फर्जी प्रेस व
पुलिस लिखे वाहनों पर कार्यवाही की मांग
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। जिला
मुख्यालय सहित पूरे जिले में विभिन्न तरह के दोपहिया और चौपहिया वाहनों में अनुचित
व अनाधिकृत रूप से प्रेस व पुलिस शब्द का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है।
हालांकि यातायात विभाग द्वारा इसके लिए मुहिम भी चलाई गई थी, जो ठंडे बस्ते में
चली गई है।
बताया जाता है कि
प्रेस व पुलिस लिखे वाहनों में यातायात विभाग भी कार्यवाही करने से कतराता है, जिससे इनके हौंसले
दिन- ब- दिन बुलंद होते जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गत कुछ वर्षाे एक प्रेस लिखे
चौपहिया वाहन में अवैध रूप से ले जाई जा रही कीमती लकड़ी भी पकड़ाई थी, जिससे प्रेस की थू-
थू भी हुई थी। वहीं इन दिनों शहर में कुछ तथाकथित लोग अपने आप को पत्रकार बताने से
भी नहीं चूकते, जिनका
प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया से कोई लेना- देना नहीं होता, फिर भी वे अपनी
धौंस जमाने की फिराक में लगे रहते हैं। वहीं दूसरी ओर अनेक गाडिय़ों के सामने पुलिस
लिखकर तीन- तीन सवार होकर यातायात नियमों का खुला उल्लंघन किया जाता है। इतना ही
नहीं पुलिस एवं प्रेस लिखे वाहनों में बैठे ये लोग छींटाकशी करने से भी नहीं
चूकते। इन तथाकथित लोगों की वजह से समाज की महिलाएं पुलिस व प्रेस को दागदार समझ
बैठती हैं।
यदि इन फर्जी प्रेस
व पुलिस लिखे वाहन सवारों से अखबार व पुलिस से जुड़े होने का प्रमाण मांगा जाये तो
सच्चाई अपने आप सामने आ जाएगी। आशा है कि नवागत पुलिस अधीक्षक इस मामले को संज्ञान
में लेकर क्या कार्यवाही करते है?
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