मंगलवार, 20 सितंबर 2011

कम होती नहीं दिख रहीं शीला पुत्र की मुश्किलें


कम होती नहीं दिख रहीं शीला पुत्र की मुश्किलें

दस लाख रूपए की रकम बनी संदीप दीक्षित के गले की फांस

जयेश माथुर ने नोटों का बैग क्यों दिया था सांसद को?

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। दिल्ली की कुर्सी पर तीसरी बार बैठने का रिकार्ड बनाने वाली मुख्यमंत्री के सांसद पुत्र संदीप दीक्षित की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। भोपाल एक्सप्रेस पर एसी फर्स्ट क्लास में उनकी सीट पर मिले दस लाख रूपए के बैग को लेकर अब पुलिस ने रंग दिखाना आरंभ कर दिया है। इस रकम के दावेदारों को खोजने के लिए पुलिस अभियान भी चलाने वाली है। इस रकम पर दावा करने वाले आर्किटेक्ट जयेश माथुर के बयान को भी पुलिस संदेहास्पद ही मान रही है।

ज्ञातव्य है कि मंगलवार 13 सितम्बर को दक्षिण दिल्ली के सांसद और मुख्यमंत्री श्रीमति शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित एसी फर्स्ट क्लास से निजामुद्दीन से हबीजगंज के लिए रवाना हुए थे। अगले दिन रेल की सफाई के दौरान उनकी सीट पर एक बैग मिला था जिसमें दस लाख रूपए की राशि निकली थी। रेल्वे पुलिस ने इस रकम को अपने कब्जे में कर लिया था।

मामला जैसे ही उछला वैसे ही सांसद संदीप दीक्षित ने कहा कि न तो वह बैग ही उनका है और न ही उसमें रखे रूपए उनके हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार सांसद संदीप दीक्षित ने दस लाख रूपए अपने मित्र जयेश माथुर के बताए थे। उल्लेखनीय होगा कि जयेश माथुर उसी रेल के एसी सेंकड में यात्रा कर रहे थे। मामला तब और उलझ गया जब उस बैग में सांसद संदीप दीक्षित की दवाएं भी पुलिस ने जब्त की।

व्याप्त चर्चाओं के अनुसार दस लाख रूपए की रकम मामूली नहीं होती है। साथ ही साथ एसी सेकंड में सफर करने वाले जयेश ने आखिर उस बैग को सांसद संदीप दीक्षित के पास क्यों छोड़ा? साथ ही साथ इतनी बड़ी रकम उन्होंने कहां से निकाली? इतना ही नहीं उस बैग में सांसद संदीप दीक्षित की दवाएं कहां से आ गईं?

रेल्वे पुलिस के सूत्रों का कहना है कि जयेश माथुर ने भोपाल के गोविंदपुरा अनुविभागीय दण्डाधिकारी की अदालत में इस रकम की सुपुर्दगी का आवेदन लगाया है। जयेश का तर्क है कि उनके पिता की सेवानिवृत्ति के उपरांत मिली राशि से वे भोपाल में एक फ्लेट लेने वाले थे। उन्हें यह कहां खरीदना था? इसके लिए पूर्व में उन्होंने क्या औपचारिकताएं पूरी की थीं? पिता किस पद से और कब सेवानिवृत हुए थे? पिता को इतनी बड़ी रकम कैसे मिली? जैसे प्रश्नों का जयेश ने खुलासा नहीं किया है।

रेल्वे पुलिस के सूत्रों ने आगे कहा कि अभी पुलिस ने अपनी रिपोर्ट पेश नहीं की है। वैसे प्रशासन इस रकम के ब्योरे के साथ विभिन्न स्थानों पर नोटिस भी लगाने वाली है ताकि अगर इस रकम का कोई और दावेदार आता है तो उस पर भी विचार हो सके। सूत्रों ने कहा कि सांसद इस प्रयास मे हैं कि नोटिस में इस बात का उल्लेख न हो कि उक्त राशि सांसद संदीप दीक्षित की यात्रा के दौरान उपयोग की गई बर्थ पर पर मिली है।

कहा जा रहा है कि पुलिस ने उक्त रकम को संदीप दीक्षित के कथित मित्र जयेश माथुर को सौंप दिया है। पुलिस ने जयेश से यह लिखित रूप में ले लिया है कि अगर इसका कोई दावेदार आया तो वे इस रकम को पुलिस को वापस लौटा देंगे।

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