मई के अंतिम सप्ताह में हो सकती है
गड़करी की दोबारा ताजपोशी
अध्यक्ष का कार्यकाल तीन
साल करने का प्रस्ताव
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)। तमाम विरोध,
अंर्तकलह,
अंर्तविरोध,
विधानसभा
चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद भी भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी अपना दूसरा टर्म
पाने के लिए पूरी तरह आश्वस्त ही दिख रहे हैं। भाजपा की दूसरी पंक्ति के नेताओं को
साईज में रखने की गरज से संघ प्रमुख ने साफ कर दिया है कि उनकी आंखों के तारे गड़करी
अपना दूसरा टर्म अवश्य ही पूरा करेंगे, साथ ही अगला आम चुनाव गड़करी के नेतृत्व
में ही लड़ा जाएगा।
दिल्ली के झंडेवालान स्थित संघ मुख्यालय
‘केशव कुंज‘ के सूत्रों का कहना है कि संघ प्रमख ने साफ कर दिया है कि पार्टी
अध्यक्ष के लिए गड़़करी का कोई विकल्प उनके पास नहीं है। सूत्रों ने कहा कि पार्टी अगला
आम चुनाव नितिन गड़करी की अगुआई में ही लड़ने वाली है साथ ही साथ अब पार्टी का चेहरा
एल.के.आड़वाणी के बजाए गुजरात के निजाम नरेंद्र मोदी होंगे।
सूत्रों के अनुसार भाजपा की दूसरी
पंक्ति के नेताओं सुषमा स्वराज, अरूण जेतली, राजनाथ सिंह आदि को कद में
रखने के लिए गड़करी से अच्छी मिसाईल दूसरी नहीं है। गड़करी ने अपने पहले टर्म में इन
नेताओं को कायदे में रखकर संघ का भरोसा और ज्यादा जीत लिया है।
गड़करी के करीबियों का कहना है कि
गड़करी ने अपने दूसरे टर्म की संभावित टीम को भी लगभग फाईनलाईज कर ही लिया है। टीम गड़करी
में संजय जोशी, जे.पी.नट्डा, धर्मेंद्र प्रधान जैसे चेहरे यथावत
बने रहेंगे। इसके अलावा मुरलीधर राव का कद बढ़ाया जा सकता है। राव को पार्टी का नया
महासचिव बनाया जा सकता है।
वहीं दूसरी ओर, गड़करी का विरोध भी जमकर हो
रहा है। केशव कुंज के सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में अगर गड़करी के नाम पर
ज्यादा किट किट हुई तो गड़करी के विकल्प के बतौर सुशील कुमार मोदी, जे.पी.नट्डा, शांता कुमार जैसे नेताओं
में से किसी को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है।
संघ के सूत्रों का कहना है कि गड़करी
ने अपना विरोध भी संघ प्रमुख के संज्ञान में ला दिया है। संघ प्रमुख ने आला नेताओं
को गड़करी के विरोध से परहेज रखने की रणनीति भी बना ली है। केशव कुंज के सूत्रों का
कहना है कि मई का पहला सप्ताहांत संघ प्रमुख मोहन भागवत दिल्ली में बिताने वाले हैं।
संघ प्रमुख की तीन दिवसीय यात्रा का मकसद गड़करी विरोध का शमन है।
सूत्रों का कहना है कि संघ प्रमुख
इन तीन दिनों में गड़करी को अध्यक्ष बनाने के अपने निर्णय को स्पष्ट शब्दों में दृढ़ता
के साथ भाजपा के आला नेताओं को सुनाकर साफ कर देंगे कि गड़करी के विरोध से किसी को कुछ
हासिल नहीं होने वाला है। सूत्रों की मानें तो मई के अंतिम सप्ताह (संभवतः 25 मई को) दिल्ली में भाजपा
का राष्ट्रीय अधिवेशन के साथ ही साथ कार्यकारिणी का आयोजन भी किया जा सकता है जिसमें
गड़करी की ताजपोशी और अध्यक्ष के कार्यकाल को तीन साल करने की संभावनाएं जबर्दस्त ही
दिख रही हैं।
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