0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . . 50
रोजगार के नाम पर छला जा रहा है आदिवासियों को
सिवनी में नहीं है संयंत्र का एक भी कार्यालय!
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)। देश के नामी गिरामी उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा केंद्र सरकार की छटवीं अनुसूची में अधिसूचित मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड घंसौर में लगाए जाने वाले कोल आधारित पावर प्लांट में नियम कायदों का सरेआम माखौल उड़ाया जा रहा है। सामाजिक जिम्मेदारी और सामाजिक पहलुओं की जमकर उपेक्षा संयंत्र प्रबंधन द्वारा की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड को निर्माण अवस्था और कार्यकारी अवस्था दोनों ही में स्थानीय लोगों को रोजगार दिए जाने की व्यवस्था की जानी थी। आरोपित है कि निर्माण अवस्था में ही स्थानीय लोग रोजगार के लिए भटक रहे हैं। संयंत्र प्रबंधन ने सरकार से वायदा किया था कि वह स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा और बाहरी लोगों को कम रोजगार मुहैया करवाएगी। वस्तुतः जमीनी हकीकत इससे उलट ही है।
संयंत्र में होने वाले हर काम को सिवनी जिले के निवासियों के बजाए संस्कारधानी जबलपुर के लोगों के माध्यम से करवाने के आरोप आरंभ से ही संयंत्र प्रबंधन पर लगने लगे थे। इस बात का प्रमाण इससे ही मिल जाता है कि मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा जिला मुख्यालय सिवनी में संयंत्र से संबंधित एक भी कार्यालय की स्थापना नहीं की गई है, जबकि जबलपुर में कंपनी ने अपना कार्यालय भी बनाया हुआ है।
कंपनी के सूत्रों का कहना है कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा अपने संयंत्र की स्थापना में कराए जाने वाले हर काम को आउटसोर्स कर सिवनी जिले को छोड़कर अन्य जिलों से संपादित करवाया जा रहा है। संयंत्र प्रबंधन पर रोजगार के नाम पर भोले भाले आदिवासियों को छलने के संगीन आरोप भी अब सार्वजनिक होने लगे हैं।
कुल मिलाकर सिवनी जिले की आदिवासी बाहुल्य तहसील घंसौर में पर्यावरण बिगड़े, प्रदूषण फैले, क्षेत्र झुलसे या आदिवासियों के साथ अन्याय हो इस बात से मध्य प्रदेश सरकार के प्रदूषण नियंत्रण मण्डल और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को कुछ लेना देना नहीं है। यह सब देखने सुनने के बाद भी केंद्र सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, मध्य प्रदेश सरकार, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, जिला प्रशासन सिवनी सहित भाजपा के सांसद के।डी।देशमुख विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, कमल मस्कोले, एवं क्षेत्रीय विधायक जो स्वयं भी आदिवासी समुदाय से हैं श्रीमति शशि ठाकुर, कांग्रेस के क्षेत्रीय सांसद बसोरी सिंह मसराम एवं सिवनी जिले के हितचिंतक माने जाने वाले केवलारी विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर चुपचाप नियम कायदों का माखौल सरेआम उड़ते देख रहे हैं।
(क्रमशः जारी)
1 टिप्पणी:
सार्थक और सामयिक पोस्ट,आभार.
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