सोमवार, 21 जनवरी 2013

2014 में होगी राजपथ पर गणतंत्र की झांकी: सीपीआर


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------39

2014 में होगी राजपथ पर गणतंत्र की झांकी: सीपीआर

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह पर निकलने वाले चल समारोह में देश भर के सूबों की झांकियां दिखेंगी पर इस साल भी लगातार दूसरी बार मध्य प्रदेश की झांकी दिखाई नहीं पड़ेगी, इस सवाल के जवाब में मध्य प्रदेश के जनसंपर्क आयुक्त का कहना है कि वर्ष 2014 में मध्य प्रदेश की झांकी अवश्य दिखाई देगी। ज्ञातव्य है कि 2013 के दिसंबर में विधानसभा चुनाव हैं, चुनावी साल में शिवराज सिंह चौहान सरकार की योजनाओं के प्रचार प्रसार से ना केवल मध्य प्रदेश वरन देश भर में भाजपा को पालीटिकल माईलेज मिलने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
मध्य प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों और योजनाओं की जानकारी जन जन तक पहुंचाने के लिए पाबंद जनसंपर्क विभाग अपने मूल काम को अंजाम देने के स्थान पर पूरी तरह से किसी और के इशारों पर काम करता नजर आ रहा है। यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि लगातार दूसरे साल भी दिल्ली के राजपथ पर मध्य प्रदेश सरकार की झांकियां तलाशते फिरेंगे एमपी के वाशिंदे।
रक्षा मंत्रालय के डीसेरीमोनियल अनुभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को स्पष्ट तौर पर बताया कि इस साल एक बार फिर गणतंत्र दिवस पर राजपथ मध्य प्रदेश की झांकी से रीता ही रहेगा। पिछले साल तो एमपी से प्रस्ताव आ गए थे पर उनमें से किसी का चयन नहीं किया गया किन्तु इस साल तो हद ही हो गई है क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार के सत्ता के मद में डूबे नौकरशाहों ने झांकी का प्रस्ताव ही केंद्र को नहीं भेजा।
इस संबंध में जब आयुक्त जनसपंर्क राकेश श्रीवास्तव से चर्चा की गई तो उन्होंने मोबाईल पर साई न्यूज को बताया कि गणतंत्र दिवस पर झांकियां रोटेशन में शामिल की जाती है, अतः अगले साल इन्हें भेजा जाएगा। जब उन्हें याद दिलाया गया कि पिछले साल भी झांकी शामिल नहीं हुई थी, तब उन्होंने कहा कि हम अगले साल के गणतंत्र 2014 के लिए प्रस्ताव अवश्य तैयार कर भेजेंगे। इस साल प्रस्ताव शामिल नहीं किए जाने के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस साल हमने प्रस्ताव ही नहीं भेजे हैं। इसके पहले कि उनसे यह पूछा जाता कि यह चुनावी साल है इससे सरकार की नीतियां रीतियां जनता तक आसानी से पहुंच सकती उन्होंने फोन ही रख दिया।
वहीं दूसरी ओर जनसंपर्क विभाग के अपर संचालक लाजपत आहूजा से इस संबंध में जब समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ने विभाग का दृष्टिकोण जानना चाहा तो उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि यह जनसंपर्क विभाग के फील्ड पब्लिसिटी डिपार्टमेंट का काम है और इस विभाग को सुरेश तिवारी डील करते हैं आप उनसे ही मालुमात कीजिए।
जब इस संबंध में जनसंपर्क के फील्ड पब्लिसिटी विभाग से संपर्क किया गया तो एक अधिकारी ने उचटते ही कहा कि नहीं गई तो नहीं गई इससे क्या फर्क पड़ता है।? आप साबित क्या करना चाहते हैं? जब उनसे आग्रह किया गया कि साई न्यूज कुछ साबित नहीं करना चाहता वरन् उनसे सरकार का पक्ष जानना चाह रहा है तब फिर बाद में उन्होंने नाम उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से कहा कि यह पूरा मामला आयुक्त डील करते हैं अतः उनसे ही संपर्क किया जाए एवं उनका नाम कहीं कोड ना किया जाए।
भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय 11, अशोक रोड़ में बैठे एक वरिष्ठ पदाधिकारी से जब इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि दरअसल, यह सत्ता और संगठन के बीच वर्चस्व की जंग का नतीजा है। उन्होने कहा कि पूर्व अध्यक्ष चाहते थे कि वे प्रदेश के निजाम बन जाएं, इसी लिहाज से उन्होंने अपने समर्थक सरकारी अधिकारियों की जमावट करना आरंभ किया था। सबसे पहले मीडिया को साधने वाले जनसंपर्क विभाग पर पकड़ बनाई गई, फिर दूसरे विभागों पर। अब उनके जाते ही उपजे वेक्यूम के चलते यह परिस्थिति निर्मित हो रही है।
इस बात में सच्चाई कितनी है यह तो भाजपा संगठन और मध्य प्रदेश सरकार जाने किन्तु यह सच है कि चुनावी साल में देश की राजधानी में मध्य प्रदेश की झांकी ना होना आश्चर्य का ही विषय है। ज्ञातव्य है कि देश के हृदय प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान ने महिला सशक्तिकरण के लिए बेटी बचाओ अभियान का आगाज किया। इसके उपरांत 2007 में लाडली लक्ष्मी योजना का श्रीगणेश किया जिसमें लगभग साढ़े तेरह लाख बच्चियां अब तक लाडली लक्ष्मी बन चुकी हैं। महिलाओं पर आधारित तेजस्वनी योजना के तहत स्वसहायता समूहों का गठन भी किया गया है।
शिवराज सिंह चौहान के खाते की सबसे सुपर डुपर हिट योजना है मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना। इस योजना पर आधारित झांकी अगर इस साल गणतंत्र दिवस पर राजपथ से गुजरती तो निश्चित तौर पर मध्य प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में भाजपा को जमकर लाभ होता। इस योजना में उत्तराखण्ड, उड़ीसा, गुजरात, जम्मू काश्मीर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तमिल नाडू, झारखण्ड, कर्नाटक और महाराष्ट्र का चयन किया गया है।
इन राज्यों में जब तीर्थ दर्शन योजना की रेलगाडी जाती और उसकी जमकर पब्लिसिटी करवाई जाती तो निश्चित तौर पर इसका लाभ वहां भाजपा को मिल सकता था। इन राज्यों में भाजपा की स्थानीय इकाई अगर तीर्थ यात्रियों का स्वागत करती तो इसका संदेश बहुत ही अच्छा जा सकता था, विडम्बना ही कही जाएगी कि मध्य प्रदेश के सरकारी नुमाईंदे और शिवराज सरकार के अंगों ने इस दिशा में विचार ही नहीं किया।
देश की राजधानी दिल्ली के मंहगे व्यवसायिक इलाके कनाट सर्कस के बाराखम्बा रोड़ स्थिति मध्य प्रदेश आवासीय आयुक्त के कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि 2013 के अंत में चुनाव होने हैं और फिर अगली सरकार किसकी बनती है अगले साल गणतंत्र पर प्रदेश की झांकी क्या बनेगी यह बात भविष्य के गर्भ में है, किन्तु इस बार गणतंत्र दिवस पर चुनावी साल होने के बाद भी इसका फायदा मध्य प्रदेश के सरकारी नुमाईंदों ने शिवराज सिंह को नहीं लेने दिया, जो आश्चर्य का विषय ही माना जा रहा है। सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि मध्य प्रदेश जनसंपर्क के फील्ड पब्लिसिटी में पदस्थ एक अधिकारी इस बात से नाराज हैं कि उनका तबादला दिल्ली से वापस कर दिया गया था, इसलिए पिछले दो सालों से उन्होंने इस मामले में अपनी दिलचस्पी ना दिखाते हुए झांकी के प्रोग्राम से किनारा ही कर रखा है।

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