपूत के अनुसार
शनिवार देर रात शहर में तेज बारिश हुई। जैसा कि मौसम विभाग ने कहा था कि 20 या 21 जुलाई से तीन दिन
तक लगातार बारिश हो सकती है। ठीक उसी तरह बारिश का सिलसिला शनिवार रात से शुरू हो
चुका है। बारिश के तुरंत बाद ही शहर के कई इलाकों में बिजली गुल हो गई।
प्रदेश में एक
पखवाड़े के सूखे के बाद अब जोरदार बारिश होने के आसार बन गए हैं। वेदर सिस्टम उड़ीसा
से प्रदेश की ओर बढ़ रहा है, इससे आसमान पर छाए काले बादल जमकर बरस सकते
हैं। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में कोई हलचल नहीं होने से मौसम
शुष्क था।
पिछले साल की तुलना
में इंदौर समेत पूरे प्रदेश में अभी आधी बारिश भी नहीं हुई है। 10 जुलाई को हुई आठ
सेमी बारिश के बाद से अब तक बारिश तो दूर बादल तक नहीं गरजे। शनिवार को शहर का
अधिकतम तापमान 32 डिग्री
आंका गया जो सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा रहा।
न्यूनतम तापमान 25.1 डिग्री आंका गया, जो सामान्य से दो
डिग्री ज्यादा रहा। शनिवार शाम कहीं- कहीं हल्की बूंदाबांदी हुई। मौसम केंद्र के
निदेशक डीपी दुबे ने बताया कि अभी सामान्य से 26 प्रतिशत कम बारिश
हुई है। एक आंकलन के अनुसार अब तक 32 सेमी बारिश हो जानी थी। वैसे इस साल अब तक 24 सेमी बारिश हुई।
उधर राजधानी में अब
तक 25.38 सेमी
बारिश हुई। देखा जाए तो यह जरूरत के मुताबिक 12.71 सेमी कम ही आंकी
गई है। पिछले साल बीस जुलाई तक राजधानी में 54.45 सेमी बारिश हुई थी। वैसे यह आंकड़ा
यह सामान्य से 16.36 सेमी
ज्यादा है। राजधानी समेत प्रदेश में जुलाई महीने में 35 से 40 सेमी औसत बारिश
होनी चाहिए।
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