सबसे कम दरों पर
लें 4जी का मजा
(मणिका सोनल)
नई दिल्ली। (साई)। 4जी सेवा के लिए
प्रति मेगाबाइट (एमबी) की दर से ऑफर करने की तैयारी चल रही है। कंपनी अपनी 4जी सर्विस को 2 पैसे प्रति एमबी
की दर लागू करेगी।
मुंबई की तिकोना
डिजिटल ने इसका ऐलान कर दिया है है। तिकोना के सीईओ राकेश वाजपेई ने बताया कि
कंपनी 2013 की दूसरी
छमाही में 2 से 5 पैसे प्रति एमबी
की रेंज में गुजरात,
हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 4जी सर्विस लॉन्च
करेगी। इन इलाकों में कंपनी ने 2010 में 1058 करोड़ रुपए में मोबाइल ब्रॉडबैंड एयरवेव्स
के राइट्स हासिल किए थे।
वीडियोकॉन मोबाइल
सर्विसेज का कहना है कि कंपनी हाल में हासिल स्पेक्ट्रम के जरिए मौजूदा 2जी टैरिफ से कम रेट
पर 4जी सर्विस
लॉन्च करेगी। हालिया ऑक्शन में कंपनी को 6 सर्कल्स के लिए स्पेक्ट्रम मिले हैं। इनमें
हरियाणा, मध्य
प्रदेश-छत्तीसगढ़, गुजरात, यूपी वेस्ट, बिहार और झारखंड
शामिल हैं। तिकोना का प्रस्तावित टैरिफ स्ट्रक्चर मौजूदा सेकंड और थर्ड (2जी और 3जी) के ऑफर से
सस्ता होगा।
मिसाल के तौर पर अब
तक 4जी सर्विस
लॉन्च करने वाली एकमात्र कंपनी एयरटेल इस प्लेटफॉर्म पर हाई स्पीड डाटा 13-15 पैसे जीबी की दर
से ऑफर कर रही है। इसमें डोंगल की कीमत शामिल नहीं है, जो 4,999 रुपए में मिलता
है। एयरटेल 1जीबी का 2जी डाटा 98 रुपए महीने पर
देती है, जो 9-10 पैसे प्रति एमबी
बैठता है। इसी तरह,
3जी सर्विस के लिए चार्ज 30-35 पैसे प्रति एमबी
है।
पहले से मुश्किलों
से फंसी भारतीय मोबाइल कंपनियों के लिए हाई स्पीड वायरलेस डाटा अगली बड़ी चीज मानी
जा रही है। कंपनियां का वॉयस रेवेन्यू ठहर गया है, जबकि 3जी नेवटर्क पर
रिटर्न काफी कम है।
वाजपेई ने बताया, श्4जी का कॉस्ट
स्ट्रक्चर तकरीबन 2-3 पैसे
प्रति एमबी तैयार किया जा सकता है। ग्राहकों को 2-5 पैसे प्रति एमबी
का रेट ऑफर किया जाएगा। हम ऐसा कर सकते हैं क्योंकि कंपनी पहले ही वाई-फाई ब्रॉड बैंड
पर 2-5 पैसे
प्रति एमबी का रेट ऑफर कर रही है। इसमें 10 एमबीपीएस की स्पीड होती है। ये टैरिफ
माकेर्ट में खलबली मचा देंगे।श्
सस्ती 4जी सर्विस मोबाइल
ऑपरेटरों के 3जी सर्विस
के बिजनेस को चौपट कर सकती है। 3जी सर्विस के लिए 1जीबी के डाउनलोड की
कीमत 250 रुपए है, जो 30 पैसे प्रति एमबी
बैठती है। साथ ही,
सिस्तेमा श्याम, टाटा टेलिसर्विसेज और रिलायंस कम्युनिकेशंस
जैसे ऑपरेटरों का डाटा बिजनेस भी चौपट हो जाएगा, जो डोंगल और प्लग
इन डिवाइस बिजनेस में हैं।
ऐसी डिवाइस से
वायरलेस इंटरनेट की सर्विस ऑफर की जाती है। तीन साल तक चले टैरिफ वॉर के बाद पिछले
एक साल में मोबाइल कंपनियों ने कॉल रेट्स में बढ़ोतरी शुरू की है। इस वॉर से
कंपनियों का मुनाफे पर जबरदस्त मार पड़ी और रेवेन्यू ग्रोथ भी रुक गई थी।
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