शुक्रवार, 5 अक्टूबर 2012

अनाथ हो गई सिवनी, भूल गए राजनेता


अनाथ हो गई सिवनी, भूल गए राजनेता

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन के नक्शे से गायब हुआ सिवनी!

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। पता नहीं पर शायद 1990 के उपरांत सिवनी को किसी ना किसी की तो नजर लगी है। 1990 के उपरांत सिवनी का जीवन मानो ठहर सा गया है। ना उद्योग धंधे और ना विकास। जो उद्योग धंधे आ भी रहे हैं उनमें कुछ नेतानुमा ठेकेदार ही अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। इस सबके बाद भी सिवनी के सांसद विधायक नीरो के मानिंद चैन की बंसी ही बजा रहे हैं, जैसे सब कुछ ठीक ठाक चल रहा हो।
अपने निज और निहित स्वार्थों के चलते कांग्रेस और भाजपा के आला नेता, सांसद और विधायकों ने सिवनी जिले को अपने आकाओं के पास गिरवी रख दिया है। सिवनी के खाते में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुश्री विमला वर्मा के कार्यकाल के अलावा हरवंश सिंह द्वारा अपने तत्कालीन आका अर्जुन सिंह के संचार मंत्री रहते सिवनी को दिलाई गई एसटीडी सुविधा के अलावा और किसी के खाते में कोई उपलब्धि नहीं है।
हाल ही में एक बार फिर सिवनी को छला गया है। बार बार मध्य प्रदेश सरकार के छलने और कांग्रेस के इसके छद्म विरोध से साफ हो जाता है कि यह कांग्रेस भाजपा की नूरा कुश्ती से कम नहीं है। इसी तरह केंद्र में कांग्रेस द्वारा सिवनी को ठगने पर भाजपा के दिखावटी विरोध से भी षणयंत्र की ही बू आने लगती है।
मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आरंभ की गई अभिनव तीर्थ-दर्शन योजना में 60 वर्ष से अधिक उम्र के तीर्थ-यात्रियों को लेकर 5 अक्टूबर को उज्जैन से और 8 अक्टूबर को जबलपुर से ट्रेन रवाना होगी। उज्जैन से जाने वाली ट्रेन 9 अक्टूबर को और जबलपुर से जाने वाली ट्रेन 12 अक्टूबर को वापस आएगी।
उज्जैन से रवाना होने वाली ट्रेन में जिला उज्जैन के 226, देवास के 177, शाजापुर के 171, रतलाम के 164, मंदसौर के 151 और नीमच के 93 तीर्थ-यात्री जाएँगे। इसी तरह जबलपुर से जाने वाली ट्रेन में जिला जबलपुर के 346, बालाघाट के 239, डिंडोरी के 98, मण्डला के 147 और नरसिंहपुर जिला के 153 बुजुर्ग वैष्णो देवी जाएँगे। तीर्थ-यात्रियों के सहयोग के लिए अन्य कर्मचारी भी जाएंगे।
इस आधिकारिक विज्ञप्ति से साफ हो जाता है कि जबलपुर से जाने वाली रेलगाड़ी में सिवनी जिले के यात्रियों को नहीं जोड़ा गया है। मध्य प्रदेश सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस योजना के तहत अभी रेलगाड़ी संभागीय मुख्यालयों से ही ले जाई जा रही हैं। इस तरह अब मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना में भी सिवनी जिले का तिरस्कार कर दिया गया है।
यह सब देखने सुनने के बाद भी सिवनी का लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस के बसोरी सिंह मसराम और भाजपा के केशव दयाल देशमुख, विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा की श्रीमति नीता पटेरिया, शशि ठाकुर, कमल मस्कोले तो अपना मुंह सिले बैठे ही हैं साथ ही साथ कांग्रेस के महाबली और प्रशंसकों के बीच दादा ठाकुर के नाम से पहचाने जाने वाले हरवंश सिंह ठाकुर ने भी सदा की भांति अपना मौन तोड़ना उचित नहीं समझा है।
सब कुछ देखने सुनने के बाद लगने लगा है कि सिवनी का अब कोई धनी धोरी नहीं रह गया है। एक तरह से सिवनी अब पूरी तरह अनाथ ही हो चुका है। ना सिवनी में ब्राडगेज है और ना ही फोरलेन ही बची है। कांग्रेस भाजपा का झंडा डंडा उठाने वाले 2006 से ब्राडगेज तो 2008 से फोरलेन लाने का दिवा स्वप्न दिखाकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। हालात जनता के सामने हैं। सिवनी को इन नेताओं और उनके लग्गू भग्गुओं ने गिरवी ही रख दिया है।
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के दबाव में मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार जल्द ही मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत एक विशेष रैक छिंदवाड़ा से भिजवाने का इंतजाम करने वाली है। जिस तरह से सिवनी में फोरलेन के मामले में कमल नाथ की सांकेतिक शवयात्रा निकालकर उस शवयात्रा के साथ हर तरह का दुर्व्यवहार यहां तक कि जूतों की माला तक पहनाई गई थी, उसके उपरांत छिंदवाड़ा के एक कार्यक्रम में कमल नाथ द्वारा सिवनी के दादा ठाकुर हरवंश सिंह पर व्यंगात्मक लहजे में यह कहा गया कि सिवनी का कितना विकास हुआ पूछ लो हरवंश सिंह से?
इसके जवाब में जब हरवंश सिंह ने सिवनी के हक को मांगने के बजाए हथियार डालते हुए अपने उद्बोधन में यह तक कह डाला कि वे स्वयं भी छिंदवाड़ा के हैं से यह बात भी साफ होने लगी है कि अब हरवंश सिंह ठाकुर का केवलारी से मोहभंग होने लगा  है और वे नए विधानसभा या संसदीय क्षेत्र की तलाश में तेजी से जुट चुके हैं। ज्ञातव्य है कि पिछले दो सालों में केवलारी विधानसभा क्षेत्र की जिस तरह से उपेक्षा हो रही है उससे इन आशंकाओं को बल मिल रहा है कि हरवंश सिंह अब इस सीट से चुनाव लड़ने में इच्छुक नहीं बचे हैं।

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