कठपुतली नचाने वाले
अहमद सबके सामने कैसे!
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)।
लोग हैरान हैं कि आखिर कांग्रेस के संकटमोचक, पर्दे के पीछे से कठपुतली नचाने के माहिर
खिलाड़ी, सोनिया
गांधी के राजनैतिक सलाहकार अहमद पटेल पहली बार पर्दे से बाहर आकर काम कैस कर रहे
हैं? आखिर क्या
वजह है कि अपने गृह राज्य गुजरात में एकाएक अहमद पटेल ने अति सक्रियता दिखाई है?
कांग्रेस के सत्ता
और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ, (बतौर सांसद श्रीमति सोनिया गांधी को आवंटित
सरकारी कोठी) के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अहमद
पटेल की वैसे तो कांग्रेस में तूती बोलती है पर अहमद पटेल पर यह आरोप लग रहे हैं
कि वे अपने गृह राज्य गुजरात में कांग्रेस को अगर जिला (जिंदा करना) पाए तो पूरे
देश की दिशा और दशा के लिए सोनिया गांधी को भला कैसे सलाह दे पाएंगे।
सूत्रों ने यह भी
बताया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भी इन आरोपों की आंच आती जा रही है कि
बिना रीढ़ के अहमद पटेल की सलाह पर ही चलकर उत्तर प्रदेश जहां से सोनिया और राहुल
चुनकर आते हैं में कांग्रेस औंधे मुंह गिरी है। यही कारण है कि अहमद पटेल से
सोनिया गांधी ने कहा है कि चाहे परिणाम प्रतिकूल क्यों ना आएं, वे राजनैतिक फ्रंट
पर आकर अवश्य खड़े हों ताकि लोगों के मुंह बंद हो जाएं।
पर्दे के पीछे से
कठपुतली नचाने के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले अहमद पटेल इन दिनों रेलियों में ना
केवल शिरकत कर रहे हैं वरन् रेलियों को संबोधित भी कर रहे हैं। उधर, अहमद पटेल के करीबी
सूत्रों का कहना है कि अहमद पटेल के द्वारा समाचार चेनल्स पर भी ‘प्रायोजित‘ साक्षात्कार भी किए
जा रहे हैं। इन बातों में कितनी सच्चाई है इस बारे में तो अहमद पटेल जाने या
समाचार चेनल वाले पर पहली बार अहमद पटेल के द्वारा सामने आने पर हर किसी को
आश्चर्य होना स्वाभाविक ही है।
अहमद पटेल के
द्वारा गुजरात में जो कुछ किया जा रहा है वह निश्चित तौर पर उनकी सोची समझी रणनीति
का ही हिस्सा होगा,
क्योंकि अहमद पटेल गुजरात में मुख्यमंत्री तो कतई नहीं बनना
चाहेंगे, क्योंकि
उनकी सलाह पर कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी और युवराज राहुल गांधी जो
चल रहे हैं।
1 टिप्पणी:
बेहतर लेखन !!
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