गुरुवार, 6 जून 2013

सोशल मीडिया पर जारी हैं टिप्पणियों का सिलसिला

सोशल मीडिया पर जारी हैं टिप्पणियों का सिलसिला

(पीयूष भार्गव)

सिवनी (साई)। शराब व्यवसाई रहे, लखनादौन मस्जिद के सरपरस्त, राय पेट्रोलियम के संचालक और लखनादौन बार कौंसिल के अध्यक्ष दिनेश राय द्वारा पत्रकार लिमटी खरे की अय्याशी और बेवड़े होने तथा लिमटी खरे के साथ दुर्घटना घटने पर उन्हें जिम्मेदार ना समझा जाने की जिला पुलिस अधीक्षक को की गई शिकायत के बारे में सोशल मीडिया फेसबुक पर टिप्पणियों का सिलसिला जारी है।
इस सबंध में लल्लू बघेल का कहना है कि खरे जी आपको किसी से चरित्र प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। बोलने वाले को जरूर लगेगा।
राजू थापा कहते हैं कि दादा कमेंट्स देखकर ही लगता है कि आदमी किस स्तर का है। बाकी तो दुनिया देख ही रही है। बयानों की राजनीति करने वाले बहुत लोग मिलेंगे। शायद इसे ही कहते हैं खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे। राजू थापा ने आगे लिखा  है कि पोस्ट पढ़ने के उपरांत ऐसा लग रहा है कि साजिश की शुरूआत हो चुकी है दादा। और साजिश को अमली जामा पहनाने में किन-किन लोगों का उपयोग किया जा रहा है, स्पष्ट नजर आ रहा है। दादा आप सावधान रहें।
दिनेश राय को थोड़ी गर्मी सिर पर चढ़ गयी है, कृपया किसी अच्छे औषधालय में चेक करायें... ये कहना है मृदुल चड्ढा का।
अल्ताफ उर्र रहमान कहते हैं कि ‘‘किसी भी मस्जिद का अगर सरपरस्त एक शराब कारोबारी हो, मैं उस मस्जिद को मस्जिद ही नहीं मानता।‘‘
जितेन्द्र यादव का कहना है कि लिमटी भाई किसी को खींचकर उसको उसकी औकात पर कैसे लाना है ये कोई आपसे सीखे.... हाःहाःहाः धीरे धीरे ही सही, पर आ तो रहा है।
जगदीश रावलानी ने सलाह दी है कि जेड प्लसके लिये तैयार रहो।
जिब्राईल अंसारी लिखते हैं कि मैं लिमटी भाई को 1996 से जानता हूं, जहां तक मैं आपको जानता हूं, हमेशा से आपकी छवि स्वस्थ्य और स्वच्छ रही है। ऐसे में यदि आपकी छवि पर कोई कालिख पोतने का काम करता है तो वह बहुत निंदनीय विषय है।  ऐसी विपरीत परिस्थिती में कोई भी ईमानदार, निर्भीक पत्रकार को अपने स्वाभाविक कार्य को अंजाम देने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पर आप हर परिस्थिती से निपटने में सक्षम हैं।
‘‘किसी भी पत्रकार पर कोई इस तरह खीझे तो समझ लीजिये कि पत्रकार ने उसकी कुछ काली करतूतें तो उजागर कर ही दी हैं‘‘ ये कहना है आलोक सिंघई का।
रित्युत मिश्रा लिखते हैं, गुरूदेव सच बोलने का यही सिला मिलता है। यदि कोई पत्रकार कोई सच लिख दे तो ऐसी ही हरकतें होती हैं..... शर्मनाक कार्य है ऐसी गलत टिप्पणी करना वो भी किसी वरिष्ठ पत्रकार पर। उन्होंने आगे लिखा है कि गुरूदेव ऐसी धमकी देना ओछेपन के अलावा कुछ नहीं है, सच्चे आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मैं सदैव आपके साथ हूं।

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