मंगलवार, 2 जुलाई 2013

दवाओं के लिए भटक रहे पैंशनर्स

दवाओं के लिए भटक रहे पैंशनर्स

सिविल सर्जन की परवाह नहीं कर्मियों को

(महेश रावलानी)

सिवनी (साई)। इंदिरा गांधी के नाम से सुशोभित जिला चिकित्सालय में इन दिनों अंधेरगर्दी का आलम पसरा हुआ है। आलम यह है कि पैंशनर्स को ही दवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। पैंशनर्स को मिलने वाली दवाओं में कटौती पहले ही कर दी गई है और अब जो दवाएं अस्पताल प्रशासन के पास उपलब्ध हैं वे भी पैंशनर्स को नसीब नहीं हो पा रही हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पैंशनर्स जब अस्पताल जाकर अपने हक की दवाईयां लेने सरदार वल्लभ भाई पटेल निःशुल्क दवा योजना में पैंशनर्स, सीनियर सिटीजन्स और विकलांग के लिए बने प्रथक काउंटर में जाते हैं तो उन्हें वहां कोई भी कारिंदा नजर नहीं आता है।
बीते दिवस एक पैंशनर के परिचारक द्वारा दवाएं ना मिलने की शिकायत सिविल सर्जन डॉ.सत्यनारायण सोनी से की गई तो उन्होंने वहां उपस्थित डॉ.पुरूषोत्तम सूर्या को मामले को देखने को कहा गया। डॉ.सूर्या चूंकि अन्य मरीज को देखने में व्यस्त थे अतः डॉ.सोनी स्वयं ही दवा वितरण केंद्र पहुंचे।
जब वे वहां पहुंचे तो वहां उपस्थित दवा वितरण कर रहे कर्मचारी ने डॉ.सोनी के समक्ष ही पैंशनर्स के परिचारक को दो टूक शब्दों में कह दिया कि वे पैंशनर्स को दवाएं नहीं दे सकते। जब इस बात की और सिविल सर्जन डॉ.सोनी का ध्यान आकर्षित कराया गया तो डॉ.सोनी की बोलती ही बंद हो गई।
वस्तुतः डॉ.सत्यनारायण सोनी सिविल सर्जन के पद पर पदस्थ है, और उनका काम अस्पताल में प्रशासनिक व्यवस्था को चाक चौबंद रखना है। डॉ.सोनी जिला चिकित्सालय में लगभग पच्चीस सालों से अधिक समय से निश्चेतक के पद पर पदस्थ हैं। डॉ.सोनी पर निश्चेतना के लिए सौ से एक हजार रूपए तक की रिश्वत लेने के आरोप कई बार लग चुके हैं।
बताया जाता है कि डॉ.सोनी पर पूर्व में भी निजी चिकित्सालयों में जाकर बतौर निश्चेतक सेवाएं देने, जिला चिकित्सालय में शल्य क्रिया के पूर्व रूपयों के लेन देन आदि के आरोप लग चुके हैं। बताया जाता है कि कई बार तो डॉ.सोनी के साथ मारपीट तक की नौबत आ चुकी है।
इस संबंध में अस्पताल के ही एक कर्मचारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से कहा कि चूंकि डॉ.सत्यनारायण सोनी सालों से सिवनी में ही पदस्थ हैं और उनका पूरा ध्यान बजाए चिकित्सा के कर्म की तरफ होने के, धन उगाही में ही लगा रहता है अतः अस्पताल के कर्मचारी भी डॉ.सोनी की बात को ज्यादा वजन नहीं देते हैं।
इस बात में कितना दम है यह बात तो डॉ.सोनी ही जाने पर प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बीते दिवस सरदार वल्लभ भाई पटेल निःशुल्क दवा वितरण केंद्र में हुए वाक्ये में ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो वहां उपस्थित कर्मचारी सिविल सर्जन हों और डॉ.सोनी वहां दवा बांटने वाले।

इस बात की शिकायत जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.वाय.एस.ठाकुर से की गई तो उन्होंने पूरी बात सुनने के उपरांत कहा कि इस मामले में शो काज नोटिस अवश्य जारी करेंगे। इस संबंध में सोमवार को जब डॉ.ठाकुर का पक्ष जानने का पुनः प्रयास किया गया तो सुबह वे जिला कलेक्टर की टीएल बैठक में व्यस्त थे और शाम को वे पुनः किसी अन्य बैठक में व्यस्त हो गए।

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