देश में बढ़ रही है बाघों की संख्या
(अमित कौशल)
नई दिल्ली (साई)। देश में बाघ बढ़ रहे
हैं। सरकार ने मंगलवार को बताया कि देश में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी के संकेत
मिले हैं। पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री जयंती नटराजन ने राज्य सभा को बताया कि
संशोधित पद्धति का उपयोग कर हर चार साल के अंतराल में एक बार किए गए आकलन में देश
में बाघों की संख्या बढ़ने के संकेत मिले हैं।
उन्होंने बताया कि हालिया अखिल भारतीय
अनुमान 2010 के अनुसार बाघों की संख्या बढ़कर 1706 तक हो सकती है, जबकि 2006 के अनुमान के अनुसार यह संख्या करीब 1411 थी। उन्होंने बताया कि 2013 में 34 बाघों की मौत हुई। इनमें से पांच बाघ
शिकार के चलते मारे गए और तीन बाघों की मौत प्राकृतिक एवं अन्य कारणों से हुई। 26 बाघों की मौत के कारणों की जांच की जा
रही है।
जयंती ने बीरेंद्र प्रसाद वैश्य के सवाल
के लिखित उत्तर में बताया कि असम में अपने मूल स्थानों को छोड़कर अन्य जगहों पर आये
बाघों के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है। पर्यावरण एवं वन राज्य
मंत्री ने विजय जवाहरलाल दर्डा के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 2012-13 के दौरान विभिन्न राज्यों में रेल
दुर्घटनाओं के कारण 16 हाथियों की मौत हुई जबकि वर्ष 2011-12 में यह आंकड़ा 13 था। जयंती ने बताया कि असम के काजीरंगा
राष्ट्रीय उद्यान और उसके बाहर पिछले तीन वर्ष और चालू वर्ष के दौरान 18 गैंडे शिकार में मारे गए।
उन्होंने बताया कि कार्बेट बाघ रिजर्व
के दक्षिणी भाग में 24 घंटे इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की जा रही है और इसके लिए लंबी रेंज वाले
इंटेलिजेंट थर्मल तथा इन्फ्रारेड कैमरों का प्रयोग किया जा रहा है।
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