0 महाकौशल प्रांत का सपना . . . 7
राकेश सिंह ने परोक्ष तौर पर किया महाकौशल प्रांत का इशारा
तारामण्डल और विज्ञान केंद्र की उठाई मांग
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। भविष्य में यदि महाकौशल प्रांत का सपना आकार लेता है तो निश्चित तौर पर उसकी राजधानी हृदय प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर को ही बनाया जाएगा। यहां से वर्तमान में भाजपा के संसद सदस्य राकेश सिंह ने लोकसभा में जबलपुर के विकास के आयामों को गढ़ने की तो कोशिश की गई है किन्तु महाकौशल को प्रथक प्रांत बनाने के लिए वे अब भी मौन ही धारण किए हुए हैं। अगर महाकौशल प्रांत अस्तित्व में आता है तो राकेश सिंह इस प्रांत की राजधानी के संसद सदस्य होने का गौरव पा सकते हैं।
संसद में जबलपुर के सांसद राकेश सिंह ने मांग रखी कि जबलपुर वर्तमान युग में युवा पीढ़ी को विज्ञान की दृष्टि से जागरूक एवं सक्षम बनाने के लिये जबलपुर में विज्ञान केन्द्र (साइंस सेंटर) एवं इसके साथ ही तारामंडल (प्लेनेटेरियम) स्थापित किया जाये। लोकसभा में उन्होंने कहा कि जबलपुर प्राचीन काल से ही शिक्षा के बड़े केन्द्र के रूप में विख्यात रहा है, यहां पर विज्ञान केन्द्र और तारामंडल की स्थापना से विद्यार्थियों के साथ ही युवा वर्ग को काफी लाभ होगा।
श्री सिंह ने कहा कि जबलपुर पूर्वी मध्यप्रदेश का प्रमुख केन्द्र है। यहां पर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, पशु चिकित्सा विश्व विद्यालय एवं आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के साथ ही साथ ट्रिपल आईटी जैसे शैक्षणिक संस्थान हैं। वन विभाग का उष्ण कटिबंधीय अनुसंधान संस्थान एवं राष्ट्रीय खरपतवार अनुसंधान निदेशालय जैसे शोध संस्थान हैं। इसके साथ ही रक्षा उत्पादन की पांच बड़ी इकाइयां जीसीएफ, जीआईएफ, व्हीएफजे, 506 आर्मी वर्कशॉप के साथ-साथ सेना का सप्लाई डिपो, एमईएस, सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर, आर्मी आयुध कोर (कॉलेज ऑफ मेटेरियल मैनेजमेंट), जे एंड के तथा जीआरसी के ट्रेनिंग सेंटर भी स्थित है।
इसके साथ ही यह एक बड़े पर्यटन केन्द्र के रूप में उभर रहा है। इसके अलावा यह संभागीय मुख्यालय भी है। बावजूद इसके बच्चों और युवा पीढ़ी को बौद्धिक व व्यावहारिक रूप से विज्ञान के प्रति जागरूक बनाने के लिये कोई विश्व स्तरीय संस्थान नहीं है। जिसकी वर्तमान समय में महती आवश्यकता है। सांसद श्री सिंह ने कहा कि नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम द्वारा देश के विभिन्न भागों में साइंस सेंटरों की स्थापना का कार्य किया जाता है। इस केन्द्र की स्थापना के लिये जबलपुर एक उपयुक्त स्थान है और इस केन्द्र के साथ यदि तारामंडल भी स्थापित होगा तो इसकी उपयोगिता और भी बढ़ जायेगी।
सांसद राकेश सिंह निश्चित तौर पर साधुवाद के पात्र माने जा सकते हैं कि उन्होंने महाकौशल के मुख्यालय जबलपुर को और अधिक समृद्ध करने के प्रयास किए हैं। महाकौशल के समस्त राजनैतिक दलों के अन्य क्षत्रपों, सांसद और विधायकों से अब उम्मीद बेमानी ही होगी। महाकौशल से केंद्रीय मंत्री कमल नाथ, के.डी.देशमुख, बसोरी सिंह मसराम, उदय प्रताप सिंह, गोविंद प्रसाद मिश्रा, राकेश सिंह, जितेंद्र सिंह बुंदेला, श्रीमति राजेश नंदनी सिंह, देवराज सिंह पटेल सांसद हैं, पर किसी ने इस बारे में आवाज नहीं उठाई है, इसलिए सांसद राकेश सिंह से ही अपेक्षा है कि वे प्रथक महाकौशल प्रांत का आंदोलन छेड़ें और महाकौशल के निवासियों को उनका वाजिब हक दिलवाएं।
(क्रमशः जारी)
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