शुक्रवार, 5 अक्तूबर 2012

दीपा के खिलाफ बनने लगा है माहौल!


दीपा के खिलाफ बनने लगा है माहौल!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। एक समय में कांग्रेस के तारणहार रहे प्रियरंजन दासमुंशी आज कहां हैं यह कम ही कांग्रेस जन जानते हैं। सालों से अचेतावस्था में दिल्ली के मथुरा रोड़ स्थित अपोलो अस्पताल में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे दासमुंशी को देखने अब शायद ही कोई जाता हो, यहां तक कि उनकी पत्नि दीपा दासमुंशी ने भी अपने पति से किनारा करने की बातें अब अस्पताल प्रबंधन द्वारा की जा रही हैं।
एक समय में कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रियरंजन दासमुंशी अक्टूबर 2008 में जैसे ही बीमार पड़े थे वे सुर्खियों में थे। उसके उपरांत कांग्रेस ने उन्हें भुला ही दिया। कांग्रेस के आला नेताओ ंने भी अपोलो की ओर रूख नहीं किया। अगर कभी किया भी तो अपने परिजनों या रिश्तेदार परिचितों की तीमारदारी के लिए।
अपोलो अस्पताल प्रबंधन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अब तो कई महीने हो गए प्रियरंजन दास मुंशी से मिलने कोई नहीं आया। उन्हें अपोलो अस्पताल के एक प्राईवेट वार्ड में रखा गया है। सूत्रों की मानें तो सालों से प्रियरंजन दासमुंशी अचेतावस्था में ही जीवन और मौत से संघर्ष कर रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि अपोलो प्रबंधन भी चाह रहा है कि दासमुंशी को उनके परिजन वापस ले जाएं, क्योंकि दासमुंशी के स्वस्थ्य होने की सारी संभावनाएं समाप्त हो चुकी हैं। दासमुंशी को स्टेम सेल ट्रीटमेंट के लिए जर्मनी भी ले जाया गया था पर इसका कोई फायदा नहीं हुआ है। अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि व्हीव्हीआईपी के चलते दासमंुशी को 2008 में अस्पताल में दाखिल करवाया गया था किन्तु उसके उपरांत लंबा समय बीत जाने के बाद जब उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और उनकी तीमारदारी में भी लोगों ने आना बंद कर दिया है तब अस्पताल प्रबंधन अब इस बात के लिए परेशान चल रहा है कि आखिर उनके कमरे के भाड़े का भोगमान कौन भोगेगा?
पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के कुछ समाचार पत्रों में प्रियरंजन दास मुंशी के निरीह दीन हीन अवस्था में पड़े होने की खबरें और फोटो प्रकाशित होने पर कांग्रेस में बवाल मच गया था। प्रियरंजन दासमुंशी की अर्धांग्नी दीपा दासमुंशी के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि चूंकि दीपा दासमुंशी ने त्रणमूल कांग्रेस के विरोध का झंडा उठाया हुआ है, अतः त्रणमूल के नेता इस तरह के घिनौने प्रचार को अस्त्र बना रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि दीपा दासमुंशी का नाम केंद्र में मंत्री पद के लिए चल रहा है इसलिए त्रणमूल के नेता इस हथकंडे को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि दीपा दासमुंशी के संज्ञान में इस बात को लाया गया है कि त्रणमूल के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय अपने अभिन्न मित्र कुणाल घोष के साथ अपोलो अस्पताल गए और वहां प्रियरंजन दास मुंशी के कमरे में जाकर उनके ना केवल फोटो ले आए वरन् अस्पताल प्रबंधन की खीझ को भी बेहतर तरीके से बंगाल के अखबारों में रेखांकित करवा चुके हैं।
इस बात में सच्चाई कितनी है यह बात या तो प्रियरंजन दासमुंशी की पत्नि दीपा दासमुंशी जानती होंगी या फिर त्रणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय पर इस बात में काफी सच्चाई नजर आती है कि कांग्रेस की सालों साल सेवा करने वाले प्रियरंजन दासमुंशी की सुध पिछले चार सालों से कांग्रेस द्वारा नहीं ली गई है। अब तो उनकी पत्नि दीपा दासमुंशी ने भी अपोलो की ओर रूख करना कम कर दिया है।

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