सुषमा को कांग्रेस का करारा जवाब!
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के विदिशा से लोकसभा सदस्य एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के रवैए से कांग्रेसनीत संप्रग सरकार खासी खफा नजर आ रही है। सीवीसी मामले में बखिया उधेड़ने वाली प्रखर वक्ता सुषमा स्वराज को कांग्रेस के प्रबंधकों की सलाह पर सरकार ने नजर अंदाज करना आरंभ कर दिया है। इसी कड़ी में पाकिस्तान के वजीरेआजम को प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह द्वारा दिए गए रात्रि भोज के मेन्यू में से स्वराज का नाम ही गायब कर दिया गया था।
पीएमओ के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पाक प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी के सम्मान में भारत के प्रधानमंत्री डॉ.एम.एम.सिंह द्वारा रात्रि भोज का आयोजन किया गया था। इस भोज में कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी, महासचिव राहुल गांधी, बीसीसीआई के शशांक मनोहर और राजीव शुक्ला यहां तक कि सोनिया के दमाद राबर्ट वढ़ेरा तक आमंत्रित थे। इस भोज का न्योता नहीं भेजा गया तो बस लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमति सुषमा स्वराज को।
वैसे देखा जाए तो प्रोटोकाल के तहत जब भी कोई विदेशी प्रधानमंत्री भारत की यात्रा पर आता है और उसके सम्मान में दोपहर या रात्रि का भोज आयोजित होता है तो उसमें लोस के नेता प्रतिपक्ष को बिना भूले बुलावा भेजा जाता है। लोगों को आश्चर्य इस बात पर हो रहा है कि इसमें सुषमा को आमंत्रण क्यों नहीं भेजा गया?
माना जा रहा है कि सरकार की बखिया उधेड़ने पर आमदा सुषमा स्वराज को कांग्रेस का यह करारा जवाब था। भाजपा के हाथ यह एक अचूक अस्त्र लगा है जिसका उपयोग वह बखूबी कर कांग्रेस से यह पूछ सकती है कि आखिर क्या वजह थी कि इस भोज में कांग्रेस, सरकार और बीसीसीआई ने सुषमा स्वराज को आमंत्रित करना मुनासिब नहीं समझा।
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