ये है दिल्ली मेरी जान
(लिमटी खरे)
. . . तो सोनिया के लिए हो रहे 6
से 12 सिलेन्डर
रसोई गैस में सब्सीडी के फंडे में
अब केंद्र सरकार कुछ रिलेक्स होने वाली है। केंद्र सरकार सब्सीडी वाले सिलेन्डर की
तादाद छः से बढ़ाकर बारह करने पर विचार कर रही है। लोग खुश हैं, पर आम आदमी का खून स्ट्रा
(केन्ड ड्रिंक पीने की नली) लगाकर पीने वाली केंद्र सरकार ने आखिर यह कदम उठाने का
विचार क्यों बनाया? कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ (श्रीमति
सोनिया गांधी का सरकारी आवास) के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि जब एक अस्पताल प्रबंधन
ने सोनिया राहुल से सब्सीडाईज्ड सिलेंडर कम होने की स्थिति में किचिन बंद करने की बात
कही तब जाकर युवराज और राजमाता की नींद खुली। दरअसल, नेहरू गांधी परिवार के फेमिली फॅमिली
ट्रस्ट जिसकी वर्तमान चौयरपर्सन खुद सोनिया गांधी हैं, द्वारा इलहाबाद में संचालित
कैंसर हॉस्पिटल का कम्युनिटी किचन महंगाई की मार के चलते पिछले सवा पखवाड़े से बंद पड़ा
है। जब बाजारू कीमत पर गैस खरीदने के लिए सोनिया राहुल से पैसा मांगे गए तो फिर बात
केंद्र सरकार के पास पहुंची और जनता को राहत मलने की उम्मीद बंधी।
घायल की गति जाने घायल!
बहुत पुरानी कहावत है कि घायल की
गति जाने घायल! अर्थात एक घायल की पीड़ा दूसरा घयाल ही जान सकता है। इसी तर्ज पर कांग्रेस
में आजकल एक दागी दूसरे दागी का बचाव पूरे जतन से कर रहा है। सोशल नेटवर्किंग बेव साईट
पर राष्ट्रीय दमाद की उपाधि पा चुके सोनिया गांधी के दमाद राबर्ट वढेरा के बचाव में
सलमान खुर्शीद ने पूरी ताकत लगाई तो सलमान और उनकी पत्नि लुईस के खिलाफ ही विकलांग
का पैसा खाने का संगीन आरोप लग गया। प्रधानमंत्री खुद भी इस मामले में संजीदा हैं और
उनका भी कहना है कि इस तरह की नकारात्मक बातों के प्रचार प्रसार पर रोक लगना चाहिए।
जयंती नटराजन पर रियल स्टेट तो रेणुका चौधरी पर यूपीए वन में हवाई अड्डों की ड्यूटी
मुक्त दुकानों से वसूले के आरोप लगे थे। अब सारे घपले घोटालेबाज कांग्रेस के नेता राबर्ट
वढेरा के फंसने से राहत की सांस ले रहे हैं कि अब आने वाले कुछ महीनों तक तो घपलेबाज
नेताओं पर हाथ नहीं डालेगी और उनका बचाव ही करेगी सरकार।
गांधी के सिद्धांतों को बिसरा दिया
कांग्रेस ने
आधी लंगोटी में जीवन बिताने वाले
महात्मा गांधी के नाम का भरपूर दोहन किया है सवा सौ साल पुरानी और देश पर आधी सदी से
ज्यादा राज करने वाली कांग्रेस ने। वर्तमान में कांग्रेसी अपने आप को गांधी (महात्मा
गांधी नहीं) के वंशज अवश्य मानते हैं पर महात्मा गांधी के सिद्धांतों को अब तो अपने
जीवन में तो क्या भाषणों में भी स्थान देना बंद कर दिया है। बापू के तीन सिद्धांत थे,
बुरा मत देखो,
बुरा मत बोलो,
बुरा मत सुनो।
आज देश में भ्रष्टाचार, घपले, घोटाले, बलात्कार का बोलबाला है पर कांग्रेस
में प्रधानमंत्री से लेकर नीचे तक का कार्यकर्ता चुपचाप देख रहा है। जब भी कांग्रेस
के नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं कांग्रेस के लड़ाकू रक्षक अरोप लगाने
वालों के खिलाफ स्तरहीन बयानबाजी पर उतर आए हैं। जब सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह राबर्ट वढ़ेरा
पर आरोप लगते हैं तो इन आरोपों को जमीन स्तर का कार्यकर्ता यह कहकर सुन रहा है -‘‘तो क्या होता है भाजपा कौन
सी दूध की धुली है?‘‘
सांसद की धौंस जमाते दर्डा
महाराष्ट्र में कभी मराठी अखबार का
बोलबाला हुआ करता था, उसका नाम था लोकमत। लोकमत ने अपना हिन्दी संस्करण आरंभ किया।
सूबे में एक छत्र साम्राज्य स्थापित हो गया इस समूह का। संभवतः इसी के बल पर इस समूह
के स्वामी विजय दर्डा को राज्य सभा के रास्ते संसद में प्रवेश मिला। इसके बाद जबसे
दैनिक भास्कर ने इस प्रदेश की ओर नजरें इनायत की हैं, इस अखबार का रसूख कम सा हुआ
है। हाल ही में सांसद विजय दर्डा पर कोल में होल के आरोप लगे हैं। अब विजय दर्डा पर
अपने सांसद के लेटर हेड पर अपने मराठी और हिन्दी अखबार के विज्ञापन के दीवाली के स्पेशल
अंक के लिए विज्ञापन मांगने के आरोप लग रहे हैं। अमूमन सांसद या विधायक से उम्मीद की
जाती है कि वह अपने पद का इस्तेमाल जनहित के लिए करेगा, पर यहां तो मामला उलटा ही
है। सांसद और कथित मीडिया मुगल विजय दर्डा अपने पद और प्रभाव का उपयोग अपनी ही जेब
भरने के लिए कर रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि लोकमत मीडिया लिमिटेड के अध्यक्ष विजय दर्डा
अगर अपनी कंपनी को करोबारी लाभ पहुंचाना चाहते हैं तो कंपनी के लेटर हेड का उपयोग करते
ना कि सांसद का। अब समूची कांग्रेस ही लूटने में लगी है तो भला विजय दर्डा क्यों पीछे
रहने वाले हैं।
टू जी, सीएजी, सीडब्लूजी, अब जीजाजी
एकता कपूर के टीवी सिरियल्स में ‘के‘ का महतव है तो कांग्रेस में
अब तक के घपले घोटालों की फेहरिस्त में ‘जी‘ का अपना महत्व है। टूजी,
थ्रीजी,
सीडब्लू जी
(कामन वेल्थ गेम्स), सीएजी के साथ ही साथ अब सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स पर राबर्ट
वाढरा को जीजाजी कहा जा रहा है और उन्हें भी घपले घोटाले भ्रष्टाचार की लिस्ट में अग्रणी
रखा जा रहा है। अब तक तो सिर्फ सांसद विधायकों के द्वारा भ्रष्टाचार घपले, घोटाले करने के आरोप सामने
आए थे, पर अब अपनी सासू मां श्रीमति सोनिया गांधी और साले राहुल गांधी के नाम और प्रभावों
का उपयोग कर राबर्ट पर आरोप लगे हैं। इन आरोपों में सच्चाई कितनी है यह तो वे ही जाने
या डीएलएफ गु्रप, पर राबर्ट को बिना ब्याज का लोन देकर डीएलएफ के मालिक ने मध्य
प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान से एक कदम आगे निकला गया है। गौरतलब है कि चौहान
ने एमपी के किसानों को एक प्रतिशत की दर पर लोन मुहैया कराया है।
नहीं बनी डीएमके से बात
मीडिया में भले ही यह बात प्रचारित
प्रसारित हो रही हो कि मंत्रीमण्डल का विस्तार राहुल गांधी की व्यस्तता और श्राद्ध
पक्ष के चलते टाला गया हो पर सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ के सूत्रों का दावा
है कि यह विस्तार राहुल गांधी के कारण नहीं वरन् डीएमके और मुकेश अंबानी के दबाव के
चलते टाला गया है। इसके साथ ही साथ महाराष्ट्र का भी इस विस्तार को टालने में योगदान
माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो मंत्रीमण्डल विस्तार टलने की तीन प्रमुख वजहें
हैं। पहली वजह द्रमुुक का मंत्रीमण्डल से बाहर रहना और दूसरा मुकेश अंबानी की पेट्रोलियम
मंत्री जयपाल रेड्डी की रूखसती है। तीसरा महाराष्ट्र में राकांपा के दबाव के आगे झुककर
अगर कांग्रेस चव्हाण को हटाती है तो इसका संदेश बहुत अच्छा नहीं जाएगा। तीनों ही वजहें
कांग्रेस के लिए इतनी अहम थीं कि दोनों ही को वे नजर अंदाज नहीं कर सकते थे।
महामहिम जाएंगे शिरडी
भारत गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति
प्रणब मुखर्जी भी अब शिरडी के फकीर के दरबार में हाजिरी लगाने जाएंगे। अगले महीने के
दूसरे पखवाड़े में प्रणव मुखर्जी शिरडी आएंगे और यहां अत्याधुनिक साई आश्रम का उद्यघाटन
करेंगे। लगभग दो सौ करोड़ रूपयों की लागत से तैयार इस साई आश्रम में हर तरह की सुविधाएं
मुहैया कराने का प्रयास किया गया है। साई बाबा संस्थान के सूत्रों ने बताया कि यह नया
भक्त निवास मुख्य मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सूत्रों ने यह भी
बताया कि दो चरणों में तैयार इस योजना का महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा
16 नवंबर को उद्घाटन किया जाएगा। इसमें 1536 कमरे हैं, जिसमें 350 से अधिक वातानुकूलित
हैं। आश्रम के अंदर 12 भवन हैं और इसमें दस हजार श्रद्धालु रुक सकते हैं। योजना के
दूसरे चरण में हालों बड़े कमरों, के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। इसमें करीब पांच हजार
श्रद्धालु ठहर सकते हैं।
शिव के समक्ष नरम हुए प्रभात
मध्य प्रदेश में तख्तापलट की तैयारी
में जुटी टीम झा के सुर अब बदले बदले नजर आ रहे हैं। संगठन के जरिए सत्ता पाने की चाहत
में प्रभात झा ने प्रशासनिक जमावट में तो अपने प्यादे हर जगह फिर कर दिए थे,
किन्तु बाद
में जब प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी ही खतरे में दिखी तो प्रभात झा ने अपना रवैया बदल
लिया है। शिवराज सरकार के लिए प्रभात झा का नरम रवैया चौंकाने वाला ही माना जा रहा
है। कभी मंत्रियों और अपनी ही सरकार पर निशाना साधने से नहीं चुकने वाले झा पिछले दिनों
खंडवा में हुई कार्यसमिति में अपने कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों को ही नसीहत
देते नजर आए। कहा जा रहा है कि यह उनकी दूसरी पारी खेलने की कसरत है, जिसके तहत झा में यह बदलाव
देखा जा रहा है। झा जानते हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मर्जी के विरुद्ध
वे दूसरी पारी हासिल नहीं कर पाएंगे।
और प्रियंका भी आईं विवादों में
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री
शांता कुमार ने राज्य में गांधी परिवार की संपत्तियों की जांच कराने की मांग की है।
शांता कुमार फिलहाल राज्यसभा के सदस्य हैं। शांता कुमार के करीबी सूत्रों के मुताबिक
उन्होंने इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएएसी) के नेता अरविंद केजरीवाल को लिखे एक पत्र
में कहा कि शिमला में प्रियंका गांधी वाड्रा की सम्पत्ति की भी जांच की मांग वह उठाएं।
कुमार ने लिखा है कि प्रियंका वाड्रा के परिवार की शिमला में संपत्ति है। मुझे इस बारे
में पूरी जानकारी नहीं है लेकिन यह करोड़ों की है। इसे भी आप अपनी सूची में डाल लो।
इस महत्वपूर्ण आंदोलन में देश आपके साथ है। आईएसी ने हालांकि सवाल उठाया कि हिमाचल
की भाजपा सरकार क्यों इस मामले की जांच नहीं कर रही है। बयान में कहा गया, हमें जानकारी मिली है कि
बगैर सरकार की अनुमति में कोई भी बहरी हिमाचल में सम्पत्ति नहीं खरीद सकता। कैसे और
किस सरकार ने उन्हें जमीन खरीदने की इजाजत दे दी।
मीनाक्षी की लाल बत्ती पर संकट के
बादल
केंद्रीय मंत्रीमण्डल विस्तार में
सांसद मीनाक्षी नटराजन को टीम राहुल कोटे से लाल बत्ती मिलना तय माना जा रहा था,
किन्तु अचानक
ही रतलाम में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, सांसद प्रेम चंद गुड्डू और
मीनाक्षी नटराजन की उपस्थिति में हुए कलेक्टर के साथ विवाद में मीनाक्षी नटराजन की
भूमिका से अब उनकी लाल बत्ती पर प्रश्न चिन्ह लगने आरंभ हो गए हैं। कहा जा रहा है कि
मीनाक्षी नटराजन की अपने ही संसदीय क्षेत्र में कमजोर पकड़ और कांग्रेस का गिरता ग्राफ
उनके लिए सबसे बडा रोढा है। इसके साथ ही साथ हाल ही में प्रदेशाध्यक्ष कांति लाल भूरिया
और सांसद प्रेमचंद गुड्डू के साथ मीनाक्षी ने कलेक्टर के साथ जो बर्ताव किया और उसे
मीडिया में जिस तरह से प्रस्तुत किया गया उससे आला कमान मीनाक्षी से नाराज बताए जा
रहे हैं। अब मीनाक्षी को लाल बत्ती मिलने में संशय ही जताया जा रहा है।
धन्य हैं मनमोहन!
भारत गणराज्य के वर्तमान निजाम मनमोहन
सिंह भी धन्य हैं। कभी संपादकों की टोली को बुलवाकर अपने आप को मजबूर बताते हैं तो
कभी परोक्ष तौर पर गठबंधन धर्म को राष्ट्रधर्म से बड़ा बताते हैं। अब उन्होंने भ्रष्टाचार
की खबरों के प्रचार प्रसार से वैश्विक स्तर पर भारत की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने
की बात कह नई बहस छेड़ दी है। लोगों का कहना है कि क्या भारत गणराज्य इतना कमजोर हो
गया है कि देश का प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार रोकने की बजाए उसके प्रचार प्रसार को रोकने
की अपील करे! वस्तुतः मनमोहन सिंह को भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना चाहिए। जब इस पर रोक
लगाने की बात आती है तब मनमोहन खुद को मजबूर बता देते हैं। पर जब सोशल मीडिया इसको
उछालता है तब प्रधानमंत्री व्यथित हो जाते हैं। निस्संदेह पंडित जवाहर लाल नेहरू और
महात्मा गांधी के साथ ही साथ राजीव गांधी ने भी इक्कीसवीं सदी के एसे भारत की कल्पना
तो नहीं ही की होगी।
पुच्छल तारा
मनमोहन अपने आप को मजबूर बताकर देश
को लूटने की खुली छूट देकर रखे हुए हैं। इस बात पर अहमदाबाद से पीयूश शाह ने एक ईमेल
भेजा है। पीयूष लिखते हैं कि कल तक एक जुमला बड़ा ही चर्चित रहता था कि मजबूरी का नाम
महात्मा गांधी। धीरे धीरे इसने वाकई अपना असर दिखाया। मजबूर लोगों ने महात्मा गांधी
के मुस्कुराते चित्र वाले नोटों के जरिए मजबूरी में अपने काम साधे। अब समय बदल गया
है मुहावरा अब नया आ गया है। वह है कि मजबूरी का नाम महात्मा गांधी नहीं मनमोहन सिंह
है।
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